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पेंशन पर रार: केंद्रीय मंत्री का रकम वापसी से इनकार, CM बघेल बोले- पैसा कर्मचारियों का, भारत सरकार का नहीं

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छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाद भी संकट खत्म नहीं हुआ है। भूपेश सरकार ने अधिसूचना जरूर जारी कर दी है, लेकिन अभी तक राज्य और केंद्र के बीच रार कायम है। उस पर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने से साफ इनकार कर दिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि, पैसा राज्य के कर्मचारियों का है। उनका अंशदान है। इसमें भारत सरकार का एक भी पैसा नहीं है। 

भारत सरकार का रवैया नकारात्मक
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में मंगलवार को पुरानी पेंशन योजना को लेकर किए गए सवाल पर कहा कि, पैसा राज्य के कर्मचारियों का है और राज्य का अंशदान है। जो केंद्रीय कर्मचारी हैं, उनका पैसा भारत सरकार के पास है। यह पैसा राज्य कर्मचारियों का है। इसके लिए हम लगातार मांग रहे हैं, लेकिन भारत सरकार नकारात्मक रवैया है। उन्होंने बताया कि, इसके लिए अधिकारियों को कहा है कि वे कर्मचारी संगठन के साथ बैठक करें। 

कर्मचारियों से वार्ता के लिए अफसरों को जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि, बातचीत में क्या रास्ता निकल सकता है देखें। उस पर विचार-विमर्श करें। इसके बाद मेरे पास आएं। फिर जो कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की गई है, उसमें क्या हल निकल सकता है, इसे देखेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हम पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। छत्तीसगढ़ के साथ ही राजस्थान, झारखंड भी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा कर चुके हैं। 

लोकसभा में वित्त राज्यमंत्री ने दिया जवाब
दरअसल, लोकसभा में सोमवार को AIMIM के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर सवाल पूछा था। इस पर वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड ने लिखित जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि इसे लागू करने का सरकार का कोई विचार नहीं है। कई राज्यों ने पुरानी पेंशन को लागू करने के लिए अपने स्तर पर नोटीफिकेशन जारी किया है। ऐसे में सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि एनपीएस (NPS) के पैसे वापसी का किसी तरह का प्रावधान नहीं है। 

मार्च में की थी सरकार ने पुरानी पेंशन की घोषणा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मार्च 2022 को पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू करने की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया और कर्मचारियों के वेतन में 10 फीसदी की हो रही कटौती को भी बंद कर दिया। सामान्य भविष्य निधि नियम के अनुसार 12% राशि GPF के लिए काटी जाने लगी। राज्य सरकार ने GPF खाते भी एजी से लेकर वित्त विभाग को दे दिया।

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छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाद भी संकट खत्म नहीं हुआ है। भूपेश सरकार ने अधिसूचना जरूर जारी कर दी है, लेकिन अभी तक राज्य और केंद्र के बीच रार कायम है। उस पर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने से साफ इनकार कर दिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि, पैसा राज्य के कर्मचारियों का है। उनका अंशदान है। इसमें भारत सरकार का एक भी पैसा नहीं है। 

भारत सरकार का रवैया नकारात्मक

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में मंगलवार को पुरानी पेंशन योजना को लेकर किए गए सवाल पर कहा कि, पैसा राज्य के कर्मचारियों का है और राज्य का अंशदान है। जो केंद्रीय कर्मचारी हैं, उनका पैसा भारत सरकार के पास है। यह पैसा राज्य कर्मचारियों का है। इसके लिए हम लगातार मांग रहे हैं, लेकिन भारत सरकार नकारात्मक रवैया है। उन्होंने बताया कि, इसके लिए अधिकारियों को कहा है कि वे कर्मचारी संगठन के साथ बैठक करें। 

कर्मचारियों से वार्ता के लिए अफसरों को जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि, बातचीत में क्या रास्ता निकल सकता है देखें। उस पर विचार-विमर्श करें। इसके बाद मेरे पास आएं। फिर जो कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की गई है, उसमें क्या हल निकल सकता है, इसे देखेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हम पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। छत्तीसगढ़ के साथ ही राजस्थान, झारखंड भी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा कर चुके हैं। 

लोकसभा में वित्त राज्यमंत्री ने दिया जवाब

दरअसल, लोकसभा में सोमवार को AIMIM के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर सवाल पूछा था। इस पर वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड ने लिखित जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि इसे लागू करने का सरकार का कोई विचार नहीं है। कई राज्यों ने पुरानी पेंशन को लागू करने के लिए अपने स्तर पर नोटीफिकेशन जारी किया है। ऐसे में सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि एनपीएस (NPS) के पैसे वापसी का किसी तरह का प्रावधान नहीं है। 

मार्च में की थी सरकार ने पुरानी पेंशन की घोषणा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मार्च 2022 को पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू करने की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया और कर्मचारियों के वेतन में 10 फीसदी की हो रही कटौती को भी बंद कर दिया। सामान्य भविष्य निधि नियम के अनुसार 12% राशि GPF के लिए काटी जाने लगी। राज्य सरकार ने GPF खाते भी एजी से लेकर वित्त विभाग को दे दिया।

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