क्या पुष्पराजगढ़ में दरकेगा सियासी किला ? मार्को की हैट्रिक पर श्याम का ब्रेक, या हीरा के रास्ते पर फुंदेलाल रोड़ा, जानिए जनता किससे भड़की ?

Pushprajgarh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है। नेता अब हर गली हर चौराहे पर नजर आने लगे हैं। गांव गांव में विकास के हवा हवाई वादों का दौर जारी है। अब सवाल है कि विकास कौन करेगा और किसे कुर्सी में नवाजा जाए। जनता के मन में क्या है, कौन किससे खफा है, कहां विकास नहीं हुआ, कहां समस्याओं की अंबार है ?. इसी तरह के सैंकड़ों सवालात लेकर जब हमारी टीम पब्लिक के बीच पहुंची और मन टटोलने की कोशिश की तो जवाब चौंकाने वाले थे. किसी ने नेताओं का गुस्से में स्वागत किया तो किसी ने उम्मीद जताई.

क्या कहती है राजेंद्रग्राम की पब्लिक ?
MPCG टाइम्स की टीम ने जब मौजूदा विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को के ग्रह ग्राम राजेंद्रग्राम किरगी में लोगों से चर्चा की तो कुछ लोगों का कहना था कि माननीय ने जनता का कम और अपना विकास कुछ ज्यादा ही कर लिया, तो वहीं बीजेपी प्रत्याशी हीरा सिंह श्याम के बारे में लोगों ने कहा कि नया चेहरा है, विकास की उम्मीद है, लेकिन कुछ कहा नहीं जा सकता, इसके पहले भी बीजेपी से सुदामा सिंह को मौका दिए, लेकिन पब्लिक को झुनझुना थमा दिया।

क्या कहती है अमरकंटक की जनता ?
हमारी टीम जब मां नर्मदा की पावन भुइयां में विकास खोजने और कांग्रेस बीजेपी प्रत्याशियों के बारे में नब्ज़ टटोलने की कोशिश की तो वहां के किसान संभर सिंह ने कहा कि नेता तो यहां बहुत आते हैं, लेकिन कोई विकास नहीं करता. वादे करते हैं और चले जाते हैं. यहां आते हैं मंदिर जाते हैं और वहां से बड़े बड़े लोगों से मिलकर चले जाते हैं. जनता को वोट के बाद कौन पूछता है. हम किसान हैं हमको तो कभी कोई सरकारी सामग्रियां नहीं मिली.
क्या बोले अमरकंटक के युवा ?
युवाओं का कहना था कि न तो यहां किसी ने कॉलेज बनवाने के सोचा और न ही अस्पताल, जैसा है वैसे चल रहा है. किसी मरीज को अच्छी सुविधा नहीं मिलती, जो लोग गांव के हैं, उनको पढ़ाई के लिए दूर जाना पड़ता है. IGNTU में सबको एडमिशन नहीं मिलता, कोई यहां हमारे बारे में नहीं सोचता.
दमेहड़ी के लोगों का क्या कहना था ?
हमारी टीम ने यहां जब कुछ लोगों से चर्चा की तो मौजूदा विधायक को लेकर खासी नाराजगी देखने को मिली. लोगों का कहना था कि विधायक ग्रामीण इलाकों में आकर देखे, यहां कहीं सड़कें नहीं हैं तो कहीं लोग रोजगार के लिए हताश हो रहे हैं. यहां से अधिकतर लोग बाहर कमाने जाते हैं. विधायक का क्या है अपना विकास कर रहा है.
रोजगार को लेकर क्या बोले युवा ?
दमेहडी के युवाओं का कहना था कि हमको पढ़ाई के लिए दूर राजेंद्रग्राम जाना पड़ता है. हमारे माता पिता गरीब हैं. जितना पढ़ाना था पढ़ा लिए, अब रोजगार के लिए इधर उधर भटक रहे हैं. न बीजेपी सोच रही यहां के बारे में न कांग्रेस. सब सत्ता के भूखे हैं. चुनाव आता है, तो वोट मांगने आ जाते हैं.
बेनीबारी में कांग्रेस और बीजेपी से नाराजगी
किसानों ने बीजेपी और कांग्रेस को खूब कोसा. किसानों ने कहा कि समय में न खाद मिलता और न बीज मिलता. यहां तक कि फसल की उचित कीमत भी नहीं मिलती. छत्तीसगढ़ में किसानों को 2700 धान का मिलता है, यहां के किसानों को जो लागत है, वो भी निकालना मुश्किल हो जाता है. बीजेपी कांग्रेस दोनों एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं.
करपा में भड़के युवा और बुजुर्ग
यहां जब हमारी टीम ने जनता से बात की तो रोड को लेकर खूब बरसे. लोगों का कहना था कि राजेंद्रग्राम जाने के लिए बदहाली से गुजरना पड़ता है. कितने से साल से जान हथेली पर रखकर चलने को मजबूर हैं. ग्रामीण इलाकों में सड़कें नहीं हैं. पानी की समस्या है. लोगों को गर्मी से पहले पानी के लिए तरसना पड़ता है.
पुष्पराजगढ़ में युवा को रोजगार नहीं
युवा बड़ी संख्या में पढ़ लिखकर तैयार हो रहे हैं, लेकिन रोजगार नहीं मिल रहा है. मजबूरी में कंपनियों में काम करने के छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं. किसी नेता ने युवाओं के कुछ खास व्यवस्था नहीं की है और न ही किसी तरह की मदद की है, जिससे युवाओं की तकलीफ कम हुई हो.
पानी की जद्दोजहद, सड़कें बदहाल
पुष्पराजगढ़ के ग्रामीण इलाकों में आज भी पानी की परेशानी किसी से छुपी नहीं है. ग्रामीण इलाके के लोग आज भी झिरिया में पानी पीने को मजबूर हैं. बेनीबारी, करपा, दमेहदी समेत कई इलाकों में पानी की समस्या है, जिससे निजात दिलाने कुछ खास पहल नहीं है.
किस नेता से कितने खफा ?
कांग्रेस विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को को लेकर खासी नाराजगी सामने आई है, वहीं कई इलाकों में बीजेपी से भी नाराजगी है, ऐसे में बीजेपी प्रत्याशी हीरा की राहें भी आसान नहीं है. विकास को लेकर कहीं न कहीं कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने जनता को छलने का काम किया है, जिससे दोनों ही पार्टियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
गौरतलब है एमपी में पांच करोड़ 61 लाख 36, 239 वोटर हैं. वोट ईवीएम से डाले जाएंगे. इसके साथ ही संवेदनशीलों जगहों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की जाएगी. 230 विधानसभा सीटें हैं.
एमपी में 84, 523 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं. शहरी श्रेत्र में 16763 और ग्रामीण क्षेत्र में 47760 हैं. इसके साथ ही 15000 मॉडल बूथ बनाए गए हैं. 35000 पोलिंग स्टेशन पर वेब कास्टिंग की सुविधा है. वहीं, एमपी में 5000 पोलिंग बूथों को महिलाएं मैनेज करेंगी. बुजुर्ग वोटर्स अपने घर से वोट दे सकते हैं.
कब क्या होगा यहां पढ़िए ?
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