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राहुल जाएंगे ओंकारेश्वर, टंट्या मामा की जन्मस्थली पर भी होगी जनसभा

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भारत जोड़ो यात्रा का मध्य प्रदेेश में गुरुवार को दूसरा दिन है। बोरगांव से राहुल गांधी करीब 13 किलोमीटर चलने के बाद और चाय के लिए रुस्तमपुर में ब्रेक लिया। राहुल यहां से टंट्या भील की जन्मस्थली जाएंगे, जो रुस्तमपुर से 25 किलोमीटर दूर है। यहां राहुल गांधी सभा को संबोधित करेंगे। राहुल यहां टंट्या मामा के परिजनों से मिलेंगे और टंट्या मामा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके अलावा राहुल गांधी 25 नवंबर को शाम साढ़े छह बजे ओंकारेश्वर में नर्मदा आरती करेंगे और मंदिर में जाकर दर्शन भी करेंगे।

सुबह राहुल गांधी ने बोरगांव से यात्रा शुरू की। मंगलवार को यात्रा का 78 वां दिन था। उनके साथ बहन प्रियंका, राॅबर्ड और  रेहान वाड्रा भी पैदल चलेे।  राहुल गांधी रुस्तमपुर के बाद टंट्या भील की जन्मस्थली जाएंगे। वहां एक जनसभा होगी। इसके बाद यात्रा छैगांव माखन के लिए जाएगी। रात्रि विश्राम खरगोन जिले के खेरदा में होगा। उधर भाजपा ने भारत जोड़ो यात्रा को घेरने की तैयारी कर ली है। जिला भाजपा अध्यक्ष राजेश सोनकर ने कहा कि 1952 में कांग्रेस ने बाबा साहेब को लोकसभा में जाने से रोका था। राहुल के महू जाने जाकर बाबा साहेब के सामने कान पकड़ कर माफी मांगना चाहिए।

आदिवासी जननायक थे टंट्यामामा

टंट्या मामा अादिवासी जननायक थे और आदिवासी समाज में उनकी छवि राॅबिन हुड की तरह है। खंडवा से लेकर महू तक टंट्या ने अपनी एक सेना तैयार कर रखी थी। उन्होंने अंग्रेजों की नाक में दम कर रखा था। 1878 में टंट्या मामा गिरफ्तार हो गए थे और जबलपुर जेल में उनको रखा गया था। वहां उन्हें फांसी दी गई थी। मालवा निमाड़ की 12 विधानसभा सीटें आदिवासी बहुल्य है और पिछले विधानसभा चुनाव मेें ज्यादातर सीटें कांग्रेस के उम्मीदवाांरों ने जीती थी।

धूल से परेशान होती रही प्रियंका

अपने भाई राहुल गांधी के साथ यात्रा में शामिल होने आई प्रियंका गांधी को निमाड़ की धूल ने काफी परेशान किया। जिस रास्ते से यात्रा गुजरी, वहां काफी धूल थी। कभी प्रियंका मुंंह पर रुमाल रखती नजर आई तो कभी उन्होंने मास्क पहना। मां के साथ चल रहे रेहान भी बार बार मुंह पर रुमाल रखते नजर आए।

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भारत जोड़ो यात्रा का मध्य प्रदेेश में गुरुवार को दूसरा दिन है। बोरगांव से राहुल गांधी करीब 13 किलोमीटर चलने के बाद और चाय के लिए रुस्तमपुर में ब्रेक लिया। राहुल यहां से टंट्या भील की जन्मस्थली जाएंगे, जो रुस्तमपुर से 25 किलोमीटर दूर है। यहां राहुल गांधी सभा को संबोधित करेंगे। राहुल यहां टंट्या मामा के परिजनों से मिलेंगे और टंट्या मामा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके अलावा राहुल गांधी 25 नवंबर को शाम साढ़े छह बजे ओंकारेश्वर में नर्मदा आरती करेंगे और मंदिर में जाकर दर्शन भी करेंगे।

सुबह राहुल गांधी ने बोरगांव से यात्रा शुरू की। मंगलवार को यात्रा का 78 वां दिन था। उनके साथ बहन प्रियंका, राॅबर्ड और  रेहान वाड्रा भी पैदल चलेे।  राहुल गांधी रुस्तमपुर के बाद टंट्या भील की जन्मस्थली जाएंगे। वहां एक जनसभा होगी। इसके बाद यात्रा छैगांव माखन के लिए जाएगी। रात्रि विश्राम खरगोन जिले के खेरदा में होगा। उधर भाजपा ने भारत जोड़ो यात्रा को घेरने की तैयारी कर ली है। जिला भाजपा अध्यक्ष राजेश सोनकर ने कहा कि 1952 में कांग्रेस ने बाबा साहेब को लोकसभा में जाने से रोका था। राहुल के महू जाने जाकर बाबा साहेब के सामने कान पकड़ कर माफी मांगना चाहिए।

आदिवासी जननायक थे टंट्यामामा

टंट्या मामा अादिवासी जननायक थे और आदिवासी समाज में उनकी छवि राॅबिन हुड की तरह है। खंडवा से लेकर महू तक टंट्या ने अपनी एक सेना तैयार कर रखी थी। उन्होंने अंग्रेजों की नाक में दम कर रखा था। 1878 में टंट्या मामा गिरफ्तार हो गए थे और जबलपुर जेल में उनको रखा गया था। वहां उन्हें फांसी दी गई थी। मालवा निमाड़ की 12 विधानसभा सीटें आदिवासी बहुल्य है और पिछले विधानसभा चुनाव मेें ज्यादातर सीटें कांग्रेस के उम्मीदवाांरों ने जीती थी।

धूल से परेशान होती रही प्रियंका

अपने भाई राहुल गांधी के साथ यात्रा में शामिल होने आई प्रियंका गांधी को निमाड़ की धूल ने काफी परेशान किया। जिस रास्ते से यात्रा गुजरी, वहां काफी धूल थी। कभी प्रियंका मुंंह पर रुमाल रखती नजर आई तो कभी उन्होंने मास्क पहना। मां के साथ चल रहे रेहान भी बार बार मुंह पर रुमाल रखते नजर आए।

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