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डिंडौरी कलेक्टर के चरणों में गिरे समाज के लोग: कहा- 150 परिवार 7 पीढ़ी से झेल रहा सामाजिक बहिष्कार, नहीं मिलाएंगे, तो ईसाई धर्म अपना लेंगे

After touching the feet of Dindori Collector people said – will convert to Christianity: मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले में 150 परिवारों ने कलेक्टर से ईसाई धर्म अपनाने की इजाजत मांगी है। उन्होंने कलेक्टर विकास मिश्रा के पैर छूते हुए कहा कि करीब 150 साल पहले राठौड़ समाज ने हमारे पूर्वजों को समाज से बहिष्कृत कर दिया था। तब से लेकर आज तक हम समाज से बाहर ही हैं। जब वे सामाजिक कार्यों में शामिल होने की कोशिश करते हैं तो बेटियों के रिश्ते तोड़ देते हैं। बच्चों की टांगें तोड़ने की धमकी देता है।

दरअसल, मंगलवार को धनुआ सागर गांव का यह परिवार अपने बच्चों के साथ जनसुनवाई में पहुंचे। कलेक्टर से कहा कि अधिकारियों से शिकायत करते-करते थक गया हूं। यदि समाज में मेल-मिलाप नहीं हुआ तो वे ईसाई धर्म अपना लेंगे। इसकी जिम्मेदारी राठौड़ समाज के पदाधिकारियों और जिला प्रशासन की होगी। यदि प्रशासन समाज में एकीकरण नहीं कर सकता तो उन्हें धर्मांतरण की अनुमति देनी चाहिए।

कलेक्टर बोले- समझाएंगे, वरना कार्रवाई करेंगे

उनकी शिकायत पर कलेक्टर ने कहा कि ऐसी सोच रखने वालों को समझ लेना चाहिए कि ये बिल्कुल ठीक नहीं है। इस तरह से किसी को समाज से अलग-थलग करना गैरकानूनी है। गांव का दौरा कर दोनों पक्षों को समझाइश दी जाएगी। अगर इसके बाद भी आप नहीं मानेंगे तो हम कानूनी कार्रवाई करने पर विचार करेंगे।

पैसे लेकर समाज में जोड़ा, फिर बाहर कर दिया

बिहारी लाल ने कलेक्टर से कहा कि ‘सात पीढ़ी पहले हमारे पूर्वजों ने गलती से समाज से बाहर की महिला से शादी कर ली थी। तब से हमारे परिवार को बहिष्कृत कर दिया गया है।’ काफी अनुरोध के बाद 13 मार्च 2022 को तत्कालीन सरपंच राम प्रभा और पंचों ने बैठक की। उन्होंने गंगा स्नान, राम कीर्तन, भंडारा, सामाजिक भोज और धर्मशाला के नाम पर दो लाख रुपये दान देने की सहमति देकर समाज को शामिल किया।

परमार ने कहा- कोई उन्हें गुमराह कर रहा

राठौड़ समाज के जिला अध्यक्ष कृष्णा परमार ने कहा कि ‘धनुआ सागर गांव के 150 परिवार 150 साल से समाज से बहिष्कृत हैं। वे राठौड़ समुदाय से हैं, लेकिन उनके साथ हमारा कभी भी रोटी-बेटी का रिश्ता नहीं रहा। इन लोगों ने किसे पैसे दिये और क्या किया, हमें नहीं पता। हमें उन्हें समाज से बाहर क्यों करना चाहिए ? हम इन परिवारों की मदद भी करते हैं। कोई उन्हें गुमराह कर रहा है।

कलेक्टर के पैर छूकर कहा-ईसाई धर्म अपना लेंगे:​​​​डिंडौरी में 150 परिवार 7 पीढ़ी से झेल रहे सामाजिक बहिष्कार; बोले- धर्मांतरण की अनुमति दें

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