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छत्तीसगढ़ में बेटे ने पिता को मार डाला: मां को पिटता देख बेटे को आया गुस्सा, धारदार हथियार से उतारा मौत के घाट

Son killed father with sharp weapon in Bilaspur: बिलासपुर में एक युवक ने अपने पिता पर धारदार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतार दिया. मां को पिटता देख गुस्साए बेटे ने पिता की जान ले ली. पुलिस ने गुरुवार को आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया। मामला कोनी थाना क्षेत्र का है.

जानकारी के मुताबिक बड़ी कोनी निवासी अर्जुन ध्रुव (50) ड्राइवर था। वह शराब के नशे में पत्नी प्रभा को आए दिन पीटता था। बेटे दिनेश ध्रुव को मां को रोज-रोज पिटते देखना अच्छा नहीं लगता था. बुधवार की रात भी अर्जुन ध्रुव शराब पीकर घर पहुंचा और रोज की तरह पत्नी से झगड़ा करने लगा, तभी उसका बेटा दिनेश ध्रुव घर पहुंच गया.

घर में पापा और मम्मी के बीच झगड़ा चल रहा था. युवक ने अपने पिता से विवाद करने से इनकार कर दिया और बीच-बचाव करने लगा. इस दौरान पिता ने भी बेटे को पीटना शुरू कर दिया. इससे नाराज होकर बेटे ने धारदार हथियार निकाला और पिता पर हमला कर दिया.

इस हमले में गंभीर रूप से घायल पिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ कर रही है.

बीच-बचाव करने पर बेटे को पीटा

इस दौरान दिनेश ध्रुव ने सबसे पहले अपनी मां को ढांढस बंधाया और शांत कराया. पिता अर्जुन भी ध्रुव को विवाद न करने को कहने लगे। उनकी मां शांत हो गईं, लेकिन अर्जुन ने घर में गाली-गलौज और हंगामा करना शुरू कर दिया। जब उसके बेटे ने मना किया तो अर्जुन ने उसे भी पीटा।

गुस्से में बेटे ने पिता पर किया धारदार हथियार से हमला, मौत

इसके बाद दिनेश नाराज हो गया. उसने धारदार हथियार निकाला और अपने पिता अर्जुन ध्रुव पर हमला कर दिया. जिससे अर्जुन खून से लथपथ हो गए और बेहोश हो गए। उसकी हालत देखकर दिनेश और उसकी मां प्रभा उसे इलाज के लिए अस्पताल ले गए।

पुलिस ने पारिवारिक विवाद को संवेदनशील मामला माना

पति-पत्नी और बेटे के बीच विवाद के बाद हत्या के इस मामले में पुलिस ने धारा 302 के तहत अपराध दर्ज किया है. लेकिन, पुलिस ने पारिवारिक झगड़े को संवेदनशील बताया है। आपको बता दें कि पुलिस हर एफआईआर को ऑनलाइन अपलोड करती है, जिसमें केस की पूरी जानकारी होती है।

आमतौर पर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ आपराधिक मामलों को ऑनलाइन अपलोड करते समय उन्हें संवेदनशील मामले बना दिया जाता है, जिससे उनकी पहचान नहीं हो पाती है. लेकिन, पुलिस ने इस मामले को पारिवारिक विवाद और हत्या का मामला बना दिया है, जिससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं.

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