MP GIS: मध्य प्रदेश में शरबती गेंहू का प्रोड्क्शन हो रहा कम, सरकार को बिजनेस मैन ने दी यह सलाह
एग्रीकल्चर फूड एण्ड डेयरी प्रोसेसिंग में सीएम के शिवराज के बेटे कार्तिकेय भी सत्र में शामिल हुए
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मध्य प्रदेश में 7वीं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) का आयोजन बुधवार को हुआ। आयोजन के पहले दिन एग्रीकल्चर फूड एण्ड डेयरी प्रोसेसिंग पर आयोजित विशेष सत्र को चौपाल के नेशनल हेड और आईटीसी के डिवीजनल चीफ एक्ज्यूटिव एग्री बिजनेस रजनीकांत राय ने कहा कि मध्यप्रदेश पॉलिसी क्रिएटर है। यहां की बनाई हुई नीतियां देश में एडॉप्ट की जाती है। मंडी से बाहर क्रय करने की सर्वप्रथम अनुमति मध्यप्रदेश ने दी। आईटीसी चौपाल पूरे देश में है, जिसकी शुरूआत प्रदेश से 1985 में हुई थी। प्रदेश ने मंडियों से खरीदी के लिए यूनिफाईड लाईसेंस की शुरूआत की है। अब एक लाइसेंस से प्रदेश की सभी मंडियों से खरीदी की जा सकती है।
रिसर्च पर काम किया जा रहा है
रजनीकांत राय ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि शरबती गेंहू का प्रोडक्शन कम हो रहा है। इसका कारण वैरायटी में बदलाव नहीं होना है। इसके कारण मध्य प्रदेश में ही प्रोडक्शन 40 प्रतिशत हो गया है। यह स्थिति तब है जब मध्य प्रदेश शरबती गेंहू का उत्पादन करने वाला एक मात्र राज्य है। इस पर सरकार की तरफ से सेक्शन में बताया गया कि शरबती गेंहू का प्रोड्कशन बढ़ाने और रिसर्च पर काम किया जा रहा हैं। केन्द्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश एग्रीकल्चरल इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (आईएएफ) की चेन का मॉडल पॉइन्ट है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि आधारित उद्योगों के लिए सबसे अधिक अनुकूल वातावरण मौजूद है। पटेल ने इन्वेस्टर्स से इन क्षेत्रों में निवेश करने का आव्हान किया है। सत्र में पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल और उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह मौजूद थे।
40% मोटा अनाज हमारा देश उत्पादित करता है
पटेल ने कहा कि इन्वेस्टर्स के पास छूने के लिए खुला आसमान है। प्रदेश में उनके लिए सभी सुविधां सुलभ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से 2014 से 2020 की अवधि में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में विदेशी निवेश 4.1 से 5.3 मिलियन डॉलर हो गया है। कृषि उत्पादों में मध्यप्रदेश नंबर-1 है। प्रधानमंत्री के प्रयासों से वर्ष 2023 को मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। संसार का 40 प्रतिशत मोटा अनाज (मिलेट) हमारा देश उत्पादित करता है। उन्होंने कहा कि सरकार फूड लैब लगाने के लिए सहयोग कर रही है। इक्वेशन सेंटर बनाने के लिए भी सरकार व्यक्तिगत रूप से 50 प्रतिशत और कृषि विज्ञान केन्द्रों को 100 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। उन्होंने प्रदेश में फूड प्रोसिंसिग को बढावा देने के लिए (3-T) ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और टेस्ट पर काम करने पर जोर दिया। केन्द्रीय राज्य मंत्री पटेल ने कहा कि हमें ब्रान्डिंग के क्षेत्र में और अधिक कार्य करना है। फूड प्रोसिंसिग इंडस्ट्री के क्षेत्र में मौजूद गेप को भरना है।
प्रदेश में काम करने के व्यापक अवसर मौजूद
रीजनल मैनेजिंग डायरेक्टर साउथ एशिया, यूएस इंटरनेशनल डव्लपमेंट फाइनेन्स कारर्पोशन के अजय राव ने कहा कि भारत और मध्यप्रदेश में काम करने के व्यापक अवसर मौजूद है। हम पर्यावरण और सामाजिक क्षेत्रों के साथ कृषकों की आय को बढ़ाने और कृषि में होने वाले वेस्टेज को कम करने के लिए कार्य कर रहे है। “मिल्क मंत्र” के माध्यम से लोगों को आगे बढ़ाने के लिए 10 मिलियन डॉलर का निवेश कर रहे है। विभिन्न क्षेत्रों में ऋण भी उपलब्ध करा रहे है जिससे लोग आर्थिक रूप से सशक्त बनें।
इन्वेस्टर्स के लिए फ्यूचर फेवरेट डेस्टिनेशन है एम.पी.
