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साहब…पहले किस्मत ने मारा अब सिस्टम मार रहा: गरियाबंद के बेबस दिव्यांग ने दी आत्मदाह की चेतावनी, बोला- चक्कर काट-काटकर थक गया हूं…

गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद का एक दिव्यांग अपनी किस्मत और सिस्टम की नाकामी को कोस रहा है। दिव्यांग लोन के लिए साल भर से चक्कर काट रहा। थक हारकर आत्मदाह की चेतावनी दी है। दिव्यांग ने कहा कि फॉर्मिल्टी पूरा कर-कर के थक गया। अब सात दिन के भीतर लोन नहीं दिया तो जनपद कार्यालय के आगे आत्मदाह कर लूंगा।

40 हजार की पगड़ी देकर दुकान लिया

दरअसल, लाटापारा निवासी दिव्यांग अशोक सोनी ने एसडीएम कार्यलय में एक ज्ञापन सौंपकर आत्मदाह की चेतावनी दी है। उन्होंने लिखा है कि समाज कल्याण विभाग की दिव्यांग लोन योजना के तहत उसने साल भर पहले आवेदन देवभोग जनपद में आवेदन दिया था। समाज कल्याण शाखा के माध्यम से लोन के लिए आवेदन किया है। 40 हजार की पगड़ी (बयाना) देकर उसने जनपद से ही दुकान किराए पर लिया है।

आर्थिक तंगी से जूझ रहा दिव्यांग

दुकान में सामान बढ़ाना चाहता है, ताकि दुकान का किराया और गुजारा निकल सके।।माता का भरण पोषण की भी जिम्मेदारी है। आर्थिक तंगी के बीच लोन के लिए दस्तावेज बनाने और जनपद का बार बार चक्कर काटते थक चुका हूं। हर बार कोई न कोई नया बहाना बना कर उसे लोन देने टाल मटोल किया जा रहा है।

राशि नहीं दी गई तो मैं आत्मदाह कर लूंगा

इस बार गारेंटर के रूप में पंचायत सचिव का दस्तावेज दिया गया, लेकिन उसे नियमित कर्मचारी नहीं होना बता कर दूसरा गारेंटर का दस्तावेज मांगा जा रहा। अशोक ने लिखा है कि जल्द मुझे लोन की राशि नहीं दी गई तो मैं आत्मदाह कर लूंगा। एसडीएम अर्पिता पाठक ने कहा की संबंधित विभाग से चर्चा कर विधिवत निराकरण करने कहा जा रहा है।

75 फीसदी दिव्यांग है अशोक

43 वर्षीय अशोक कुशल कारीगर था,जो पुट्टी व प्लंबर का काम करता था। गरियाबंद के संतोषी पारा वार्ड में एक मकान में काम करने के दरम्यान छत से गुजरे हाई टेंशन तार के चपेट में आ गया। चारों हाथ पाव झुलस गया। दाहिना हाथ को काटना पड़ा, बाया हाथ भी पूरी तरह ठीक नहीं हो सका। वह 75 फीसदी दिव्यांग है। इलाज के लिए कर्ज के बोझ से दबे पिता 2016 में आत्महत्या कर चुके हैं। घटना के बाद पत्नी घर छोड़ के भाग गई।अब बूढ़ी मां का अशोक इकलौता सहारा है।

अफसर कुछ और बता रहे

अशोक का आरोप था की उसे गारेंटर बदलने कहा जा रहा लेकिन इधर मामले को लेकर समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक डोनर ठाकुर ने कहा कि विभाग से लोन देना बन्द कर दिए हैं,क्योंकि पहले भेजे गए तीन प्रकरण में मंजूरी नही मिल सकी है।मेरी बात अशोक से हुई है,उसकी फाइल को मंगवाया गया है , जिला अंतव्यवाई हो या फिर उद्योग विभाग जहा मिल सके लोन दिलवाया जाएगा।

2 करोड़ की वसूली बकाया, इसलिए पल्ला झाड़ रहे

मामले की पड़ताल करने पर पता चला कि समाज कल्याण विभाग में दिव्यांग जन को लोन देने की योजना है,जिसके लिए ज्यादा फार्मिलिट की भी जरूरत नही पड़ती। मार्च 2023 समाज कल्याण विभाग को 4 करोड़ का कर्ज वसूली करना था,लेकिन विभाग आधे ही वसूल पाई।

अभी भी 52 हितग्राही से 2 करोड़ की वसूली बकाया है। बकाया राशि के चलते ही नए सत्र में किए 3 आवेदन के फाइल पर ऊपर अफसरों ने मंजूरी नही दिया।फरवरी माह में तो आवेदन न लेने का फरमान भी जारी कर दिया गया है।अफसरों के सख्त रवैये के कारण ही अब अशोक सोनी की फाईल को खामियां गिना गिना कर रोका जा रहा है।

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