ओबीसी समाज ने विशाल रैली में प्रमुख मांगों में छतीसगढ़ राज्य में पिछड़ा वर्ग के 52 फीसदी, आबादी के आधार पर 27 फीसदी आरक्षण दिया जाए। राज्य में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग स्वतंत्र मंत्रालय की स्थापना की जाए। पिछड़ा वर्ग को परंपरागत वनवासी होने के नाते पांचवी अनुसूची में शामिल किया जाए। राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में भारत सरकार के जनसंख्या गणना के आधार पर जिन ग्राम पंचायतों में पिछड़ा वर्ग के बहुलता है, ऐसे ग्राम पंचायत में पिछड़ा वर्ग के सरपंच का पद आरक्षित किया जाए।
इन मांगों को लेकर भानुप्रतापपुर के बाद दूसरी बार चारामा और जिला मुख्यलाय कांकेर में विशाल रैली निकाली गई है। ओबीसी वर्ग की रैली छत्तीसगढ़ सरकार एवं भारत सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा से लेकर कॉलेज की पढ़ाई के लिए संचालित सभी आश्रम-छात्रावास में पिछड़ा वर्ग, छात्र-छात्राओं के लिए 27 फीसदी आरक्षण दिए जाने की मांग की गई है।
पिछड़े वर्ग के पदाधिकारियों से नाराज हुई भीड़
पिछड़ा वर्ग गठन की स्थापना दिवस मनाया गया। इसी सिलसिले में पिछड़े वर्ग समाज ने मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन को कलेक्टर को सौंपने के लिए विशाल रैली निकाली थी पर पिछड़े वर्ग के समाज के पदाधिकारियों द्वारा बंद कमरे में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाने से वह मौजूद रैली में लोग काफी आक्रोशित हुए। इस बीच पुलिस वालों के साथ कई मर्तबा झूमा झपटी भी हुई जिससे नाराज पिछड़ा वर्ग समुदाय के लोगों ने घंटों तक पूरा रोड जाम कर रखे थे।