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MP में प्राइवेट पार्ट में डाला गैस चूल्हे का लाइटर: नशा मुक्ति केंद्र में हैवानियत की सारी हदें पार, युवक की फटी आंत

रीवा: यूनिवर्सिटी थाना क्षेत्र में संचालित संकल्प नशा मुक्ति केंद्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. संकल्प नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती एक नशे के आदी युवक के साथ नशा मुक्ति केंद्र के लोगों ने मानवता की सारी हदें पार कर दीं. नशा मुक्ति केंद्र के संचालक और स्टाफ ने पीड़ित के प्राइवेट पार्ट में गैस चूल्हे का लाइटर डालकर उसे बुरी तरह घायल कर दिया. जिससे पीड़िता की आंत तक फट गई. इस पूरी घटना में कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है.

दरअसल ग्राम पंचायत गढ़वा निवासी मुकेश मिश्रा नशे का आदी था. उसकी लत से छुटकारा पाने के लिए उसके परिवार ने उसे 25 जुलाई 2021 को संकल्प नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया, जिसके लिए संचालक पीड़ित के परिवार के सदस्यों से प्रति माह 15 से 18 हजार रुपये की राशि वसूलते थे.

जब पीड़ित मुकेश की पत्नी उससे मिलने गई तो उसे मिलने नहीं दिया गया और यह कहकर वापस भेज दिया गया कि सभी पुरुष यहीं रहते हैं और नशे की लत के कारण उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है. इस वजह से आप मिल नहीं सकते. और यह कहते हुए परिजनों को पीड़िता से मिलने नहीं दिया गया.

अचानक अस्पताल में भर्ती होने की दी जानकारी

28 अक्टूबर 2023 को मुकेश को संजय गांधी जिला अस्पताल में भर्ती कराने के बाद सेंटर के स्टाफ ने पीड़ित की पत्नी को सूचना दी और कहा कि आपके पति को पेट में दर्द हो रहा है, जिसके चलते हमने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया है, लेकिन जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो देखा कि मुकेश के पेट में बड़ा घाव है. डॉक्टर ने बताया कि मुकेश की आंत फट गई थी और किसी ने उसके प्राइवेट पार्ट पर किसी नुकीली चीज से चोट पहुंचाई थी.

पीड़ित ने सुनाई आपबीती

पीड़ित मुकेश मिश्रा ने नशा मुक्ति केंद्र में अपने साथ हुई हैवानियत की पूरी घटना बताई है. उसने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र के संचालक विवेंद्र अवस्थी, उसके भतीजे शिवाकांत अवस्थी और कर्मचारी कैलाश तिवारी समेत अमित चतुर्वेदी ने उसके साथ ज्यादती की है. पीड़ित ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारी अक्सर उसे बेरहमी से पीटते थे और भद्दी-भद्दी गालियां देते थे.

हाल ही में उसे इतना पीटा गया कि उसके पैर बुरी तरह सूज गए. इसके बाद उसने मेरे प्राइवेट पार्ट में एक बड़ा गैस लाइटर डाल दिया. जिससे उसकी आंत फट गई और शरीर से खून बहने लगा. इसकी जानकारी जब नशा मुक्ति केंद्र के संचालक को हुई तो उन्होंने तुरंत उसे संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया और परिजनों को बिना बताए उसका ऑपरेशन करा दिया.

परिजनों को नहीं दी जानकारी

हैरानी की बात ये थी कि नशा मुक्ति केंद्र के लोगों ने परिवार को बिना बताए उसका ऑपरेशन कर दिया. जब परिजनों को नशा मुक्ति केंद्र से जानकारी लेनी चाहिए थी तो ऐसा कोई साक्ष्य नहीं दिया गया, जिससे यह साबित हो सके कि उसने पीड़िता की इच्छा के विरुद्ध ऑपरेशन कराया है.

ऑपरेशन के एक दिन बाद परिवार को बताया गया कि वह बवासीर से पीड़ित हैं, जिसके चलते उनका ऑपरेशन किया गया। जानकारी मिलने के बाद जब परिजन पीड़ित के पास पहुंचे तो उन्हें शक हुआ और उन्होंने उसकी जांच करनी शुरू की तो देखा कि उसके शरीर पर कई घाव थे. दोनों पैरों में गर्म सलाखें डाली गईं. पीड़ित के गुप्तांग में लाइटर घुसेड़ने से उसकी आंत फट गई थी, जिसका इलाज भी किया गया.

पीड़िता के भाई ने कहा कि यह सिर्फ उसके भाई की बात नहीं है. संकल्प नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती 60 से 65 लोग अपनी जिंदगी में बड़े खतरे का सामना कर रहे हैं और ऐसी घटना कहीं न कहीं मानव तस्करी को दर्शाती है.

एसपी से गुहार लगाई

पीड़िता के भाई ने पुलिस पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि हम शिकायत लेकर 3 घंटे तक थाने में खड़े रहे लेकिन पुलिस ने हमारी एक नहीं सुनी. उपनिरीक्षक दिनेश यादव ने बताया कि जांच के बाद मामला दर्ज करेंगे. मैंने बहुत विनम्र अनुरोध किया, लेकिन इसके बाद भी हमारी बात नहीं सुनी गई.’

हमें नहीं पता कि पुलिस ने मामला दर्ज क्यों नहीं किया? इसके बाद सोमवार देर शाम एसपी विवेक सिंह से मुलाकात की. जिसके बाद उन्होंने कहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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