गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। जिले में एक पिता-पुत्र की जोड़ी बैलों की जगह खेतों में निराई करते नजर आई. ऐसा देखने को मिला ग्राम मदारवानी में, जो गौरेला से ज्वालेश्वर होते हुए अमरकंटक के रास्ते में पड़ता है. इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
जानकारी के मुताबिक, मदरवानी गांव में रहने वाले किसान बृजमोहन यादव के पास एक जोड़ी बैल थे. इनमें से एक बैल को पिछले साल सांप ने काट लिया था.
उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी. वहीं, दूसरा बैल बूढ़ा हो गया है, जिसका उपयोग नहीं किया जा सकता. इस वर्ष बारिश के बाद खेती के काम में तेजी आ गयी है.
पहले तो बृजमोहन ने पहली बारिश में ही ट्रैक्टर से खेत की जुताई करा दी, लेकिन अब बैल नहीं मिलने के कारण वह कक्षा 9 में पढ़ने वाले अपने बेटे परमेश्वर के साथ खेत की निराई-गुड़ाई में लग गए हैं.
किसान का कहना है कि अगर सांप काटने से मवेशियों की मौत के बाद उसे मुआवजा मिल जाता तो आज उसका बेटा और वह खुद नागार में फंसाकर खेती करने को मजबूर नहीं होते. इधर प्रशासन ने इस मामले में चुप्पी साध ली है.
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