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सरकार से क्यों खफा हैं कर्मचारी ? वर्गभेद और गुमराह करने की नीतियों के कारण हुआ नुकसान, शालेय शिक्षक संघ ने कहा- पदोन्नति और उच्चतर वेतनमान ही समाधान

रायपुर। छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ सरकार से खफा नजर आ रहा है. शिक्षाकर्मी से शिक्षक बने एल.बी.संवर्ग के लगभग 01 लाख 80 हजार कर्मचारियों के लिए वर्तमान सरकार के 05 साल की परिणिति एक बड़े शून्य के रूप में होने जा रही है, जिसका सबसे बड़ा कारण वर्गभेद और वर्ग विशेष के कर्मचारियों को गुमराह करके राजनीतिक रोटी सेंकने की नीति रही है, जिसका बीज आज से 05वर्ष पूर्व ही सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति के रूप में बो दिया गया था.

विसंगति और वर्गभेद का बीज बोने वालों ने 05 सालों तक इसे खूब सींचा, लेकिन अब इससे दरकिनार कर लिया।पदोन्नति का विरोध और बायकाट की घोषणा करने वाले तथाकथित संगठन और पदाधिकारीगण स्वयं पदोन्नति लेकर वेतन विसंगति दूर हो जाने की दुहाई दे रहे हैं. एक वर्ग विशेष के नाम पर संगठन बनाकर अन्य वर्ग को कोसने और अपमानित करने वाले संगठन और पदाधिकारी अब एकजुटता की राग अलाप रहे हैं.

शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बताया कि उनके संगठन का मानना है कि पदोन्नति और पदोन्नति से वंचित कर्मचारियों को उच्चतर वेतनमान का समुचित प्रावधान व इसके समयबद्ध क्रियान्वयन की स्पष्ट नीति से सभी वर्ग के कर्मचारियों की अधिकांश समस्याओं का समाधान संभव है. शालेय शिक्षक संघ संविलियन के समय से ही इस दिशा में प्रयासरत रहा है.

पदोन्नति के लिए पात्रता की शर्त 05 वर्ष से घटाकर 03 वर्ष करना हमारे प्रयासों का परिणाम था. विभाग पदोन्नति की प्रक्रिया को सुचारु रुप से और उचित ढंग से संपन्न कराने में विफल रही है, जिसके कारण संवर्ग के कर्मचारियों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पाया. 25वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत एक भी व्याख्याता की प्राचार्य और एक भी शिक्षक की व्याख्याता पद पर पदोन्नति नहीं हो सकी है.

संवर्ग के अधिकतम कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए सभी पदों पर ऊपर से नीचे पदोन्नति के लिए समुचित और स्पष्ट नीति बनाकर संविलयन प्राप्त समस्त कर्मचारियों के लिए तत्काल एक पदोन्नति का प्रावधान तथा 15अक्टूबर तक समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की मांग शालेय शिक्षक संघ द्वारा की गई है. किन्हीं कारणों से पदोन्नति से वंचित कर्मचारियों के लिए अविलंब उच्चतर वेतनमान का लाभ दिया जाए.

प्रांतीय सचिव धर्मेश शर्मा ने शासन से मांग की है कि पेंशन के लिए कुल सेवा अवधि की गणना अंशदायी पेंशन पात्रता दिनांक 01/04/2012 और उच्चतर वेतनमान (समयमान/क्रमोन्नत)हेतु सेवा अवधि की गणना समतुल्य पुनरीक्षित वेतनमान दिनांक 01/05/2013 से किए जाने का प्रावधान किया जाए. धर्मेश शर्मा ने बताया कि ऐसा होने पर शासन के ऊपर अन्य विभागों का दबाव तथा वित्तीय भार भी अधिक नहीं आएगा और एल बी संवर्ग को पेंशन तथा वेतन में भी दूरगामी लाभ मिल सकेगा.

कार्यकारी प्रांताध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने विभाग में जारी संवर्ग वाली व्यवस्था की समीक्षा कर पदोन्नति वाली सभी पदों में एल.बी.संवर्ग के लिए निर्धारित अनुपात को उनकी वास्तविक संख्या के अनुरूप बढ़ाने की मांग की है. वर्तमान में पदों का विभाजन एल.बी.संवर्ग की वास्तविक संख्या व उनके हितों के अनुरूप नहीं है.

प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए यही उपरोक्त सार्थक मांगे होगी, जिसके दूरगामी परिणाम शिक्षक संवर्ग को मिलेगा. पदोन्नत्ति सभी वर्गों में क्रमशः होने से ज्यादा से ज्यादा शिक्षक लाभान्वित होंगे.

शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी सुनील सिंह, विष्णु शर्मा, डॉ. सांत्वना ठाकुर,सत्येंद्र सिंह,विवेक शर्मा,गजराज सिंह,राजेश शर्मा,शैलेन्द्र सिंह,प्रह्लाद जैन,सन्तोष मिश्रा,सन्तोष शुक्ला,शिवेंद्र चंद्रवंशी,दीपक वेंताल,यादवेंद्र दुबे,सर्वजीत पाठक,मंटू खैरवार,पवन दुबे,भोजराम पटेल,विनय सिंह,आशुतोष सिंह,भानु डहरिया,रवि मिश्रा,जितेंद्र गजेंद्र,अजय वर्मा,कृष्णराज पांडेय,घनश्याम पटेल,बुध्दहेश्वर शर्मा,प्रदीप पांडेय,जोगेंद्र यादव,देवव्रत शर्मा,अब्दुल आसिफ खान,अमित सिन्हा, विक्रम राजपूत आदि पदाधिकारियों ने सरकार से उपरोक्त मांगो पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की है.

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