मध्यप्रदेश

महरा समुदाय की CM शिवराज से गुहार: अनुसूचित जनजाति की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को दिए आवेदन, बोले- कांग्रेस-भाजपा स्वार्थ और षड्यंत्र से अनुसूचित जाति में धकेल रहे

अनूपपुर। मध्य प्रदेश महरा समुदाय के प्रदेश अध्यक्ष पूरन चंदेल एवं पदाधिकारी सदस्यों की उपस्थिति मे मध्य प्रदेश शासन को महरा समुदाय ने शिवराज सिंह चौहान को अवगत कराते हुए बताया कि सन 1950 में गजट क्रमांक 69 में महरा जाति अनुसूचित जन जाति की सूची में रखा गया था.

इसके सन 2002 में अनुसूचित जाति में गलत तरीके से शामिल कर दिया गया, जिससे मध्य प्रदेश के महरा समुदाय माननीय मुख्यमंत्री को गजट सहित आवेदन पत्र अमरकंटक के सर्किट हाउस में मुलाकात कर दिया गया.

उक्त आवेदन प्रांतीय अध्यक्ष पूरन चंदेल, सचिव बब्बू प्रसाद, , भुजलू प्रसाद,मोहन राम राजकुमार, जागेश्वर प्रसाद, तीरथ प्रसाद ,नारायण खांडे,श्यामलाल, सत्यनारायण खांडे, भूषन दास,बद्री प्रसाद महरा जिला उमरिया, सुरेश प्रसाद गोलिया पीताम्बर महरा, विष्णु कुमार महरा,रामेश्वर प्रसाद महरा( देवान)के अलावा सैकड़ों महरा समुदाय के लोगों की उपस्थिति रही.

उद्बोधन मे स्पष्ट रूप से कहा है कि 1949 और मध्य प्रदेश गजट 08 दिसंबर 1950 में महरा समुदाय को क्रमांक-69 मे आदिवासी जनजाति के रूप मे परिभाषित किया गया है. महरा समुदाय का सामाजिक और धार्मिक संस्कृति आदिवासियों का तो हमें हमारा संवैधानिक अधिकार नहीं देकर, हमें अनुसूचित जाति में ये भाजपा कांग्रेस द्वारा डाला जा रहा है.

महरा और महार दोनों पृथक जाति हैं. शासन दोनों जाति को एक समझकर अनुसूचित जाति में षडयंत्र पूर्वक शामिल कर रही है. राजनीतिक दल महरा समुदाय को आदिवासी जनजाति अधिकार दिलाने में बाधक बन रहे हैं. समुदाय को शासन ने अनुसूचित जाति मे त्रुटि पूर्वक शामिल किया है. मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर अपने मूल अधिकार के समस्त तथ्य को दुरुस्त किए हैं.

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