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Pathan Movie Controversy: फिल्म पठान को लेकर संत समाज भी आक्रोशित, साध्वी ऋतंभरा ने कही ये बात

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शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की आने वाली फिल्म पठान को लेकर इन दिनों लगातार विरोध जारी है। सोशल मीडिया पर बॉयकॉट ट्रेंड कर रहा है। अब संत समाज की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उज्जैन में आयोजित संत समागम में शामिल होने आईं साध्वी ऋतंभरा ने भी फिल्म को लेकर मीडिया से बातचीत की। उन्होंने फिल्म में भगवा रंग के वस्त्रों के उपयोग को गलत बताया और पठान फिल्म का विरोध दर्ज करने की बात कही।

साध्वी ऋतंभरा ने कहा है कि हमें अपने स्वाभिमान की रक्षा स्वयं करनी होगी। इंटरटेनमेंट के चक्कर में अपनी मर्यादा का उल्लंघन न होने दो न करो। ऐसी फिल्में देखनी ही नहीं चाहिए। जहां भी हमारे स्वाभिमान पर चोट हो। इनके बिजनेस को चौपट करें। चाहे ये लोग मां भगवती के मंदिर में ये नाक रगड़ें, पर भारतीय संस्कृति और हमारे मूल्यों के लिए कुछ आपत्तिजनक है  वो हमें स्वीकार नहीं है। 

इन संतों व साध्वियों ने भी जताया विरोध
स्वास्तिक पीठाधीश्वर परामर्श डॉ. अवधेशपुरी ने कहा की इस फिल्म में बेशर्म रंग गाने में भगवा रंग का उपयोग किया गया है जो कि फिल्म बनाने वाले लोगों की गलत सोच को उजागर करता है। अभिव्यक्ति की आजादी के रूप में भगवा संस्कृति का इस प्रकार अपमान करना सरासर गलत है। भगवा रंग कोई बेशर्म रंग नहीं है। यह रंग सनातनियों के गौरव और त्याग का प्रतीक है। 

महामंडलेश्वर स्वामी अतुलेशानंद सरस्वती (आचार्य शेखर) ने बताया कि इस देश  को ना तो पठान चाहिए और ना ही मुगल, मध्यप्रदेश में ऐसी फूहड़ फिल्म नहीं चलनी चाहिए जो कि हमारी संस्कृति का मजाक बनाती हो। हम किसी भी कीमत पर इस फिल्म को नहीं चलने देंगे और इस फिल्म का पुरजोर विरोध करेंगे। वृंदावन से आईं साध्वी सत्यप्रिया ने कहा कि यदि हमारी अस्मिता के गौरव के साथ कोई छेड़छाड़ करता है तो उसका पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए। मनोरंजन स्वच्छ होना चाहिए और यदि मनोरंजन के नाम पर किसी भी धर्म का अपमान किया जाता है तो उसे कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। 

गृहमंत्री से की फिल्म पठान पर रोक लगाने की मांग
फिल्म को लेकर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री तक आपत्ति दर्ज कराने की बात कही है। इस फिल्म के गाने बेशरम रंग के कपड़ों और उसके रंग पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया है। बताया जाता है कि फिल्म को लेकर गृहमंत्री ने चेतावनी दी कि अगर निमार्ता-निर्देशक ने इस फिल्म में सुधार नहीं किया, तो राज्य सरकार विचार करेगी कि फिल्म को प्रदर्शन की अनुमति दी जाए या नहीं।

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शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की आने वाली फिल्म पठान को लेकर इन दिनों लगातार विरोध जारी है। सोशल मीडिया पर बॉयकॉट ट्रेंड कर रहा है। अब संत समाज की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उज्जैन में आयोजित संत समागम में शामिल होने आईं साध्वी ऋतंभरा ने भी फिल्म को लेकर मीडिया से बातचीत की। उन्होंने फिल्म में भगवा रंग के वस्त्रों के उपयोग को गलत बताया और पठान फिल्म का विरोध दर्ज करने की बात कही।

साध्वी ऋतंभरा ने कहा है कि हमें अपने स्वाभिमान की रक्षा स्वयं करनी होगी। इंटरटेनमेंट के चक्कर में अपनी मर्यादा का उल्लंघन न होने दो न करो। ऐसी फिल्में देखनी ही नहीं चाहिए। जहां भी हमारे स्वाभिमान पर चोट हो। इनके बिजनेस को चौपट करें। चाहे ये लोग मां भगवती के मंदिर में ये नाक रगड़ें, पर भारतीय संस्कृति और हमारे मूल्यों के लिए कुछ आपत्तिजनक है  वो हमें स्वीकार नहीं है। 

इन संतों व साध्वियों ने भी जताया विरोध

स्वास्तिक पीठाधीश्वर परामर्श डॉ. अवधेशपुरी ने कहा की इस फिल्म में बेशर्म रंग गाने में भगवा रंग का उपयोग किया गया है जो कि फिल्म बनाने वाले लोगों की गलत सोच को उजागर करता है। अभिव्यक्ति की आजादी के रूप में भगवा संस्कृति का इस प्रकार अपमान करना सरासर गलत है। भगवा रंग कोई बेशर्म रंग नहीं है। यह रंग सनातनियों के गौरव और त्याग का प्रतीक है। 

महामंडलेश्वर स्वामी अतुलेशानंद सरस्वती (आचार्य शेखर) ने बताया कि इस देश  को ना तो पठान चाहिए और ना ही मुगल, मध्यप्रदेश में ऐसी फूहड़ फिल्म नहीं चलनी चाहिए जो कि हमारी संस्कृति का मजाक बनाती हो। हम किसी भी कीमत पर इस फिल्म को नहीं चलने देंगे और इस फिल्म का पुरजोर विरोध करेंगे। वृंदावन से आईं साध्वी सत्यप्रिया ने कहा कि यदि हमारी अस्मिता के गौरव के साथ कोई छेड़छाड़ करता है तो उसका पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए। मनोरंजन स्वच्छ होना चाहिए और यदि मनोरंजन के नाम पर किसी भी धर्म का अपमान किया जाता है तो उसे कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। 

गृहमंत्री से की फिल्म पठान पर रोक लगाने की मांग

फिल्म को लेकर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री तक आपत्ति दर्ज कराने की बात कही है। इस फिल्म के गाने बेशरम रंग के कपड़ों और उसके रंग पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया है। बताया जाता है कि फिल्म को लेकर गृहमंत्री ने चेतावनी दी कि अगर निमार्ता-निर्देशक ने इस फिल्म में सुधार नहीं किया, तो राज्य सरकार विचार करेगी कि फिल्म को प्रदर्शन की अनुमति दी जाए या नहीं।

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