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Exclusive : 10 साल संघर्ष करने के बाद सत्यजीत दुबे को मिली नई पहचान, अब स्टार पावर बनने की है ख्वाहिश

बॉलीवुड अभिनेता सत्यजीत दुबे (Satyajeet Dubey) अपनी नई फिल्म ‘ऐ जिंदगी’ (Aye Zindagi) को लेकर एक बार फिर दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए तैयार हैं. हालांकि इस बार उनका अंदाज उनकी अन्य फिल्मों से जरा हटकर है. सच्ची घटना पर आधारित फिल्म ‘ऐ जिंदगी’ लोगों को हंसाएगी भी और रुलाएगी भी. यह फिल्म 14 अक्टूबर को रिलीज हो रही है. फिल्म के रिलीज से पहले ‘News18.com’ से बात करते हुए सत्यजीत दुबे ने अपनी पर्सनल-प्रोफेशनल लाइफ और ‘ऐ जिंदगी’ को लेकर कई दिलचस्प खुलासे किए. इस फिल्म में उन्होंने 26 वर्षीय विनय चावला का किरदार निभाया है जो लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है. इस रोल के लिए उन्होंने अपना 10 किलो वजन भी घटाया है. सत्यजीत दुबे से बातचीत के चुनिंदा अंश पढ़ें:

सवाल- आपकी आने वाली फिल्म ‘ऐ जिंदगी’ लिवर सिरोसिस बीमारी पर बेस्ड है, आपने इस किरदार को क्यों चुना?
जवाब: जी फिल्म, लिवर सिरोसिस पर बेस्ड नहीं है. ये एक 26 साल के लड़के की कहानी है जिसे पता चलता है कि उसे लिवर सिरोसिस है. इसके बाद वह डिनाइल मोड में चला जाता है. हालांकि वह धीरे-धीरे वह चीजों को स्वीकार करता है. उसके जिंदगी में लोग आते हैं. जो उसे उम्मीद देते है. फिल्म में रेवती जी का किरदार बेहद महत्वपूर्ण है जो विनय की जिंदगी में आती हैं और उसे उम्मीद देती हैं. कहीं ना कहीं इसमें अंगदान (आर्गेन डोनेशन) की भी बात है. इसे हमने बहुत प्यार से अपनी कहानी में पिरोया है. यह फिल्म मानवता और प्यार के बारे में बात करती हैं. आप जब फिल्म देखकर निकलेंगे तो आपके चेहरे पर मुस्कान होगी और आंखों में पॉजिटिविटी होगी. मेरा ऐसा मानना है. यह फिल्म पूरी तरह लिवर सिरोसिस के बारे में नहीं है.

सवाल- लिवर सिरोसिस पेशेंट की भूमिका को निभाने में आपको किन परेशानियों का सामना करना पड़ा?
जवाब: जब मैंने फिल्म साइन है कि उसकी तैयारी के लिए मेरे पास सिर्फ एक महीने का वक्त था. अमूनन हम फिट रहते हैं. जब मेरी मुलाकात डायरेक्टर सर से हुई तो उन्होंन कहा कि आपको बहुत वेट लूज करना होगा. आप लिवर सिरोसिस पेशेंट की तरह नहीं लग रहे हैं. मेरे पास वक्त बहुत कम था और काम बहुत ज्यादा था. मैंने कुछ दिनों में अपना वजन 10 किलो तक घटाया. इसके बाद फिल्म के कुछ सीन में मुझे 30 पार दिखना था तो उसके लिए फिर से वजन बढ़ाया. साइकोलॉजिकली और इमोशनली यह मेरे जिंदगी का सबसे मुश्किल अनुभव है. फिल्म के दौरान मुझे लगा कि मैंने कोई पंगा ले लिया है. अब मैं पलटकर देख रहा हूं तो फिल्म के ट्रेलर पर जिस तरह से लोगों का रिएक्शन आ रहा है, वह बेहद ही खूबसूरत है. मुझे लगता है कि मुझे बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिली थी जो टीम के साथ निभानी की कोशिश की.

