‘राम पर राजनीति करना मूर्खता’: पं. धीरेंद्र शास्त्री बोले- राजनीति धर्म से चलती है, धर्म राजनीति से नहीं, ओवैसी के बयान पर कहा- हमें मस्जिद पर मंदिर नहीं बनाना चाहिए
![‘राम पर राजनीति करना मूर्खता’: पं. धीरेंद्र शास्त्री बोले- राजनीति धर्म से चलती है, धर्म राजनीति से नहीं, ओवैसी के बयान पर कहा- हमें मस्जिद पर मंदिर नहीं बनाना चाहिए ‘राम पर राजनीति करना मूर्खता’: पं. धीरेंद्र शास्त्री बोले- राजनीति धर्म से चलती है, धर्म राजनीति से नहीं, ओवैसी के बयान पर कहा- हमें मस्जिद पर मंदिर नहीं बनाना चाहिए](https://i0.wp.com/mpcgtimes.com/wp-content/uploads/2024/01/बागेश्वर-धाम.jpg?fit=639%2C480&ssl=1)
Statement of Pandit Dhirendra Krishna Shastri of Bageshwar Dham: छतरपुर के बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि राम राजनीति का विषय नहीं हैं। राजनीति धर्म पर चलती है। राजनीति के साथ धर्म नहीं चलता। राम की नीति है विश्व में शांति, ऐसे में अगर कोई रोटी सेंक रहा है तो ये मूर्खता है। ओवैसी के बयान पर कहा कि हमें मस्जिद पर मंदिर नहीं बनाना चाहिए।
दरअसल, नोएडा में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विपक्षी पार्टियां बीजेपी पर राजनीतिक फायदा लेने का आरोप लगा रही हैं। जिस पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि भारत की जनता जाग चुकी है, जो आपके हिसाब से वोट करे। भारत विश्व गुरु कैसे बने, भारत कैसे विकास करे, इसके लिए राष्ट्रहित में अपना वोट दें। राम की अपनी नीति एकता, अखंडता, संप्रभुता है।
‘कृष्ण और कन्हैया की जन्मस्थली ज्ञानवापी में शंकर’
ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि को लेकर कोर्ट में चल रहे मामले पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह साबित हो गया है कि ज्ञानवापी में शंकर हैं और कृष्ण जन्मभूमि कन्हैया की है। किसी राय की आवश्यकता नहीं। यहां न्याय और न्यायपालिका है। खोज में मिले साक्ष्यों से यह निश्चित है कि वहां सनातनियों का प्रभुत्व था। यह केवल सनातनियों का मंदिर है, अन्य धर्मों का नहीं। मोहम्मद गौरी, अकबर और बाबर के हमलों से इस देश को जो घाव मिले, वे अभी हरे हो रहे हैं। ईश्वर की कृपा से यह स्वर्णिम काल है।
ओवैसी के बयान पर कहा- हमें मस्जिद पर मंदिर नहीं बनाना चाहिए
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में बयान दिया था कि मुसलमानों, मस्जिदों पर कब्जा रखो, नहीं तो एक-एक करके मस्जिदें छीन ली जाएंगी। इस पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह उनका डर दर्शाता है कि वे कितने कमजोर और क्रूर हैं। अगर हमें मस्जिदें तोड़कर मंदिर बनाना होता तो इतने सारे मंदिरों में पुजारी होते तो मस्जिदें टूट जातीं। हमें मस्जिदों पर मंदिर नहीं बनाना है, हमें उन जगहों का पुनर्निर्माण करना है जहां हमारे मंदिर थे। अब अगर उन्हें ये डर है तो क्या उनका डर बरकरार रहेगा।
‘जातिवाद के लिए नहीं बन रहा राम मंदिर’
राम मंदिर निर्माण का श्रेय लेने को लेकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, राम सबके हैं. राम मंदिर जातिवाद के लिए नहीं बनाया जा रहा है. शबरी और निषादराज के मंदिर भी बनाये जा रहे हैं। यह मंदिर जातिवाद के लिए नहीं, बल्कि राम भक्तों की आस्था के लिए बनाया जा रहा है।
‘राम मंदिर सनातनियों की सबसे बड़ी जीत’
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण सभी सनातनी-हिंदुओं की अब तक की सबसे बड़ी जीत है। ये त्योहार दिवाली से भी ज्यादा खास है। यकीनन कोई बदनसीब इंसान ही होगा जो इस दिन का इंतजार नहीं करता होगा। इस दिन का इंतजार सिर्फ देश के लोगों को ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सभी भारतीय मूल के लोगों को भी रहता है. हम तो बस इतना ही कहना चाहते हैं कि सभी को दिवाली मनानी चाहिए। अगर प्यार हद से ज्यादा हो तो आंखें ज्यादा और जुबान कम बोलती है। मुझे नृत्य करने की इच्छा हो रही है। अयोध्या जाना है।
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