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हाथियों ने छीना गरीबों का आशियाना: लहलहाती फसलें चौपट, घरों में की तोड़फोड़, सोता वन विभाग और जागते गजराज

गणेश मरावी, डिंडोरी। मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले अंतर्गत करंजिया विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत पंडरीपानी के वनग्राम कांदाटोला में बीती रात हाथियों के दल ने आतंक मचाया. मकानों को ध्वस्त कर खेत में लहलहा रही फसल मक्का और धान को काफी नुकसान पहुंचाया है. जानकारी के मुताबिक पिछले तीन दिनों से हाथी करंजिया और बजाग विकासखंड के जंगलों में विचरण कर रहे हैं. बीते दिन चाड़ा के जंगल में बने रहने के बाद रात में जंगली रास्ते से चलते हुए गांव के अंदर प्रवेश कर देर रात तक तांडव करते हैं.

इस दरमियान ग्रामीण भी जागते रहे. हालांकि मौके पर वन विभाग का अमला और वनसमिति के सदस्य मौजूद थे, लेकिन फसलों की छति को रोकने में असमर्थ रहे. हाथियों के हमलावर होने के बाद एहतियात के तौर पर रात्रि में ही आसपास के क्षेत्रों में मुनादी कराया था, जबकि लोगों को सतर्क और सजग रहने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से भी आमजन तक संदेश पहुंचाया है.

विभाग के लोगों ने आमजन से अपील की है कि जब तक हाथी यहां से रवाना नहीं हो जाते, तब तक जंगल की ओर न जाएं. वहीं कई किसानों के घरों को तोड़ फोड़ कर रहे हैं. घरों में रखे अनाजों को खा रहे हैं. खेतों में लगे लहलहाती फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

चिंघाड़ की आवाज सुनकर डर रहे ग्रामीण

हाथियों ने जिस स्थान पर आतंक मचाया है. वहां के लोगों ने बताया कि हाथियों दल हमलावर होते हुए जोर जोर से चिंघाड़ मार रहा था. ग्रामीण इनके आवाज सुनकर सुनकर कांप गए और डर के कारण घर के छत में चढ़ गए. जहां सुरक्षित स्थान मिला दुबका बैठे रहे. ग्रामीणों की मानें तो जब रात्रि में ये गांव के अंदर घुसे तो लोगों की सांसें थम गई. सन्नाटे में हाथियों के चिंघाड़ने की आवाज दूर से सुनाई दे रही थीं. यह हाथियों के लिए सुरक्षित क्षेत्र नहीं हैं.

बावजूद इसके उनका बार बार आना लोगों के नाक में दम कर रखा है. हाथियों का झुंड जंगल तक सीमित रहकर विचरण करता ऐसा नहीं है. पिछले कुछ माहों का रिकार्ड देखा जाए तो ये अब आबादी वाले क्षेत्रों के नजदीक से गुजरते हुए उत्पात मचा रहें हैं. हालांकि अब तक राहत वाली यह बात है कि इन्होंने मनुष्यों को नुकसान नहीं पहुंचाया है, लेकिन बार बार आने की बातों को नजरंदाज भी नहीं किया जा सकता है. गंभीरता बरतते हुए बचाव व रोकथाम पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है.

मुआवजे की मांग

हाथियों से पीड़ित लोगों ने विभाग सहित जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है. उनका कहना है कि घरों की मरम्मत और फसलों के नुकसान सहने की क्षमता उनमें नहीं हैं. कई सालों से पाई पाई जोड़कर घर बनाया था हाथी एक ही झटके में गिरा दिए. अब दुबारा निर्माण कराना दिन में सपने देखने जैसा है. रात की घटना के बाद ग्रामीण दहशत में है.

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