सवाल-अभिनेत्री रेवती संग आपकी सेट पर किस तरह की बॉन्डिंग है. उनके साथ काम करना आपको कैसा लगा?
जवाब: रेवती मैम के साथ काम करना बहुत ही अमेजिंग एक्सपीरियंस है. वह बहुत मंझी हुईं कलाकार हैं. उन्होंने चार दफा नेशनल अवॉर्ड जीता है. तो कहीं ना कहीं वो बहुत खूबसूरत औरां लेकर आती हैं. उनकी सादगी उनका ग्रेटनेस है. वह बहुत ही सहज तरीके से काम करती हैं और आपको पता ही चलेगा शॉट पूरा हो गया है. मैं कहना चाहूंगा कि हमारे बीच एक स्पिरिचुअल एनर्जी चल रही थी. जब आप फिल्म देखेंगी तो आप समझ पाएंगी कि मैं क्या कह रहा हूं. मैं खुद को लकी मानता हूं कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला.

सवाल-आपने कई टीवी और फिल्मों में काम किया है. ऐसे में आप किस आधार पर फिल्मों का चुनाव करना पसंद करते हैं?
जवाब: टीवी में मैंने साल 2011 के पहले काम किया था. उसके बाद मैंने कुछ ज्यादा काम नहीं किया. फिल्मों में ही ज्यादा काम किया है. फिल्मों का चुनाव करते हुए समय, मैं देखता हूं कि किरदार क्या है, कौन लोग बना रहे हैं और उनके पीछे उनकी सोच क्या है. अगर कोई कहानी या किरदार मुझे बहुत एक्साइटेड और पुश कर रहा है तो मैं उसे नहीं छोड़ता हूं. मैं अपने किरदार को पूरा 100 पर्सेंट देता हूं.

सवाल-आपकी आने वाली फिल्में और कौन-कौन सी है, जिसमें आप चैलेजिंग रोल प्ले करने वाले हैं?
जवाब: हर फिल्म आपके लिए चुनौती भरी ही होती है. ‘ऐ जिंदगी’ मेरे लिए बतौर एक्टर अभी तक की सबसे बड़ी चुनौती वाली फिल्म है. इसके बाद एक साइंस फिक्शन आने वाली है. फिल्म का नाम अभी तय नहीं हुआ है. उसमें मेरे साथ अक्षरा हसन हैं. उसके बाद ‘मुंबई डायरी सीजन 2’ है. इसके अलावा एक वेब शो है जिसके बारे में ज्यादा बता नहीं सकता.

सवाल- आपका बॉलीवुड में अबतक का सफर कैसा रहा है और आप आगे क्या करना चाहेंगे?
जवाब: मेरी पहली फिल्म 2011 में आई थी. उसके बाद चार फिल्में रिलीज हुई हैं. दो बड़ी वेब सीरीज की है. मेरा सफर अब तक काफी मनोरंजक रहा है. मुझे ऐसा लगता है कि मेरा असली काम अब शुरू हुआ है. ओटीटी के जरिए या ‘ऐ जिंदगी’ फिल्म से मेरी नई किस्म की पहचान बाहर आ रही है. कोशिश यही है कि मैं आगे अच्छा काम करूं. अच्छे लोगों के साथ काम करूं और अच्छा किरदार निभाऊं. जहां मुझे वर्सटाइल एक्टर के तौर पर देखा जाए. मेरी ख्वाहिश है कि एक स्टार पावर बनूं जिसके साथ हर डायरेक्टर काम करना चाहें.

सवाल: बॉलीवुड में आजकल जो आउट साइडर और इन साइडर को लेकर एक ट्रेंड चल रहा है. उस पर आपको क्या कहना है.
जवाब: देखिए जो इनसाइडर हैं उन्हें गेट पास आसानी से मिल जाता है. इसमें कोई दो राय नहीं है. जो आउट साइडर हैं उन्हें मौका जरा देर मिलता है और स्ट्रगल भी करना होता है. कुछ लोगों को मौका जल्दी मिल जाता है. अब इन साउडर हो या आउट साइडर आखिरकार आपका टैलैंट ही आपको पहचान दिलाता है और कई बार ऐसा भी होता है कि आप कितने भी प्रतिभाशाली क्यों ना हो जब तक आपको अच्छा अवसर या अच्छी फिल्म ना मिले तो सब बेमानी हो जाता है. बाकी निजी तौर पर मैं इन सब मुद्दों पर गौर करना पसंद नहीं करता. जरूरी यह है कि मैं अपने आप और काम पर ध्यान दूं. इससे ही मेरी ग्रोथ होगी.

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