क्या महासमुंद से कटेगा सांसद चुन्नीलाल का टिकट ? सिरकट्टी आश्रम के संत गोवर्धन शरण की एंट्री से खलबली, हजारों अनुयायियों के समर्थन से सकते में नेताजी
गिरीश जगत, गरियाबंद। संत पवन दीवान को संसद तक पहुंचाने के बाद अब चतुर्भुज सिरकट्टी आश्रम के प्रति आस्था रखने वाले न केवल अनुयायी बल्कि आम मतदाता और संघ के कई बड़े नेता भी चाहते हैं कि इस बार महासमुंद लोकसभा क्षेत्र से संत गोवर्धन शरण ब्यास को टिकट मिले।
विधान सभा चुनाव के समय से ही उनके अनुयायी संत को राजनीति क्षेत्र में लाने लगातार मांग करते आ रहे हैं। पार्टी के आंतरिक सर्वे से लेकर सामाजिक संरचना में भी संत सटीक बैठते दिख रहे हैं। संत की दावेदारी पर विचार करने के कई वजह है जो भाजपा के नए पैरामीटर में सटीक बैठता दिख रहा है।
सामाजिक समीकरण में सटीक बैठते हैं
प्रदेश में सर्वाधिक साहू की संख्या दुर्ग के पहले महासमुंद लोकसभा क्षेत्र में मौजूद है।छुरा विकास खंड के ग्राम हरदी के कृषक सुबेलाल साहू के सुपुत्र है गोवर्धन शरण ब्यास।48 साल के संत,18 वर्ष की उम्र 1993में गृह त्याग ,सिरकट्टी आश्रम के प्रमुख संत भुनेश्वरी शरण जी महाराज के शिष्य बन गए।
रामानंद संप्रदाय दिगंबर अखाड़ा से महामंडलेश्वर की उपाधि लिया। मई 2010 में सड़क हादसे में संत भुनेश्वरी शरण के निधन के बाद से सन्यासी गोवर्धन शरण ब्यास सिरकट्टी आश्रम के प्रमुख हैं। संत मोदी और योगी के कार्यशैली को पसंद करते हैं।उनके शयन कक्ष में इन नेताओ की तस्वीर भी है।
संत के सनातन प्रेम व धर्म जागरण के कार्य को लेकर भाजपा व संघ के बड़े नेताओं का आश्रम में आना जाना भी है।भाजपा लगातार साहू समाज से ही अपना प्रत्याशी बनाते आ रही है, नए युवा चेहरे हो या फ़िर सनातन धर्म,निस्वार्थ समाज सेवा जैसे मापदंडों में संत गोवर्धन सटीक बैठते हैं।
आश्रम का प्रभाव लोकसभा क्षेत्र के 600 से ज्यादा गांव में
महासमुंद लोकसभा क्षेत्र में आने वाले गरियाबंद,धमतरी व महासमुंद जिले के लगभग 800 गांव के 40 हजार से भाई ज्यादा परिवार का आस्था कूटेना स्थित सिरकट्टी आश्रम से जुड़ा है।सिरकट्टी से इन तीनो जिले में 17 आश्रम साखा व धार्मिक समिती का संचालन हो रहा है जिसमे 156 गांव के हजारों लोग प्रत्यक्ष रूप से जुड़े है।
इसके अतिरिक्त आश्रम 4 साल पहले से गुरुकुल का संचालन कर रही है,इस 180 छात्र निशुल्क अध्ययन कर रहे है।माध्यमिक शिक्षा मंडल से मान्यता प्राप्त इस स्कूल में कक्षा 6 से 10 तक प्रति वर्ष 50 से भी ज्यादा नए छात्र आते है।इनके परिवार गरीब व सनातन धर्म से जुड़े हुए लोग होते हैं।निशुल्क शिक्षा से भी सैकड़ों परिवार लाभान्वित हो रहा है।इन सभी परिवार का संत के प्रति गहरी आस्था स्थापित हो चुकी है।
राम मंदिर निर्माण के लिए 7 करोड़ का सहयोग मिला
सिरकट्टी आश्रम के भीतर 2017 में विशाल राम मंदिर का निर्माण किया गया। लाल पत्थर से निर्मित यह मंदिर 7 करोड़ लागत से बना है,मंदिर निर्माण के लिए तीन जिले में रहने वाले 20 हजार परिवार ने 7 करोड़ का दान आश्रम को दिया था।
प्रांगण में साहू समाज के अलावा, कंवर,निषाद,पैंकरा समेत कई समाज के लोगो ने सामुदायिक भवन का निर्माण कराया है।ज्यादातर समाज का वार्षिक अधिवेशन संत गोवर्धन शरण ब्यास की मौजूदगी में होता है।साल के 365 दिनों में कुछ दिनो को छोड़ शेष दिनो में बारह मास संत का धर्म जागरण का कार्य चलता है। जय श्री रामचरित मानस यज्ञ सतत गांव में जारी रहता है।
इस आयोजन की साल भर की रूपरेखा पहले से बना लिया जाता है।हिंदू समाज के प्रमुख पर्व देवी देवताओं के विशेष तिथि पर भव्य आयोजन व भंडारा समय समय पर आश्रम में संचालित होता है।आश्रम में संचालित गौशाला में 500 गौ वंश की सेवा,100 से भी ज्यादा परिवार को रोजगार व रोजाना 300 लोगो का भोजन दो वक्त नियमित रूप से आश्रम में बनता है।
निस्वार्थ सेवा करेंगे इसलिए लाना चाहते है राजनीति में
संत के कई अनुयायियों से हमने संत को राजनीति में लाने के पीछे वजह पूछा,जवाब में बोले यूपी में योगी आदित्य नाथ जैसे मूख्यमंत्री ना थे न मिलेंगे।सन्यासी जब राजा बनता है तो वो निस्वार्थ भाव से सर्वांगिन विकास करता है।
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