MP News: भोपाल में शुरू हुआ 73वां इज्तिमा, 10 लाख लोगों के आने का अनुमान, पहली बार में आए थे 14 लोग
भोपाल में 73वां इज्तिमा शुक्रवार से शुरू
– फोटो : अमर उजाला
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राजधानी भोपाल के ईटखेड़ी में शुक्रवार से 73वां इज्तिमा शुरू हो गया, जो 21 नवंबर तक चलेगा। इसमें देशभर की जमातें आई है। यहां मुस्लिम धर्मगुरु तकरीरें करेंगे। यहां चार दिन में 10 लाख लोगों के जुटने का अनुमान है। इसके अनुसार ही तैयारी की गई है।
भोपाल में कोरोना के चलते दो साल बाद इज्तिमा लग रहा है। यहां पर 300 एकड़ में पंडाल लगाए गए है। भारत में सिर्फ भोपाल में इज्तिमा लगाता है। इसके अलावा पाकिस्तान और बांग्लोदश में आयोजन होता है। भोपाल के पहले इज्तिमा में 14 लोग जुटे थे। इसके बाद 1971 से बड़ा आयोजन ताजुल मसाजिद में होने लगा। इसके बढ़ते स्वरूप के चलते 2003 से ईटखेड़ी में आयोजन किया जा रहा है। चार दिन चलने वाले इज्तिमा में मुस्लिम धर्मगुरु सुबह से देर रात तक अलग-अलग विषय पर जमातों को संदेश देंगे।
इज्तिमा का आगाज शुक्रवार सुबह फजिर की नमाज के बाद राजस्थान से आए मौलाना चिराग उद्दीन साहब के बयान के साथ हुआ। ईंटखेड़ी-घासीपुरा में लाखों जमातियों के मजमे को खिताब करते हुए मौलाना ने फरमाया कि अल्लाह ने हमें किसी न किसी काम के लिए पहुंचाया है। उस काम से हम भटक गए हैं। उन्होंने हदीस और कुरआन की रोशनी में नसीहत की कि अल्लाह के हुक्म और पैगम्बर साहब के बताए रास्ते पर चलें।
मौलाना ने कहा कि दुनिया में हर चीज का मकसद है। अल्लाह ने जो आसमान बनाया उसका मकसद है, अल्लाह ने जो पहाड़ों को बनाया उसका भी अपना मकसद, समंदर, नदियां और पानी को बनाने का भी मकसद है। मखलूक को पैदा किया, उसका भी मकसद है, लेकिन सब तो अपने काम में लगे हुए हैं, सिर्फ मुसलमान अपना मकसद भूल गए हैं। उन्होंने इस दौरान पैगम्बर हजरत नूह अलैहिस्सलाम से लेकर हजरत यूसुफ अलैहिस्सलाम तक का किस्सा अपने बयान में सुनाया।
दिल्ली मरकज से आए मौलवी शाआद साहब कांधलवी ने मगरिब की नमाज के बाद बयान किया। बड़ी तादाद में मौजूद जमातों के बीच स्थानीय लोगों का भी बड़ा जमावड़ा इस दौरान लगा था। हजरत ने कहा कि पड़ोसी से अच्छे ताल्लुक, सबके लिए मन में अच्छे ख्यालात और दुनिया के हर इंसान के लिए भलाई की नीयत रखना ही सही ईमान है। इंसान नमाज और इबादत के साथ समाज में बेहतर तस्वीर पेश कर खुद के लिए भी और अपने मजहब के लिए भी अच्छे संदेश दे सकता है। इज्तिमा के पहले दिन जुमा की नमाज के बाद मेहमूद साहब की तकरीर हुई। असीर की नमाज के बाद मौलवी यूसुफ साहब ने मुख्तसिर बात की।