प्लांट के विरोध में ग्रामीणों ने मंत्री का किया घेराव।
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छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत को अपने ही गृहक्षेत्र में गुरुवार को विरोध का सामना करना पड़ा। साइकिल वितरण कार्यक्रम में पहुंचे मंत्री को ग्रामीणों ने घेर लिया और जमकर नारेबाजी की। किसी तरह मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों और पुलिस ने उन्हें वहां से बचाकर निकाला और कार तक लेकर गए। इसके बाद वहां से रवाना कर दिया। ग्रामीण प्रस्तावित एलुमिना प्लांट को निरस्त करने की मांग कर रहे थे।
दरअसल, खाद्यमंत्री अमरजीत भगत सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के चिरंगा गांव में स्थित हायर सेकेंडरी स्कूल में साइकिल वितरण कार्यक्रम में पहुंचे थे। इसी दौरान सैकड़ों की संख्या में वहां ग्रामीण पहुंचे और मंत्री का घेराव कर दिया। आक्रोशित ग्रामीण एलुमिना प्लांट का विरोध कर रहे थे। इस दौरान मंत्री ने ग्रामीणों से चर्चा की और उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी।
ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए माहौल बिगड़ने की आशंका से वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने मंत्री भगत को चारों ओर से घेर लिया। फिर किसी तरह भीड़ से निकालकर उनकी गाड़ी तक ले गए। इसके बाद भी ग्रामीण वहां डटे थे। पुलिस ने उन्हें कार में बिठाया और वहां से रवाना किया। मंत्री अमरजीत भगत का चिरंगा के साथ आज करदना में साइकिल वितरण का कार्यक्रम पहले से प्रस्तावित था। करदना के बाद वे गोविंदपुर जाने वाले हैं।
प्रस्तावित प्लांट के विरोध में ग्रामीण
मैनपाट से निकलने वाले बाक्साइट को रिफाइन करने के लिए बतौली के चिरगा में एलुमिना प्लांट प्रस्तावित है। इसके लिए साल 2016 में पर्यावरण, वन व जलवायु मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी की गई थी। इसके लिए 12 अप्रैल 2020 को जनुसनवाई हुई। उसमें भी ग्रामीणों ने अधिकारियों को मारने के लिए दौड़ाया था। सितंबर 2021 में ग्रामीणों ने फर्जी ग्रामसभा के स्वीकृत करने की बात कहते हुए एनएच जाम किया था।
क्यों है विरोध
बतौली के चिरंगा में एलुमिना प्लांट शासकीय जमीन पर लगाना प्रस्तावित है। कुछ जमीनें निजी लोगों की हैं। ग्रामीणों का कहना है कि दिन-रात चलने वाले प्लांट से उड़ने वाली धूल से लोगों का जीना मुहाल हो जाएगा। धूल जमने के कारण आसपास के गांवों की उपजाउ जमीनें बंजर हो जाएंगी। चिरंगा सहित आसपास के 11 गांव के लोग इस प्लांट के विरोध में हैं।