अब टैलेंट कैसे आगे बढ़ेगा: कलेक्टर अवनीश के जाने के बाद बंद हुई संस्था ‘उड़ान’, गरीब छात्रों की कर रह थे मदद
![अब टैलेंट कैसे आगे बढ़ेगा: कलेक्टर अवनीश के जाने के बाद बंद हुई संस्था ‘उड़ान’, गरीब छात्रों की कर रह थे मदद अब टैलेंट कैसे आगे बढ़ेगा: कलेक्टर अवनीश के जाने के बाद बंद हुई संस्था ‘उड़ान’, गरीब छात्रों की कर रह थे मदद](https://i0.wp.com/staticimg.amarujala.com/assets/images/2024/01/11/750x506/tatakalka-kalkatara-avanasha-sharanae_1704989027.png?fit=%2C&ssl=1)
![अब टैलेंट कैसे आगे बढ़ेगा: कलेक्टर अवनीश के जाने के बाद बंद हुई संस्था 'उड़ान', गरीब छात्रों की कर रह थे मदद The institution closed after the departure of the immediate collector of Balrampur Ramanujganj, Avnish Sharan.](https://i0.wp.com/staticimg.amarujala.com/assets/images/2024/01/11/tatakalka-kalkatara-avanasha-sharanae_1704989027.png?resize=414%2C233&ssl=1)
तात्कालिक कलेक्टर अवनीश शरण
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
जिले में पदस्थापना के दौरान युवा आईएएस अधिकारी एवं तात्कालिक कलेक्टर अवनीश शरण के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया गया था। उन्होंने सुदूर आदिवासी अंचल के गरीब छात्राओं को व्यवसायिक एवं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के लिए महानगरों के समान सर्व सुविधा युक्त व्यवस्था रामानुजगंज के जिला जेल रोड में ‘उड़ान’ नाम की संस्था खुलवाई थी। जिसमें जिले के डेढ़ सौ छात्र-छात्राओं ने अध्ययन किया। जिसमें से आज 30 से अधिक लोग विभिन्न शासकीय पदों पर कार्य कर रहे हैं। तात्कालिक कलेक्टर अवनीश शरण के जाने के बाद संस्था बंद हो गई।
गौरतलब है कि तात्कालिक कलेक्टर अवनीश शरण के द्वारा क्षेत्र के उन प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया। जो गरीबी के कारण रायपुर दिल्ली जैसे महानगरों में जाकर व्यावसायिक परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पाते थे। उनके लिए उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान उड़ान नाम की संस्था रामानुजगंज में शुरू की थी।
जिसमें करीब डेढ़ सौ छात्र-छात्रा अध्ययन करते थे। इन 150 छात्र छात्राओं को बलरामपुर रामानुजगंज जिले के सभी विकासखंडों में परीक्षा आयोजित कर चयनित किया गया था। बलरामपुर रामानुजगंज जिले में व्यावसायिक परीक्षा एवं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए उड़ान संस्था खुलने से छात्र छात्राओं में उत्साह का माहौल था।
इसमें अध्ययन करने वाले अधिकांश अत्यंत गरीब प्रतिभावान छात्र-छात्रा थे। जो गरीबी के कारण बाहर नहीं जा पाए थे यहां पर वह सर्व सुविधायुक्त छात्रावास के साथ अध्ययन कर रहे थे।
छत्तीसगढ़ शासन के वरिष्ठ आईएएस एवं जिले के अधिकारियों का मिलता था। उनके सतत मार्गदर्शन और तात्कालिक कलेक्टर अवनीश शरण की पहल पर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भी यहां समय-समय पर विजिट पर आते थे, जो छात्र-छात्राओं को मार्गदर्शन देते थे। वहीं नियमित रूप से जिले के अधिकारी भी संस्था में अपना समय देकर बच्चों को प्रोत्साहित करते थे।