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क्या बदल जाएगा देश का संविधान ? PM MODI के आर्थिक सलाहकार ने की Constitution बदलने की बात, भड़क उठा विपक्ष, कहा- BJP-RSS की घृणित सोच

PM Modi Economic Advisory Council Chairman Bibek Debroy talked about changing constitution: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय का एक लेख सामने आने के बाद से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल हमलावर हैं. देबरॉय ने एक लेख लिखा है, जिसमें देश में नए संविधान की जरूरत बताई गई है.

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इस मुद्दे को बीजेपी और संघ से जोड़ते हुए कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष ने संविधान को नष्ट करने का बिगुल बजा दिया है, जो हमेशा से संघ परिवार का एजेंडा रहा है.

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सावधान रहें, भारत!’ रमेश ने कहा, ‘इस 77वें स्वतंत्रता दिवस पर, प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष ने संविधान को खत्म करने का बिगुल बजाया है, जिसके डॉ. अंबेडकर मुख्य वास्तुकार थे. वह चाहते हैं कि देश बिल्कुल नया संविधान अपनाए.

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इसे लेकर कांग्रेस ही नहीं, राजद और जदयू भी हमलावर हैं. जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन ने कहा, बिबेक देबरॉय ने एक बार फिर बीजेपी और आरएसएस की घृणित सोच को उजागर किया है.

साथ ही चेतावनी दी कि भारत के लोग ऐसे प्रयासों को स्वीकार नहीं करेंगे. बिबेक देबरॉय पर निशाना साधते हुए राजीव रंजन ने कहा कि वह चाटुकारिता कर रहे हैं. जेडीयू नेता ने कहा, देबरॉय आर्थिक नीतियों पर अपने विचार व्यक्त नहीं कर पा रहे हैं और उन विषयों पर चर्चा कर रहे हैं जिनके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है.

वहीं राष्ट्रीय जनता दल के नेता राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि ये देबरॉय के शब्द नहीं हैं बल्कि उन्होंने कहे हैं. झा ने कहा कि संविधान बदलने की जरूरत नहीं है, बल्कि कानून बदलने की जरूरत है.

देबरॉय ने कहा, ‘हम ज्यादातर बहसें संविधान पर शुरू और खत्म करते हैं. कुछ संशोधन काम नहीं करेंगे. हमें ड्राइंग बोर्ड पर वापस जाना चाहिए और पहले सिद्धांतों से शुरू करना चाहिए, यह पूछना चाहिए कि प्रस्तावना में इन शब्दों का अब क्या मतलब है. समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, न्याय, स्वतंत्रता और समानता. हम लोगों को खुद को एक नया संविधान देना होगा.

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