Post Of Principal Vacant in 3000 Schools Of Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के कुल 3 हजार स्कूलों में प्रधानाध्यापक का पद खाली है। प्रभारियों के भरोसे स्कूल चल रहे हैं। पिछले 10 साल से नियमित व्याख्याताओं और प्रधानपाठकों के प्रमोशन की प्रक्रिया अटकी हुई है।
अब चुनावी साल में शिक्षकों ने अपनी मांगों को सरकार से मनवाने के लिए प्रधान प्रोन्नति संघर्ष मोर्चा का (Post Of Principal Vacant in 3000 Schools Of Chhattisgarh) गठन किया है. इस यूनियन के सदस्य जल्द ही अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरेंगे। पूरे राज्य में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा। साथ ही सरकार से इस प्रक्रिया को पूरा करने को कहा जाएगा।
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दरअसल, जगदलपुर में बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों के नियमित व्याख्याताओं और प्रधानपाठकों (Post Of Principal Vacant) की बैठक हुई. बैठक में उपस्थित शिक्षकों ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में 2013 से ‘टी’ संवर्ग और 2016 से ‘ई’ संवर्ग में प्राचार्य के पद पर पदोन्नति नहीं हुई है.
प्रदेश के तीन हजार से ज्यादा स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद खाली (Schools Of Chhattisgarh) पड़े हैं। सरकार की सुस्ती का खामियाजा हजारों नियमित व्याख्याता और नियमित प्रधान पाठक भुगत रहे हैं।
अब तक सैकड़ों व्याख्याता व प्रधान पाठक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। लेकिन, उन्हें प्रमोशन का लाभ नहीं मिला है। शिक्षकों ने मांग की है कि अप्रैल-मई 2023 में वे 2 माह का निश्चित समयबद्ध कार्यक्रम जारी करेंगे.
post of principal is vacant in 3000 schools of Chhattisgarh
सरकार से लंबे समय से लंबित पदोन्नति प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कहेंगे। शिक्षकों ने बताया कि बस्तर जैसे दूरस्थ अंचलों में प्रोन्नति नहीं होने के कारण विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पदों पर प्रभारियों के भरोसे काम चल रहा है. ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
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विद्यालयों में गुणात्मक विकास के लिए मोर्चा के पदाधिकारी शासन के उच्चाधिकारियों से चर्चा कर 16 जून के पूर्व प्रोन्नति के लिए दबाव बनाया जायेगा. जनप्रतिनिधियों के सामने रखी मांगें.