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शहपुरा विधानसभा की जनता हर चुनाव में बदल रही MLA: BJP का प्रत्याशी रिपीट, कांग्रेस से विधायक का टिकट तय! गोंगपा भी देगी टक्कर, क्या फिर बदलेगा समीकरण ?

Shahpura Assembly Election: गणेश मरावी,डिंडोरी। मध्यप्रदेश में कुछ महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं. साल के अंत तक जनता फिर से अपनी सरकार चुनेगी यानी एक बार फिर जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की बारी जन प्रतिनिधियों की है. विधानसभा सीटों पर क्या है मौजूदा स्थिति, क्या है इलाके का हाल, कौन सा विधायक है कितने पानी में ? चलिए आज आपको डिंडोरी जिले के शहपुरा विधानसभा का हाल बताते हैं. हालांकि यहां बीजेपी ने पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे को अपना उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में कांग्रेस और अन्य पार्टी से उम्मीदवार कौन होगा ?

2018 के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के अलावा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला था. शहपुरा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश धुर्वे, कांग्रेस प्रत्यासी भूपेंद्र मरावी और गोंगपा समेत आम आदमी पार्टी, बसपा के बीच कांटे की टक्कर हुई थी. लेकिन कांग्रेस ने भारी मतों से विजय हासिल किया था. 2023 चुनाव के लिए बीजेपी ने प्रत्याशी घोषित कर दिया है, लेकिन कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. हालांकि इस बार भी कांग्रेस विधायक भूपेद्र मरावी को ही शहपुरा विधानसभा से टिकट मिलना तय माना जा रहा है.

राजधानी दौड़ लगा रहे नेताजी

मध्यप्रदेश में आगामी दिनों में विधानसभा का चुनाव होना है. इसको लेकर भाजपा ने बीते दिनों राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक आयोजित की थी. जिसके बाद मध्यप्रदेश में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी गई है. विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों के कई दिग्गज नेता टिकट लेकर दावेदारी कर रहे हैं. कई नेता टिकट को लेकर दिन रात भोपाल तक भागदौड़ कर रहे हैं. इन दिनों लोगों से भी संपर्क लगातार साध रहे हैं. भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची जारी की है. जिसमें डिंडोरी जिला के शहपुरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के दिग्गज नेता राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धुर्वे को उम्मीदवार घोषित किया है.

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हर चुनाव में बदल रही पार्टी 

शहपुरा विधानसभा में पिछले दो दशक का रिकॉर्ड देखा जाए, तो हर विधानसभा चुनाव में यहां पर पार्टी बदल जाती है यानी कि यहां की आदिवासी जनता हर चुनाव में भाजपा कांग्रेसी दोनों को मौका देते आ रही है, लेकिन क्या यह बदलाव इस बार 2023 में भी देखने को मिलेगा या एक बार फिर से शहपुरा की जनता कांग्रेस को ही सिर आंखों पर बिठाएगी.

शहपुरा में पलायन बड़ा मुद्दा

शहपुरा विधानसभा में रोजगार के कोई साधन न होने से यहां पर बड़ी संख्या में आदिवासी मजदूर वर्ग के लोग काम की तलाश में दूसरे जिले या दूसरे राज्यों की ओर रुख करते हैं. ना केवल शहपुरा बल्कि डिंडोरी जिले में भी रोजगार की कोई माकूल व्यवस्थाएं नहीं है. लिहाजा इस बात को लेकर भी आदिवासी समुदाय में नाराजगी देखने को मिलती है कि शहपुरा में इतने सालों के बाद भी सरकारें रोजगार के कोई पर्याप्त साधन नहीं जुटा पाई.

खेती किसानी ही रोजगार का मुख्य साधन

शहपुरा विधानसभा में बहुत लोगों का व्यवसाय खेती किसानी ही है. ज्यादातर लोग खेती किसानी करके ही अपना भरण पोषण कर रहे हैं. शहपुरा में वनोपज की भी कोई कमी नहीं है. खासकर कोदो, कुटकी चावल शहपुरा विधानसभा की खास पहचान है.

विकास के नाम पर कुछ खास नहीं हुआ

शहपुरा विधानसभा में 1957 से चुनाव होते आ रहे है, लेकिन 7 दशक में भी शहपुरा की शकल नहीं बदल पाई है. शहपुरा में बिजली की समस्या भी एक बड़ा मुद्दा है. खासकर दूरांचल में बिजली को लेकर खासी परेशानी है. शहपुरा में उच्च शिक्षा के लिए भी सिर्फ एक कॉलेज है. स्कूलों में शिक्षकों की कमी का मुद्दा भी है. शहपुरा में स्वास्थ्य सुविधा के लिए भी कोई बेहतर व्यवस्था नहीं है. डॉक्टरों की कमी से भी जूझ रहा है.

