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छोटे भाई ने हड़प ली बड़े भाई की जमीन: पटवारी से मिलीभगत और फर्जी दस्तावेज तैयार कर चढ़वा लिया नाम, अब कलेक्टर से शिकायत के बाद जांच शुरू

गणेश मरावी,डिंडौरी। मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले के मेहंदवानी में जमीन फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. बड़े भाई के जमीन को छोटे भाई ने पटवारी से मिलीभगत कर राजस्व रिकार्ड में दर्ज करवा लिया. अब पीड़ित ने एसडीएम और कलेक्टर से शिकायत कर मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है. आवेदक ने बताया कि पैत्रिक भूमि और मेरे नाम की भूमि ख.न. 77 पर मेरे भाई गफ्फार खान ने हेरा-फेरी कर दस्तावेजों में मेरा नाम कटवाकर चोरी-चोरी अपना नाम करा लिया है. शिकायत के बाद राजस्व निरीक्षक ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की.

पीड़िता इंसार खान, अनावेदक गफ्फार खान और सतार खान तीनों भाई है, लेकिन आवेदक के छोटे भाई गफ्फार खान और सतार खान ने छलपूर्वक हल्का पटवारी से मिलकर आवेदक के स्वामित्व और कब्जा दखल की भूमि पर चोरी-चोरी अपना नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज करा लिया है. आवेदक का आरोप है कि अनावेदक गफ्फार खान के द्वारा मेरे भूमि पर मकान निर्माण कर किराये पर दे दिया है.

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मकान निर्माण कर दे दिया किराये पर

आवेदक ने बताया कि मेरा छोटा भाई सतार खान व मेरी माता सहीदन बी मेरे पक्ष में है. अनावेदक गफ्फार खान मेरे भूमि पर मकान निर्माण कर मकान किराये पर दे दिया है. पिता स्व. सुलेमान खान अपने जीवनकाल में ही अपने बड़े पुत्र इंसार खान को वर्ष 1984-85 में ग्राम मेंहदवानी में स्थित भूमि ख नं. 77 रकवा 0.03 पर नाम करा दिया था और स्व. सुलेमान के जीवनकाल में ही आवेदक ने लोन लेकर मकान बनवाया था और वर्ष 1984-85 से उक्त ख.नं. में बने मकान में आज भी निवास कर रहा है. आवेदक का नाम वर्ष 1984-85 से लेकर 2011-12 तक निरतंर राजस्व अभिलेखों में दर्ज चला आ रहा था.

घर से निकालने धमकी देने का आरोप

आवेदक ने बताया कि भाई अब मुझे और मेरे बच्चों को घर से निकालने की धमकी दे रहा है. उन्होंने बताया कि मेरे दो बेटा है. एक का नाम सिराज खान और दूसरे का नाम मिराज खान मेरे साथ रहते है.

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पटवारी के साथ मिलीभगत का आरोप

आवेदक ने आरोप लगाया है कि अनावेदक गफ्फार खान और सतार खान हल्का पटवारी से मिलकर आवेदक के स्वामित्व एवं कब्जा दखल की भूमि पर चोरी-चोरी अपना नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज करा लिया है. अनावेदक गफ्फार खान आये दिन कहता है कि मैंने उस भूमि को खरीद लिया है, उस पर तुम्हारा नाम नहीं है. तुम लोग मकान खाली कर यहां से भाग जाओ. आवेदक ने उपरोक्त भूमि का जब राजस्व रिकार्ड निकलवाया, तब पता चला कि उपरोक्त भूमि ख.नं. 77 में गफ्फार खान और सतार खान का नाम कैसे जुड़ा. जिसका कोई रिकार्ड नहीं है. जिसकी नकल के लिये भी लोक सेवा केन्द्र में भी आवेदन किया गया, लेकिन वहां पर भी उसका कोई संशोधन उपलब्ध नहीं है और न ही कोई न्यायालय का आदेश है.

अनावेदक के खिलाफ कार्रवाई की मांग

आवेदक ने बताया कि अनावेदकगण के द्वारा अपना नाम उपरोक्त खसरा में छलपूर्वक नाम दर्ज कराया है और आवेदक का नाम विलोपित कराया दिया गया है. आवेदक ने मांग किया है कि पूर्व रिकार्डों के अनुसार ख.नं. 77 रकवा 0.03 हे भूमि पर आवेदक का नाम दर्ज कर अनावेदकगण का नाम राजस्व रिकार्ड से विलोपित कर अनावेदकगण के खिलाफ कार्रवाई किया जाए.

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जांच प्रतिवेदन अधिकारियों को भेजा

इस मामले की शिकायत के बाद मौके पर जाँच करने राजस्व निरीक्षक सुखदेव भवेदी पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि खसरा नम्बर 77 की जमीन में दो भाइयों का विवाद है. कलेक्टर कार्यालय से जाँच करने के आदेश मिले है. उक्त मामले की जांच कर प्रतिवेदन उच्चअधिकारियों को भेजने की बात कही है. वहीं नायाब तहसीलदार सुखमन कुलेश ने बताया कि जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

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