गुमला। झारखंड के गुमला में अंधविश्वास चरम पर है. जागरूकता की कमी के कारण ग्रामीण अंचलों में दिन प्रतिदिन मारपीट और हत्या जैसी जघन्य घटनाएं घटती जा रही हैं. ताजा मामला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र के गम्हरिया गांव का है.
जहां गांव के 45 वर्षीय टेम्बो उरांव और बिपत उरांव को डायन-बिसाही के आरोप में उनके परिजन थडुपा उरांव, बंधो देवी, चामू उरांव व रीना उरांव ने गंभीर रूप से घायल कर दिया. बाद में ग्रामीणों ने दोनों को छुड़ा लिया.
‘सुसाइड फॉरेस्ट’ की डरावनी कहानी: धरती पर मौजूद है एक ऐसा जंगल, जहां लोग कर लेते हैं आत्महत्या !
पीड़िता बिपत उरांव ने बताया कि परिजनों ने पहले उसे डायन बताकर उसकी जमकर पिटाई की, फिर उसके मुंह में दांत से काट दिए. जान से मारने की धमकी भी दी. पूरे मामले को लेकर पीड़िता की ओर से घाघरा थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है. पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है.
एसएचओ अभिनव कुमार ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. विच बिसाही एक अंधविश्वास है. इस तरह के आरोप लगाकर उत्पीड़क को किसी भी तरह से बख्शा नहीं जाएगा.
जिले में डायन-बिसाही के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. मारपीट से लेकर हत्या तक की घटनाएं सामने आती रहती हैं. कुछ मामलों में कार्रवाई की जाती है. कुछ मामलों में शिकायत थाने तक नहीं पहुंचती है. शासन और जिला प्रशासन के स्तर पर कोई पहल नहीं हो रही है. इसलिए लोग अंधविश्वास के जाल में फंस गए हैं.
read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanistan Taliban Left Behind in 2001