Kuno National Park: देश के पहले चीता कपल का जंगल में मंगल, फिलहाल दूर-दूर रहकर कर रहे हैं शिकार
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चीता
– फोटो : पेक्सेल्स
विस्तार
श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़े से खुले जंगल में छोड़े जाने के बाद देश का इकलौता चीता कपल यानी ओवान और आशा नए माहौल में घुल-मिल गए हैं। उन्होंने अलग-अलग दो चीतलों का शिकार भी किया है। इससे कूनो नेशनल पार्क के अधिकारी खुश हैं। उन्हें उम्मीद है कि शुरुआती रुझान के आधार पर बाकी छह चीतों को भी जल्द ही जंगल में छोड़ा जा सकता है।
17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से आए आठ चीतों को क्वारंटाइन बाड़ों में छोड़ा था। इनमें से दो चीतों- ओवान और आशा को 11 मार्च को खुले जंगल में छोड़ा गया है। बाकी छह चीते फिलहाल बड़े बाड़े में हैं और कूनो के माहौल में रच-बस रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि दोनों फिलहाल अलग-अलग हैं और उन्होंने अलग-अलग ही शिकार किया है। खुले जंगल में उनका व्यवहार सामान्य ही है। अच्छी बात यह है कि वह शिकार कर अपना खाना खुद जुटा रहे हैं। जल्द ही चरणबद्ध तरीके से अन्य चीतों को भी खुले जंगल में छोड़ा जाएगा।
दूर-दूर हैं फिलहाल
जिन दो चीतों को खुले जंगल में छोड़ा गया है, उनमें फीमेल आशा और मेल ओवान इस समय एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखे हैं। शिकार भी अलग-अलग कर रहे हैं। खास बात यह है कि बड़े बाड़े में ओवान और आशा एक साथ रह चुके हैं। फिर भी इनके बीच अभी दोस्ती नहीं हुई है। कूनो के अफसरो को उम्मीद है कि खुले जंगल में दोनों एक-दूसरे के करीब आएंगे। हैरानी की बात यह है कि ओवान अपना शिकार आशा के साथ शेयर करता है, लेकिन आशा ऐसा नहीं करती। ओवान पास आने के बहाने तलाशता है और आशा उससे दूर रहने की कोशिश करती है। वह आशा के करीब जाने में नाकाम ही रहा है। आशा हमेशा घुर्राती है, जिससे दोनों के बीच मैटिंग नहीं हो सकी है।
दोनों फुर्तीले हैं
ओवान और आशा, दोनों ही फुर्तीले हैं। वह पलक झपकते ही चीतल, नीलगाय जैसे वन्यजीवों का शिकार कर लेते हैं। कूनो के जंगल की बड़ी घास में छिपकर यह घात लगाकर बैठे रहते हैं। जब वन्यजीव इनके पास आते हैं तो उन पर टूट पड़ते हैं। इनकी फुर्ती और ताकत के आगे वन्यजीव चंद मिनट भी नहीं टिक पाते हैं। बाड़े से निकलते ही टिकटोली गेट के जंगल की ओर झरने के पास दोनों रह रहे हैं। जब टिकटोली गेट पर्यटकों के लिए खोला जाएगा, तो उन्हें इन चीतों का दीदार आसानी से हो जाएगा।
क्वारेंटाइन हैं दक्षिण अफ्रीकी चीते
18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों का क्वारेंटाइन समय भी 18 मार्च को पूरा हो जाएगा। उन्हें बड़े बाड़े में शिफ्ट किया जाएगा। उम्मीद है कि उससे पहले नामीबिया से लाए गए चीतों को जंगल में छोड़ दिया जाएगा। पीसीसीएफ जेएस चौहान का कहना है कि खुले जंगल में छोड़ने के बाद ओवान और आशा ने अलग-अलग दो चीतलों का शिकार कर लिया है।