अमित शाह के अचानक आज MP दौरे के कई मायने: आदिवासी डैमेज कंट्रोल या बदलेंगे प्रदेश अध्यक्ष ? कई तरह की चर्चाएं तेज
Madhya Pradesh Politics: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज 11 जुलाई को मध्य प्रदेश आ रहे हैं. गृह मंत्री ने राजधानी भोपाल में बीजेपी प्रदेश कार्यालय में एक अहम बैठक बुलाई है. बताया जा रहा है कि यह बैठक आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बुलाई गई है, लेकिन अचानक तय हुआ गृह मंत्री का दौरा इतना औपचारिक नहीं लग रहा है. इसके लिए कई कारण हैं.
अमित शाह के इस दौरे से राज्य के सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं, क्योंकि 11 जुलाई से मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह आदिवासी मुद्दे पर बीजेपी को घेरेगी. दूसरा, बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है और तीसरा, चुनाव के लिए नई रणनीति बन सकती है. वैसे तो चर्चाएं बहुत हैं, लेकिन यहां हम 4 ऐसे अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिनकी वजह से अमित शाह को अचानक मध्य प्रदेश का दौरा करना पड़ रहा है.
1. आदिवासी मुद्दे पर डैमेज कंट्रोल
सीधे पेशाब करने की घटना के बाद शिवपुरी, ग्वालियर और इंदौर से भी आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाएं सामने आई हैं. सीधे पेशाब करने की घटना पूरे देश में मशहूर हो गई. चुनाव से पहले कांग्रेस बीजेपी को घेरने के लिए कोई मुद्दा नहीं छोड़ना चाहती. राज्य में 22 फीसदी आदिवासी मतदाता हैं, जिनकी सरकार बनाने और गिराने में अहम भूमिका होती है. 2018 के चुनाव में आदिवासी वर्ग ने बीजेपी को सत्ता से हटाने में अहम भूमिका निभाई थी. 47 विधानसभा सीटें एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. ऐसे में अगर बीजेपी ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो आने वाले चुनाव में बड़ा नुकसान हो सकता है. अमित शाह आदिवासी मुद्दे से उभरने के लिए शिवराज सरकार को कोई मंत्र दे सकते हैं.
2. सभा में रक्षा मंत्र
विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने आदिवासी मुद्दे पर शिवराज सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. 11 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में आदिवासी मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी है. सत्र से ठीक एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने राज्यपाल से मुलाकात की. साफ है कि कांग्रेस विधानसभा में आदिवासी मुद्दे पर मुखर होकर शिवराज सरकार को घेरेगी. ऐसे में सत्र से ठीक पहले होने वाली बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री बचने के लिए कोई नया प्लान बना सकते हैं.
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3. बदल सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष
बीजेपी में चुनाव से पहले प्रदेश अध्यक्ष बदलने का चलन बन गया है. जिस तरह से बीजेपी ने पिछले कुछ सालों में चुनावी राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों को बदला है, उससे साफ है कि मध्य प्रदेश बीजेपी को भी नया अध्यक्ष मिल सकता है. मौजूदा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को 2020 में यह जिम्मेदारी दी गई थी. अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी एक बार फिर नरेंद्र सिंह तोमर पर दांव लगा सकती है. तोमर पहले भी यह जिम्मेदारी निभा चुके हैं. 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में तोमर प्रदेश अध्यक्ष थे, दोनों बार पार्टी को जीत मिली.
4. चुनाव को लेकर चर्चा
इससे पहले 22 जून को गृह मंत्री अमित शाह बालाघाट दौरे पर आने वाले थे. लेकिन बारिश के कारण उनका विमान लैंड नहीं कर सका. अमित शाह बालाघाट में गौरव यात्रा का शुभारंभ करने वाले थे. इसके अलावा बीजेपी ने चार राज्यों के लिए प्रमुख नेताओं को चुनाव प्रभारी नियुक्त कर अपनी चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं. मध्य प्रदेश में केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव को प्रभारी बनाया गया है और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव उनका सहयोग करेंगे. कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों प्रभारी भी गृह मंत्री की बैठक में शामिल हो सकते हैं. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अमित शाह का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है.
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