छत्तीसगढ़जुर्मट्रेंडिंगदेश - विदेशवीडियोस्लाइडर

कौन निगल गया ‘पठार’ का पत्थर ? बड़ीतुम्मी पंचायत को मिला ठेंगा, खनिज संपदा लूट डाला माफिया, न किसानों और न गांव का हुआ भला, जानिए करतूतों पर क्या बोले अफसर ?

पुष्पराजगढ़ SDM बोले- अवैध खदानों को लेकर जांच टीम गठित, जांच रिपोर्ट के बाद होगा एक्शन

अनूपपुर। वैसे तो कोई भी सरकार जब ग्रामीण इलाकों में किसी कंपनी, फैक्ट्री या फिर विकासरहित कारखानों को मंजूरी देती है, तो आस-पास का विकास और लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना होता है, ताकि लोगों आमदनी बढ़े. साथ ही आस-पास के लोगों और इलाके का विकास हो, लेकिन पुष्पराजगढ़ में लूट-खसोट की दुकान खुली है. पत्थर का काला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. इलाका खोखला हो रहा है, पहाड़-पहाड़ गायब हो रहा है. धन्नासेठ मलाई छान रहा है. वहीं आस-पास के लोग और इलाका खंडहर और बदहाली में है. हैरानी की बात तो ये है जब गांव का कोई व्यक्ति शिकायत करता है तो जांच टीम आती है और दिखावा कर लिफाफा लेकर नौ दो ग्यारह हो जाती है.

क्या बोले पुष्पराजगढ़ एसडीएम ?

MP-CG टाइम्स से बातचीत में पुष्पराजगढ़ एसडीएम विवेक केव्ही ने कहा कि पुष्पराजगढ़ के अलग-अलग जगहों पर खदानें संचालित होने की जानकारी मिली है. इस मामले में जांच की जा रही है. जांच टीम गठित कर दी गई है. बड़ीतु्म्मी में भी खदानें हैं, जिसकी जांच की जा रही है. हैवी ब्लास्टिंग और अवैध खदान मामले में कहा कि इन सभी बिंदुओं की जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट आते ही एक्शन लेंगे.

दरअसल, ये बदहाली तस्वीरें अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की है, जहां ग्राम पंचायत बड़ीतुम्मी पड़ता है. ये वहीं का नजारा है, जिसके मालिक जेठू उर्फ जय प्रकाश शिवदासानी है. पुलिस से लेकर प्रशासन तक अच्छी खासी सांठगांठ है. इसलिए अवैध तरीके से उत्खनन जारी है. खदान माफिया बेहताशा खुदाई कर पत्थर निकाल रहे हैं. माइनिंग डिपोर्टमेंट समेत प्रशासनिक अफसर खनिज नियमों का पालन नहीं करा पा रहे हैं. क्रेशर संचालक सभी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. क्रेशर संचालक अनकंट्रोल हो गए हैं. प्रशासन का कोई कंट्रोल नहीं है.

ब्लास्ट से दहल रहा पुष्पराजगढ़: हैवी ब्लास्टिंग से पानी टंकी में आई दरारें, रोजाना धरती का सीना चीर रहे क्रेशर, आंख में पट्टी बांध बैठा प्रशासन, कहीं सांठगांठ तो नहीं ?

50- 60 फीट अवैध खनन

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि किसी भी खदान की खुदाई 10 फीट तक करने का नियम है, लेकिन यहां करीब 50 से 60 फीट तक खुदाई की गई है. इतना ही नहीं किसी मुख्य मार्ग से 200 मीटर की दूरी में खदान संचालन का अनुमति मिलता है, लेकिन यहां मार्ग से लगा हुआ है, जो नियम विरुद्ध है. खनिज माफिया धरती का सीना चीर कर पत्थर निकाल रहे है और अवैध तरीके से क्रेशर का संचालन कर रहे हैं. इस पर कार्रवाई तो किया जाना चाहिए, लेकिन कार्रवाई तो दूर अधिकारी झांकने भी नहीं पहुंचते हैं. ऐसे ही जिले के तमाम खदानों का हाल है.

उपजाऊ जमीन पर धूल और राख का कब्जा

हमारी टीम ने जब ग्रामीण इलाकों का जायजा लिया तो धूल, ध्वनि प्रदूषण औऱ ज्यादातर खेत बंजर नजर आए. किसान और ग्रामीणों में खासा आक्रोश देखने को मिला. क्रेशरों के धूल की वजह से किसानों के खेत बंजर पड़ गए हैं. फसल का उत्पादन कम हो गए हैं. पानी का स्त्रोत लेवल कम हो गया है, जिससे आप पास के लोगों को पानी की परेशानी हो रही है.

अनूपपुर का सीना चीर रहा माफिया: ठेका कंपनी का काला कारोबार, नदी में रेत का अवैध उत्खनन, मशीन लगाकर लाखों का चूना, कलेक्टर साहब सांठगांठ से चल रहा कारोबार ?

दारू तस्करी का हब बना पुष्पराजगढ़: राजेंद्रग्राम शराबभट्ठी में ग्राहकों को पीटा, बेखौफ बोलेरो से शराब की पैकारी, पुलिस नहीं..ग्रामीणों ने पकड़ा, गोरखधंधे पर नतमस्तक पड़ा सिस्टम ?