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डिंडोरी से चुनाव लड़ना चाहते हैं ओमप्रकाश

बताया जा रहा है कि शहपुरा क्षेत्र में चुनाव लड़ने और टिकट को लेकर पंकज टेकाम, सोनम मरावी समेत अन्य नेता कयास लगा रहे थे. लोगों से भी संपर्क बनाने में जुटे थे, लेकिन भाजपा ने ओमप्रकाश धुर्वे को उम्मीदवार घोषित कर बाकी नेताओं की मेहनत पर पानी फेर दिया. ओमप्रकाश धुर्वे को शहपुरा विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिलने के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें धुर्वे ने कहा कि पार्टी ने मुझ पर भरोसा जताया है. इसके लिए आभार व्यक्त करता हूं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं डिंडोरी से चुनाव लड़ना चाहता हूं, लेकिन शहपुरा से टिकट दिया गया है. मैं डिंडोरी विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिले, इसके लिए प्रयास करूंगा.

2018 में 33960 वोट से हारे थे ओमप्रकाश धुर्वे

2018 के विधानसभा चुनाव में जोरदार टक्कर हुई थी. जिसमें कांग्रेस विधायक भूपेंद्र मरावी ने भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धुर्वे को 33960 मतों से पराजित किया था. कांग्रेस के भूपेंद्र मरावी को 88587, भाजपा के ओमप्रकाश धुर्वे को 54727, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्यासी रणजीत सिंह मरावी को 30955 मत और अन्य प्रत्यासियों ने 7 हजार से कम मत प्राप्त हुए थे. भाजपा के दिग्गज और जिले से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बनाने वाले नेता ओमप्रकाश धुर्वे को पराजित करना आसान नहीं था, लेकिन शहपुरा विधानसभा क्षेत्र में जनता से कांग्रेस की मजबूत पकड़ होने के कारण हार का सामना करना पड़ा था. भाजपा ने ओमप्रकाश धुर्वे को मैदान में उतारकर एक बार फिर शहपुरा विधानसभा की चुनाव को दिलचस्प कर दिया है.

किस पार्टी से कौन लड़ सकता है चुनाव ?

शहपुरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के वर्तमान विधायक भूपेंद्र मरावी की उम्मीदवारी पूरी तरह से तय मानी जा रही है. वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोरते चुनाव मैदान में किस्मत आजमा सकते हैं. शहपुरा विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष अमर सिंह मार्को लड़ सकते हैं. पिछले चुनाव में गोंगपा का प्रदर्शन इस क्षेत्र में काफी मजबूत रहा है. बीजेपी से ओमप्रकाश धुर्वे की घोषणा के बाद जिले में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई है. वे भाजपा के दिग्गज नेता के साथ-साथ जिले की राजनीति में भी सबसे मजबूत नेता माने जाते है. पिछले चुनाव में खराब प्रदर्शन और क्षेत्र में पार्टी से आम लोगों की बढ़ रही दूरी के बीच बीजपी के लिए चुनाव जीतना भी आसान नहीं होगा. हालांकि आने वाले वक्त पर बताएगा कि जनता किसे अपना नेता चुनती है.

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विधायक के कामकाज को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया

वर्तमान कांग्रेस विधायक भूपेंद्र मरावी के कामकाज को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया हैं. वर्तमान विधायक को कुछ लोग एक और मौका देना चाहते हैं,तो कुछ लोग बदलाव की बात कह रहे हैं. वहीं शहपुरा विधानसभा में एक तबका ऐसा भी है, जो अभी अपने पत्ते नहीं खोना चाहता है.

कितने लाख हैं मतदाता ?

शहपुरा विधानसभा में में बात वोटर की करें, तो यहां कुल मतदाता 2 लाख 63 हज़ार है, जिसमें से 1 लाख 30 हजार से ज्यादा आदिवासी मतदाता है. वहीं एससी के करीब 50 हज़ार मतदाता, जबकि ओबीसी के करीब 50 हज़ार मतदाता हैं. शहपुरा में सबसे ज्यादा यानी निर्णायक वोटर आदिवासी है. यहां 65 प्रतिशत आबादी आदिवासियों की है, जो हर चुनाव में तय करती है कि शहपुरा का विधायक कौन होगा.

अब तक कौन-कौन रहे विधायक

1985 : अनूप सिंह मरावी भारतीय जनता पार्टी
1990 : राम सिंह भारतीय जनता पार्टी
1993 : गंगा बाई उरती भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1998 : गंगा बाई उरती भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2003 : डॉ सीएस भवेदी भारतीय जनता पार्टी
2008 : गंगा बाई उरती भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2013 : ओम प्रकाश धुर्वे, भारतीय जनता पार्टी
2018 : भूपेंद्र मरावी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

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