नौकरशाहीमध्यप्रदेशस्लाइडर

डिंडौरी को करप्शन ने जकड़ा! निर्माण कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार और मची लूट, डीएम साहब भ्रष्टाचारियों पर कब लेंगे एक्शन 

गणेश मरावी,डिंडौरी। मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में भ्रष्टाचार करने वालों की तादात दिनों दिन बढ़ती जा रही है। जिला प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाने के कारण भ्रष्टाचारियों के लिये निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार करना वरदान साबित हो रहा है। वहीं भ्रष्टाचार रूपी जंजीर को तोड़ पाना प्रशासन के लिये चुनौती बनते जा रही है। जबकि कलेक्टर के द्वारा निर्माण कार्याें में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की बात की जाती है, पर सब निर्देश धरे के धरे रह गए है। यहां पर तमाम प्रकार के निर्माण कार्यों को मापदंड के विपरीत करा लाखों रुपए का बंदरबाट किया जा रहा है।

जनपद से जिला स्तर तक पहॅुच रहे मामला

जनपद पंचायत क्षेत्र में इन दिनों निर्माण कार्य तेजी से हो रही है। जिन निर्माण कार्यों में संबंधित विभाग के तकनीकि अधिकारियों के द्वारा लगातार माॅनरिटिंग नहीं की जा रही है। जिसके चलते निर्माण ऐजेंसी के द्वारा मनमानी पूर्वक गुणवत्ताविहीन निर्माण करा रहे है। वहीं मामले की जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी सही तरीके से जांच नहीं की जाती। यही कारण कि आज कई मामले जनपद स्तर से जिला स्तर तक पहुंच रहे है।

लाखों रू की अमृत सरोवर तालाब सूखा

जनपद पंचायत डिंडौरी के ग्राम पंचायत सरहरी में 57 लाख रू की लागत से अमृत सरोवर तालाब निर्माण कराया गया है, जो लीकेज होने के चलते पूरा सूख गया है। इसी तरह ग्राम पंचायत देवरा के बिही नाला में 59 लाख रू की लागत से तालाब निर्माण कराया गया है, जहां से लगातार पानी रिस रहा है और आने वाले दिनों में उक्त तालाब से पूरी पानी खाली हो जायेगा। ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार के द्वारा अम्रत सरोवर निर्माण में गुणवत्ता को दरकिनार कर कराया गया है। सही तरीके से रोलर नहीं चलाया गया है, न ही नींव को मजबूत बनाया गया है। बताया जा रहा है कि उपयंत्री गिरवर डेहरिया और ठेकेदार की मिलीभगत से मनमानी और भ्रष्टाचार चरम पर है।

कलेक्टर

मनीष कंट्रक्शन एंड ट्रेडर्स के फर्म को किया गया भुगतान

ग्राम पंचायत देवरा में 59 लाख रू की निर्माणाधीन अम्रत सरोवर की निर्माण में लगभग 11 लाख से अधिक मनीष कंट्रक्शन एंड ट्रेडर्स के फर्म को सामग्री के नाम से भुगतान किया गया है, जबकि वेस्टवीयर अभी भी अधूरा है। जिम्मेदरोें के द्वारा मनीष कंट्रक्शन से रेत 396000 रू, 20 एमएम की गिट्टी 145246 रू., 40 एमएम की गिट्टी 330420 रू और सीमेंट के लिए 281830 रू. का भुगतान किया गया है। इससे सवाल ये उठता है कि 1153496 रू. के निर्माण सामग्री खर्च करने के बावजूद वेस्ट वीयर का निर्माण अधूरा है समझ से परे है। ग्रामीणों ने बताया वेस्टवीयर की निर्माण में एक तरफ की साइड वाल बनाया गया है, वो भी अधूरा है। वहीं दूसरी तरफ साइडवाल ही नही बनाया गया है। जिससे ऊपर से मिट्टी धसक कर नीचे गिर रहा है।

उपयंत्री ने कहा चोरी हो गई सामग्री

निर्माणाधीन तालाब और अधिक सामग्री खरीदी की जाने को लेकर जब उपयंत्री गिरवर डेहरिया से जानकारी चाही गयी तो उनके द्वारा सामग्री चोरी होने की बात कही गयी है। लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि उपयंत्री के द्वारा चोरी हुई सामग्री की शिकायत थाने एवं विभाग को जानकारी नहीं दिया है। उपयंत्री के द्वारा लाखो रू की सामग्री चोरी की शिकायत अभी तक थाने में या विभाग में नहीं देने से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।

Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanistan Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

Show More
Back to top button