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Raipur: क्रूरता साबित नहीं होने पर हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका, पति ने पत्नी के खिलाफ दायर की थी अपील

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि पति-पत्नी में मामूली बातों पर झगड़ा, विवाद और चिड़चिड़ाहट जैसी स्थिति पति पत्नी के विवाह विच्छेद के लिए पर्याप्त आधार नहीं है। हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी की डिवीजन बेंच ने यह टिप्पणी करते हुए परिवार न्यायालय के आदेश के खिलाफ पति के द्वारा की गई अपील को खारिज कर दिया है । 

जानकारी के लिए बता दें कि राजनांदगांव के रहने वाले मनीष राय की शादी 2015 में कांकेर की रहने वाली एक युवती से हुई थी । शादी के कुछ महीनों  बाद ही दोनों के संबंधों में खटास आने लगी । बढ़ती विवाद की स्थिति के बीच पति ने 4 दिसम्बर 2017 में राजनांदगांव के फैमिली कोर्ट में केस प्रस्तुत की । केस दायर करने वाले पति ने अपनी पत्नी पर उसे अपमानित करने जैसे आरोप लगाए । 

पति ने कहा कि वो अपनी पत्नी के मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से तंग आ चुका था,इस वजह से उसका साथ रहना मुश्किल हो गया था । पत्नी ने पति द्वारा लगाए गए आरोपों को ग़लत बताते हुए अपनी सास के द्वारा प्रताड़ित करने की बात कही । इससे पहले परिवार न्यायालय ने क्रूरता साबित नहीं होने की स्थिति में विवाह विच्छेद को लेकर दायर अर्जी को खारिज कर चुका था। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई । हाईकोर्ट ने परिवार न्यायालय के निर्णय को यथावत रखते हुए और पत्नी के द्वारा क्रूरता साबित नहीं होने पर पति की याचिका ख़ारिज कर दी है। 

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