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Indore News: भिक्षुकों निराश्रितों के साथ बही नववर्ष के नवरात्री की योग ऊर्जा

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शहर के अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक योग गुरु कृष्णा गुरुजी ने भिक्षुकों निराश्रितों को आज नवरात्रि का महत्व बताया। उन्होंने इसके लिए योग से संबंधों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज से विक्रम संवत 2080 की शुरुआत हुई है। आज ही के दिन ब्रह्मा ने सृष्टि रचने का निर्णय लिया था। आप सभी अपना अतीत भूल आज से नया जीवन प्रारंभ करें। वैदिक एवं यौगिक दोनों तरीकों से मंत्र एवं योग के आसान प्राणायाम सिखाए। उन्होंने बताया कि शरीर की आरोग्यता और मन का शुद्धिकरण मंत्रों से बखूबी होता है। उन्होंने बताया कि मेरे गणेश स्थापना कुष्ठ आश्रम में दीपावली पूजन कैदी भाईयों के साथ मनता है। इन भिक्षुकों के अंदर बसने वाले नारायण के साथ आज मैंने नव वर्ष की शुरुआत में दर्शन किए इसकी मुझे खुद भी बहुत खुशी है। 

गुरुजी ने कहा आज नवरात्रि का प्रथम दिन शैलपुत्री का है जिसका शरीर में स्थान मूलाधार चक्र में होता है। जो सुप्तावस्था में आलस्य के रूप में होता है और प्राणायाम ध्यान से यही ऊर्जा उत्साह में बदल जाती है। सभी लोगों ने उत्साहित होकर माता के भजन किए एवं परा विद्या और अपरा विद्या दोनों से वैदिक और यौगिक जोडक़र नव वर्ष मनाया।

गुरुजी ने अपनी स्पर्श चिकित्सा एस डिवाइन एस्ट्रो हीलिंग से भिक्षुकों को संदेश दिया की आप यहां बाटने आए हैं मांगने नहीं। मानव योनि को यूं ही व्यर्थ में ना जाने दें। अगर आप आपके साथ हंै तो सभी दिव्य शक्ति सहयोग आपके साथ है। आपस में एक दूसरे के जीवन के नारायण बनें। उन्होंने तुझमें नारायण मुझमें नारायण का संदेश दिया। संस्था प्रवेश द्वारा उनकी सेवा से खुश हो गुरुजी ने कहा आज मंदिर के अलावा भी कई नारायण नारायणी इनके रूप में सेवा कार्य कर रहे हैं। संस्था को समाज की और से साधुवाद दिया। संस्था प्रवेश प्रमुख रूपाली जैन ने गुरुजी का स्वागत किया एवं आग्रह किया कि समय समय पर अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा से इनका मनोबल बढ़ाते रहें। अंत में कृष्णा गुरुजी द्वारा सभी हितग्राहियों को नई चादर देतक तन मन धन से सेवा का संदेश दिया गया। इस मौके पर भारती मंडलोई, वर्षा शर्मा, विशाल वर्मा, पिंकू यादव एवं प्रवेश संस्था के सेवक मौजूद रहे। 

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