बिलासपुर। खेतों में पानी की अधिकता के कारण धान की फसलों पर चितरी व बंकी रोग फैलने की आशंका है। मस्तूरी और तखतपुर तहसील के कुछ गांवों में रोग का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। कृषि विज्ञानियों ने किसानो को सलाह दी है कि खेतों से पानी को निकालें।
बीते 1 महीने पहले जब जिले के 2 ब्लॉकों में खंड वृष्टि बनी उसके बाद मानसून सक्रिय होते ही मौसम अनुकूल हुआ और तेज वर्षा भी हुई अकाल की आशंका को देखते हुए किसानों ने खेतों में भरपूर पानी का भराव कर दिया।
धान की फसल तैयार होने लगी है पौधों से बालियां निकलने लगी है खेतों में पानी भरा होने के कारण और मौसम में नमी होने से चितरी व बंकी का हमला भी हो रहा है।
इसमें बंकी व चितरी रोग की शिकायतें ज्यादा मिल रही है। जिन ब्लाक के किसानों ने खेत मे भरे पानी को खाली नही किया है वहां धान की फसल में बंकी व चितरी रोग की शिकायत ज्यादा आ रही है।
अल्प वृष्टि की आशंका से परेशान किसानों ने धान की फसल को पकसने के लिए जब अच्छी वर्षा हुई तब भरपूर पानी इकट्ठा कर लिया था। खेतो से पानी कम न करने की स्थिति में और मौसम में नमी व उमस के कारण कीट पतंगों का हमला हो रहा है।
इन किसानों के सामने अब फसल नुकसान होने का संकट खड़ा हो गया है। कृषि विज्ञानियों ने धान की फसल पर कीट प्रकोप के हमलों को देखते हुए किसानों को तत्काल खेतो से पानी निकालने की सलाह दे रहे हैं। खेतो से पानी निकालने के अलावा धान की फसल में कीटनाशक का छिड़काव करने की सलाह भी दे रहे हैं।
उतेरा पद्धति से तिवरा की खेती
धान के खेत में किसान तिवरा की खेती भी करते हैं। उतेरा पद्धति से खेती करने का समय आ रहा है। खेतों में तिवरा की सिंचाई से पहले पानी निकालने जरूरी है। पानी निकालने के बाद तिवरा की सिंचाई करते हैं। इससे बीज खराब होने की संभावना कम रहती है।