अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार कर किया प्रदर्शन।
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छत्तीसगढ़ के कोरबा में साथी पर कार्रवाई से अधिवक्ताओं का गुस्सा भड़क गया है। उन्होंने विरोध जताते हुए गुरुवार को एक दिन का कार्य बहिष्कार कर दिया। अधिवक्ता कोर्ट परिसर में एकत्र हो गए और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आरोप लगाया कि पुलिस उनके साथी कमलेश साहू को दुर्भावना के चलते फंसाने की कोशिश कर रही है। चेतावनी दी है कि अगर केस वापस नहीं लिया तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।
दरअसल, सारा विवाद करीब दो साल पुराना है। अधिवक्ता कमलेश साहू पर आरोप है कि उन्होंने जमानत दिलाने के लिए फर्जी जमानतदार प्रस्तुत कर दिया। इसके बाद पुलिस ने कमलेश साहू को गिरफ्तार कर लिया था। अभी वे कटघोरा जेल में बंद हैं। उन्होंने एडीजे कोर्ट में आवेदन भी प्रस्तुत किया था, लेकिन उसे निरस्त कर दिया गया। अब उन्हें हाईकोर्ट से ही राहत की उम्मीद है। इसके लिए अपील की जाएगी।
दूसरी ओर कोरबा के जिला अधिवक्ता संघ ने पुलिस की इस कार्रवाई को गलत बताया है। इसके विरोध में वकील गुरुवार को कोर्ट परिसर में एकत्र हो गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। अधिवक्ता संघ का कहना है कि, रामपुर चैकी के तात्कालीन प्रभारी कृष्णा साहू के खिलाफ अधिवक्ता ने हाईाकोर्ट में एक परिवाद दायर किया था। उसे ही वापस लेने के लिए कमलेश पर दबाव बनाया जा रहा है।
अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सजंय जयसवाल ने कहा कि, कमलेश साहू के खिलाफ की गई कार्रवाई की निंदा करते हैं। जिस तरह से उसे पकड़ा गया ऐसा लग रहा था कि वो कोई जघन्य अपराधी है। वहीं सचिव नूतन सिंह ठाकुर ने बताया कि लगातार पुलिस वकीलों पर कार्यवाही कर रही है। कुछ दिन पहले ही सजंय नगर निवासी वस्त्रकार के खिलाफ कोतवाली में मामला दर्ज हुआ। अब कमलेश साहू के खिलाफ कार्यवाही कर जेल भेज दिया गया।