Marriage considering the constitution as witness: मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में संविधान को साक्षी मानकर शादी करने का मामला सामने आया है. एक युवक ने लिव इन रिलेशनशिप में रह रही युवती से शादी कर ली. दोनों जन्मभूमि महू पहुंचे और बाबा साहब की प्रतिमा के सात फेरे लिए. जो कि चर्चा का विषय बना हुआ है.
सीहोर के ग्राम सेमलीखुर्द निवासी दूल्हा राजेश और मुख्तार नगर निवासी प्रियंका मालवीय काफी समय से लिव इन रिलेशनशिप रहे थे. संविधान के विवाह अधिनियम के अनुसार संविधान को साक्षी मानकर दोनों अपने मित्रों सहित बाबासाहेब की जन्मस्थली महू पहुंचे।
बाबासाहेब की प्रतिमा के समक्ष वरमाला पहनाई और जीवन भर साथ रहने की संविधान की किताब को हाथों में लेकर शपथ ग्रहण की. यह शादी रूढ़ीवादी समाज को अच्छा संदेश देने के लिए की गई है.
दुल्हन प्रियंका मालवीय ने कहा कि उन्हें संविधान पर अटूट विश्वास है. बाबा साहब ने हमें कई अधिकार दिए हैं, जिसमें लाखों रुपए खर्च किए बिना भी शादी की जा सकती है. हमारी शादी संविधान को साक्षी मानकर बाबासाहेब की प्रतिमा के सामने हुई.
यह मेरे लिए गर्व की बात है. घरवालों की सहमति से युवक-युवतियां बिना किसी खर्च के बाबा साहेब को साक्षी मानकर शांतिपूर्वक विवाह कर सकते हैं.
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