शैलेंद्र विश्वकर्मा, अनूपपुर। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय से चाहे प्रोफेसरों का कारनामा हो, रेप हो या फिर करप्शन के दफन काले राज, अक्सर वहां से उजागर होते रहते हैं. कभी किसी को प्रताड़ना का शिकार झेलना पड़ता है तो कभी छात्रों को अपने हक लिए सड़क की लड़ाई लड़नी पड़ती है. इन सबके बीच एक रईसजादे का कारनामा सामने आया है, जो और कोई नहीं बल्कि असिस्टेंट रजिस्ट्रार का भतीजा है, जिसने तीन आदिवासी बच्चियों को अपने बेलगाम कार पहिए तले रौंद दिया, जो अब अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं.
दरअसल, अमीरी के नशे में चूर असिस्टेंट रजिस्ट्रार संजीव सिंह का भतीजा सिंद्वात सिंह ने कार से टक्कर मारी है, जिसमें बकायदा भारत सरकार लिखा है. इससे साफ जाहिर की सरकारी गाड़ियों का दुरूपयोग भी बेधड़क जारी है.
ग्रामीणों के मुताबिक सिध्दांत सिंह लंबे समय से उस रास्ते पर बेकाबू गाड़ी चलाते आ रहा है, जिसने आज आदिवासी बच्चियों को मौत के मुंह में धकेल दिया.
असिस्टेंट रजिस्ट्रार संजीव सिंह की वाहन क्रमांक एमपी-17-सीए- 7477 से भतीजे सिद्धांत सिंह सेंगर ने परीक्षा देकर लौट रही तीन छात्राओं को रौंदा है. बच्चियां भमरिया और बिजौरी की रहने वाली हैं.
इस हादसे में तीनों छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिनमें दो छात्राओं की हालत नाजुक बताई जा रही है. तीनों छात्राओं को राजेंद्रग्राम अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
मामले में अमरकंटक पुलिस ने कहा कि गाड़ी को थाने में जब्त कर लिया गया है. साथ ही असिस्टेंट रजिस्ट्रार संजीव सिंह के भतीजे सिंद्वात सिंह का थाने बैठाकर रखा गया, जिससे मामले की जानकारी ली जा रही है.
वहीं ड्राइविंग लाइसेंस के बारे में जब जानकारी मांगी गई, तो मामले में गोलमोल जवाब मिला. वहीं आईटीएनटीयू पीआरओ विजय दिक्षित ने भी इस लापरवाही पर गोलमोल जवाब देते नजर आए.
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