ट्रेंडिंगदेश - विदेशनई दिल्लीस्लाइडर

देवरानी-जेठानी की लड़ाई में हाथ से गई सत्ता ? झारखंड में चंपई सोरेन ने ली CM पद की शपथ, जानिए सियासत और उठापटक की कहानी ?

Jharkhand Political Crisis Shibu Soren Family Politics Hemant Soren: चंपई सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल गए, लेकिन सोरेन परिवार की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुई हैं. अब तक माना जा रहा था कि चंपई डमी सीएम होंगे. सत्ता की चाबी पूरी तरह से शिबू सोरेन के घर के पास ही रहेगी, लेकिन परिवार में ऐसी कलह मची है कि सत्ता की चाबी के लिए संघर्ष छिड़ गया है.

परिवार के एक सदस्य को मुख्यमंत्री के साथ शपथ लेनी थी, लेकिन पारिवारिक कलह से ये टल गया। असल में पहले जेठानी (सीता) ने देवरानी (कल्पना) के मुख्यमंत्री बनने की राह में अड़चनें पैदा कीं। बाद में देवरानी (कल्पना) ने सीता के लिए ऐन वक्त पर रोड़ा पैदा कर दिया।

शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे बसंत भी इस संघर्ष की भेंट चढ़ गए। इन तीनों में से एक का सरकार में शामिल होना तय है, लेकिन देवर, देवरानी या जेठानी के बीच कुर्सी की लड़ाई में पेंच फंस गया है।

इस बीच माना जा रहा है कि झारखंड में सिर्फ मुख्यमंत्री ही नहीं बदला है, बल्कि पूरी सरकार बदलने की तैयारी की जा रही है. हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री रहे पुराने चेहरों को हटाकर युवा विधायकों को मंत्री बनाने की चर्चा है.

हालांकि, सूत्रों की मानें तो झामुमो कोटे के मंत्री दोबारा बनाए जा सकते हैं. कांग्रेस कोटे में और बदलाव हो सकता है.

बसंत, हेमंत के उत्तराधिकारी होने का संदेश देना चाहते हैं.

शिबू सोरेन के छोटे बेटे बसंत सोरेन डिप्टी सीएम बनना चाहते हैं. इसके दो कारण हैं। पहला- सत्ता पर पकड़ बनाए रखें. दूसरा- जब हेमंत सोरेन जेल में हैं तो वे पार्टी और सत्ता की कमान अपने हाथ में लेना चाहते हैं. उनकी कोशिश हेमंत सोरेन का उत्तराधिकारी बनने की है.

बसंत फिलहाल दुमका से विधायक हैं. यहां से हेमंत सोरेन चुनाव जीते थे, लेकिन बाद में उन्होंने यह सीट अपने भाई के लिए छोड़ दी थी. ऐसे में अगर वह डिप्टी सीएम बनते हैं तो यह संदेश भी जाएगा कि वह हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में पार्टी को आगे बढ़ाएंगे.

क्या है समस्या: चूंकि पहले कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जाना था, लेकिन सीता सोरेन के विरोध के कारण वह मुख्यमंत्री नहीं बन सकीं. हेमंत की पसंद कल्पना होंगी. ऐसे में शिबू सोरेन किसे तय करते हैं?

दूसरे, कल्पना के नाम के पहले बसंत का नाम लगाने की भी चर्चा हुई, लेकिन इस पर भी दोनों भाभियां सहमत नहीं हुईं. ऐसे में यह इस पर भी निर्भर करेगा कि कल्पना और सीता बसंत के नाम पर कितनी सहमत होंगी.

Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanistan Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

Show More
Back to top button