कहां सो रहा खनिज विभाग ? पुष्पराजगढ़ का सीना चीर रहा माफिया, अवैध क्रेशरों का संचालन, बेखौफ पत्थरों का उत्खनन, रोजाना बारूदी धमाके, साहब किसको कितना कमीशन ?

जांच के नाम पर लिफाफे का इनाम ?

ग्रामीणों का आरोप ये भी है कि राजेंद्रग्राम के पठार क्षेत्र के कोने-कोने में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है, लेकिन खनन माफिया के खिलाफ खनन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. इन खनन माफियाओं और स्टोन क्रेशर संचालकों के पास कई अवैध खदानें हैं, जो दिखावटी लीज से हटकर अवैध खनन के लिए संचालित हैं. बताया जा रहा है कि जांच के नाम पर अधिकारी लिफाफा लेकर जाते हैं.

पुष्पराजगढ़ कैसे बन रहा खोदागढ़  ?

जयप्रकाश शिवदासानी उर्फ जेठू पुष्पराजगढ़ में एक छोटे से पत्थर खदान का मालिक हुआ करता था, लेकिन देखते ही देखते सेटिंग जुगाड़ पैसे के दम और गरीब आदिवासियों का शोषण करते हुए पुष्पराजगढ़ एक के बाद एक कई क्रेशरों का मालिक बन बैठा. सूत्र बताते हैं कि जेठू सेठ की माइनिंग और पुलिस में अच्छी खासी रकम देकर अवैध उत्खनन और परिवहन का काम दिन रात चलता है. छत्तीसगढ़ से आकर मध्यप्रदेश अनूपपुर ज़िले में माइनिंग विभाग के अधिकारियों और पुलिस अधिकारी का खुला संरक्षण मिलना अपने आप में सवाल खड़ा करता है.

इसे भी पढ़ें- पुष्पराजगढ़ में बौना पड़ा सिस्टम ? बेखौफ है खनन माफिया, क्रेशरों के अनगिनत अवैध खदानें, खेत हो गए बंजर, सड़क पर उतरे ग्रामीण, कलेक्टर के जांच आदेश को ठेंगा ?

क्या बोले जयप्रकाश शिवदासानी उर्फ जेठू ?

MP-CG टाइम्स की टीम ने जब जयप्रकाश शिवदासानी उर्फ जेठू बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि अभी तक किसानों ने न ही ग्रामीणों ने कोई शिकायत नहीं की. क्रेशर के इलाके में कोई दिक्कतें किसी को नहीं आ रही है. वहीं जब हमने बड़ीतु्म्मी पंचायत के विकास में क्या योगदान है, किसानों के लिए आपने क्या कुछ किया, क्या कभी किसी किसान की मदद की, तो इन सबका उनके पास कोई जवाब नहीं था, जिसका सीधा उदाहरण है कि छत्तीसगढ़ से आकर मध्यप्रदेश की खनिज संपदा को लूटकर अपना साम्राज्य खड़ा कर रहे हैं, जिनका सीधा सा फंडा है इलाके से जितना लूट सको लूट लो, क्योंकि अधिकारी इनके जेब में हैं.

2021 में सील हो गई थी कंपनी

बता दें कि सरस्वती माइनिंग कंपनी एंड क्रेशरिंग पर जबलपुर स्टेट जीएसटी की टीम ने कार्रवाई की थी. दिन भर चली कार्रवाई के दौरान काफी संख्या में दस्तावेज जब्त किए गए थे. वहीं एक क्रशर को सील भी कर दिया गया था. 50 लाख रुपए की कर चोरी सामने आई थी. पुष्पराजगढ़ क्षेत्र में अलग-अलग स्टोर क्रेशर का संचालन किया जा रहा है. उस समय असिस्टेंट कमिश्नर जीएसटी प्रकाश सिंह बघेल की अगुवाई में स्टेट जीएसटी जबलपुर की 20 सदस्यीय टीम ने एक साथ छापेमारी की थी.

इन जगहों पर धड़ल्ले से चल रहे क्रेशर

सरस्वती माइनिंग कंपनी की पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के ग्राम बसही, बड़ी तुम्मी और ग्राम परसेकला समेत कई जगहों पर बड़े-बड़े क्रेशर संचालित हैं. माइनिंग लीज भी है, लेकिन कई खदानें अवैध हैं, जहां खनिज विभाग के नियमों को धत्ता बताया जाता है. कंपनी द्वारा रेलवे जैसे बड़े सेक्टर में सप्लाई की जाती है. बसही के क्रेशर प्लांट को सील कर दिया था.

देखिए वीडियो-


नोट-  MP-CG टाइम्स की टीम पुष्पराजगढ़ की बदहाली को हर रोज नए एपीसोड के साथ किस्त-दर-किस्त लेकर आ रही है. कैसे अधिकारी और माफिया के बीच सेटिंग होती है और मिलजुलकर लूट रहे हैं. पठार की खनिज संपदा को निगला जा रहा है.

Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanistan Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

Advertisements

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button