भारत और श्रीलंका के लिए नीदरलैंड के कृषि सलाहकार मिशेल वेन इर्केल ने कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि उत्पादकता में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। गुड फूड और गुड फार्मिंग के क्षेत्र में मध्यप्रदेश उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। कृषि के क्षेत्र में इंडिया, एशिया में सबसे आगे है और एमपी “फूड बास्केट ऑफ इंडिया”है। उन्होंने मध्यप्रदेश को इन्वेस्टर्स के लिए फ्यूचर फेवरेट डेस्टिनेशन बताया। इर्केल ने कहा कि नीदरलैंड भी सहयोग और निवेश के लिए तैयार है।
अमेरिका में रायल ब्रांड नंबर-1 हैं
एलटी फूडस् लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ अश्विनी कुमार अरोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जो कहा कि वह सब करके दिखाया। उन्होंने प्रदेश में वर्ष 2006 से शुरू 20 करोड़ रूपये से शुरू हुई 10 हजार करोड रूपये तक की व्यापार यात्रा में शासन- प्रशासन के योगदान को सराहा। आज बासमती चावल का ब्रांड “दावत” सर्वाधिक जाना पहचाना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमेशा सकारात्मक रूख दिखाया है। निवेशकों के लिए यह फेवरेट डेस्टिनेशन है। एलटी फूडस् लिमिटेड बासमती चावल 65 देशों को निर्यात करता है। निर्यात के 20 प्रतिशत की आपूर्ति मध्यप्रदेश से होती है। संस्थान का ब्रांड “रॉयल” अमेरिका में नंबर-1 ब्रांड है।
बेम्बू कैपिटल ऑफ इंडिया है एमपी
आर्टिजन के सीईओ देबोपम मुखर्जी ने एग्रो फॉरेस्ट्री में बांस के लाभ के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि मध्यप्रदेश बेम्बू कैपिटल ऑफ इंडिया है। आज बेम्बू क्रॉकीट, स्टील और टिम्बर का रिप्लेसमेन्ट बन रहा है। मुखर्जी ने कहा कि संसार की उत्कृष्ट गुणवत्ता के बांस का हम उपयोग कर रहे है। उन्होने कहा कि मध्यप्रदेश में बांस का सर्वाधिक मात्रा में उपलब्ध है। इसमें निवेश की अपार संभावनाएं मौजूद है।
प्रदेश में सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम से कार्य
चीफ कमिश्नर कस्टम, सेंट्रल जीएसटी एण्ड सेंट्रल एक्साईज मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ नवनीत गोयल ने कहा कि प्रदेश में सिंगल विंडो क्लिरेन्स सिस्टम से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने सेंट्रल गवर्मेन्ट इंसेन्टिव्स फॉर एक्सपोर्ट ऑफ एग्री प्रोडक्ट्स के लाभों के बारे में निवेशकों को जानकारी दी। उन्होंने अथॉराइज्ड इकोनॉमिक ऑपरेटर्स (एईओ) और स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड) के द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं की भी जानकारी दी।