MP News: जयवर्धन सिंह बोले- सरकार ने बजट के 40 हजार करोड़ खर्च ही नहीं किए, 37 लाख आवेदन में 21 को नौकरी मिली
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना
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प्रदेश सरकार चुनावी साल में अपना अंतिम ई-बजट पेश करने जा रही है। पेपर लेस बजट पेश होने से पहले कांग्रेस ने शिवराज सरकार को सवालों के घेरे में लिया है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने आरोप लगाया है कि बीजेपी शासन में सिर्फ झूठी घोषणाएं, खोखले विज्ञापन और बड़बोले भाषण का दौर जारी है। उन्होंने बजट सत्र के दौरान हुए राज्यपाल के अभिभाषण पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण की कुछ लाइन बिल्कुल निराधार रही। जयवर्धन ने कहा कि पूर्व का जो बजट कर्मचारियों पेंशन धारियों पर खर्च होना था उसको सरकार ने सही से खर्च नही किया।सरकार 23 हजार करोड़ के बजट को तो सरकार वित्तीय वर्ष में खर्च ही नहीं कर पाई। शिवराज सरकार ने 2021-22 में 39 हजार 786.2 करोड़ रु खर्च ही नहीं किये। सिंह ने कहा कि केंद्र की प्रायोजित योजनाओं में केंद्र सरकार ने मप्र को अब तक लगभग 50 फीसदी राशि मुहैया नही कराई है। नर्मदा घाटी विकास विभाग,पर्यटन,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सहित कई विभागों में केंद्र ने एक भी पैसा जारी नही किया है। वहीं, एक सवाल के जवाब में विधानसभा में सरकार ने जवाब दिया गया है कि रोजगार मेलो में 37 लाख आवेदन आये, जिसमें 21 को सरकारी नौकरी मिली है।
केग के विनियोग लेखा रिपोर्ट का हवाला
विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि केग के विनियोग लेखा की रिपोर्ट के अनुसार शिवराज सरकार ने 2021-22 में 39 हजार 786.2 करोड़ रुपए खर्च ही नहीं किये। जिसमें रेवेन्यु अकाउंट के हिस्से में 23 हजार 2 करोड़ और केपिटल अकाउंट में 16 हजार 784 करोड़ रूपये खर्च ही नहीं किये। रेवेन्यु अकाउंट में इतनी बड़ी राशि खर्च नहीं करने का अर्थ यह हुआ कि गरीबों के विकास की योजनाओं पर सीधा आघात किया गया, साथ ही केपिटल अकाउंट में खर्च नहीं करने का अर्थ है कि प्रदेश की अधोसंरचना विकास के साथ धोखा किया गया।
इन विभागों में इतनी राशि नहीं की खर्च
किसान कल्याण पशुपालन, मछली पालन डेयरी विभाग- 831 करोड़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग- 961.24 करोड़ रुपए, पीएचई -1233.70 करोड़, शहरी विकास और आवास विभाग- 1161.56 करोड़, जल संसाधन विभाग – 991.6 करोड़, पीडब्ल्यूडी के 1133.23 करोड़, स्कूली शिक्षा (प्रायमरी एज्युकेशन सहित) – 3784.53 करोड़, ग्रामीण विकास – 1879.76 करोड़, आदिवासी विकास विभाग- 2520.7 करोड़ रू, उच्च शिक्षा- 900 करोड़, अनुसूचित जाति विकास- 312.5 करोड़, आध्यात्मिक विभाग- 77 करोड़, महिला एवं बाल विकास विभाग- 610.8 करोड़।
केंद्र से नहीं मिली 50% राशि
केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारें प्रदेश के विकास को किस प्रकार गर्त में डाल रही है, यह चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं। केंद्र प्रायोजित योजनाओं में 47 हजार 458 करोड़ रू. वर्ष 2022-23 में खर्च किये जाने थे, जिसमें से केंद्र सरकार द्वारा 32 हजार 556.34 करोड़ रू. प्रदेश को मिलने थे और राज्य सरकार द्वारा 14 हजार 901.7 करोड़ रू. खर्च किये जाने थे, मगर भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार ने प्रदेश के साथ इतना बड़ा धोखा किया कि 31 जनवरी 2023 तक केंद्र सरकार द्वारा अपने हिस्से में से सिर्फ 16 हजार 792 करोड़ रू. ही जारी किये। अर्थात लगभग 50 प्रतिशत राशि वर्ष अंत होने के दो माह पहले तक भी नहीं भेजी।
37 लाख आवेदन, 21 को सरकारी नौकरी
जयवर्धन सिंह ने कहा कि रोजगार के संबंध में राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में उललेख किया था कि उनकी सरकार ऐसी योजना बना रही है। जिसके द्वारा एक या दो लाख सरकारी नौकरी शिक्षित युवाओं को प्रदेश में मिलेगी। जयवर्धन सिंह ने कहा कि विधानसभा मेवाराम जाटव जी ने पिछले एक वर्ष में रोजगार मेले में कितने आवेदन आय और उन आवेदनों में से कितने युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। इसके उत्तर में सरकार की तरफ से जवाब दिया गया है कि कुल आवेदन 37 लाख आए। इनमें से 21 को सरकारी नौकरी मिली है।