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Bundi: भारतीय छात्र मोहित जैन की दिवंगत देह का कतर एयरवेज में अपमान, वजन का हवाला देकर प्लेन से उतारा शव

विस्तार

अर्मेनिया में मृत भारतीय छात्र की दिवंगत देह का कतर एयरवेज में अपमान किया गया। बुधवार को मृत मोहित जैन की दिवंगत देह को कतर एयरवेज ने फ्लाइट में चढ़ाने के बाद अपमानजनक तरीके से वापस उतार दिया और अर्मेनिया के येरवन एयरपोर्ट पर ही छोड़कर फ्लाइट रवाना हो गई।

इस अमानवीय लापरवाही से 24 घंटे तक भारतीय छात्र स्व. मोहित जैन का शव आर्मेनिया के येरवन एयरपोर्ट पर ही रखा रहा, जबकि दिवंगत देह को फ्लाइट में चढ़ाने के लिए एयरवे बिल जारी हो चुका था और सभी दस्तावेज भी पूरे थे। इस मामले में राजस्थान राज्य बीज निगम के निदेशक चर्मेश शर्मा ने कड़ा प्रतिरोध जताने और विदेश मंत्रालय में शिकायत के बाद गुरुवार को छात्र की दिवंगत देह को भारत नई दिल्ली के लिए रवाना किया गया।

बता दें अर्मेनिया से एमबीबीएस कर रहे मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के निवासी 23 वर्षीय भारतीय छात्र मोहित जैन की सात मार्च को वहां पर मौत हो गई थी। छात्र के नजदीकी रिश्तेदार बूंदी जिले के तालेड़ा में रहते हैं। विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिए कार्य करने वाले राजस्थान राज्य बीज निगम के निदेशक कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने छात्र के रिश्तेदारों के आग्रह पर इस मामले में दिवंगत देह को भारत लाने के लिए लगातार राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग और आर्मेनिया भारतीय दूतावास माध्यम से प्रयास कर रहे थे।

भारतीय दूतावास ने दी थी अधिकृत सूचना

मंगलवार को आर्मेनिया भारतीय दूतावास विदेश मंत्रालय की ओर से शर्मा को दूरभाष पर और अधिकृत मेल भेजकर भारतीय छात्र स्व. मोहित जैन की दिवंगत देह को बुधवार तड़के तीन बजे अर्मेनिया के येरेवन एयरपोर्ट से कतर एयरवेज की फ्लाइट से नई दिल्ली के लिए रवाना करने की सूचना एयरवे बिल की प्रति के साथ दी गई थी। भारतीय दूतावास की ओर से यह मेल शर्मा के साथ मंदसौर के जिला कलेक्टर व राजस्थान के भीलवाड़ा से सांसद सुभाष बहेड़िया को भी को भी भेजा गया था। जिसके बाद पिछले कई दिनों से स्व. मोहित जैन की दिवंगत देह का सम्मानजनक अंतिम संस्कार के लिए भारत आने का इंतजार कर रहे दुखी परिजनों ने अंतिम संस्कार की तैयारी भी कर ली थी। भीलवाड़ा के सांसद सुभाष बहेड़िया से इस विषय में विदेश मंत्री के नाम पत्र लिखवाने वाले छात्र के रिश्तेदार बूंदी जिले के अलोद के निवासी दिनेश जैन दिवंगत देह को लाने के लिए दिल्ली जाने वाले थे और परिजनों की ओर से एंबुलेंस भी बुक कर ली गई थी।

एयरलाइन की साइट से हुआ खुलासा

बुधवार सुबह परिजनों ने जब एयरवे बिल नंबर के आधार पर कतर एयरवेज कार्गो ऑनलाइन चेक किया तो उसमें यह पढ़कर हाथ पैर फूल गए कि दिवंगत देह को फ्लाइट से भारत नहीं लाया जा रहा है। इसके बाद की सूचना पर चर्मेश शर्मा ने तत्काल इस पर नई दिल्ली विदेश मंत्रालय और अर्मेनिया भारतीय दूतावास से संपर्क किया तो उन्होंने घटना की पुष्टि करते हुए क्या कारण रहे इस पर अनभिज्ञता जताई।

शिकायत के बाद एयरपोर्ट पहुंचा भारतीय दल

एयरवेबिल जारी होने और फ्लाइट में स्लॉट बुक होने के बावजूद भारतीय छात्र की दिवंगत देह को भारत नहीं लाने के मामले में शर्मा ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के नाम राष्ट्रपति सचिवालय में याचिका दायर की। वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विनय क्वात्रा,अर्मेनिया में भारतीय राजदूत केडी देओल को मेल भेजकर इसे अमानवीय घटना बताते हुए तत्काल भारतीय छात्र दिवंगत देह को भारत लाने के साथ इस घटना की जांच और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग रखी।

फ्लाइट में कई पैसेंजर सीटें खाली

इसके बाद नई दिल्ली विदेश मंत्रालय ने बुधवार दोपहर इस मामले में अर्मेनिया भारतीय दूतावास को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद बुधवार सायं भारतीय दूतावास का दल येरवन एयरपोर्ट पहुंचा और एयरपोर्ट के कार्गो डायरेक्टर से मिले। इसके बाद भारतीय दूतावास के दल के सदस्यों ने एयरपोर्ट से ही चर्मेश शर्मा को दूरभाष पर सूचित किया कि यहां पर बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम घटित हुआ है। भारतीय छात्र स्व. मोहित जैन की दिवंगत देह को बुधवार तड़के 3 बजे रवाना होने वाली फ्लाइट में चढ़ा दिया गया था, लेकिन फ्लाइट में चढ़ाने के बाद अधिक वजन होने का कारण बताकर एयरपोर्ट पर उतार दिया गया, जबकि फ्लाइट में कई पैसेंजर की सीटें खाली थीं। एयरवे बिल होने के बावजूद भारतीय छात्र मोहित जैन की दिवंगत देह को वहीं छोड़कर कतर एयरवेज की फ्लाइट वहां से उड़ गई। भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने शर्मा को मेल भेजकर कहा कि भारतीय छात्र स्व. मोहित जैन की दिवंगत देह को बुधवार के स्थान पर गुरुवार रात्रि के तीन बजे नई दिल्ली के लिए रवाना कर दिया जाएगा।

एयरवे बिल के बाद विश्व की पहली घटना

पिछले वर्ष रूस के मॉस्को कब्रिस्तान से मृत्यु के 7 महीने बाद कब्र से निकलवाकर राजस्थान के उदयपुर जिले के रहने वाले भारतीय नागरिक हितेंद्र गरासिया सहित विश्व के विभिन्न देशों से देशभर के कई भारतीय नागरिकों की दिवंगत देह को  सफलतापूर्वक भारत लाने में भूमिका निभाने वाले चर्मेश शर्मा ने कहा कि उनकी कई देशों के दूतावास से कर्मचारियों से बात हुई है। विश्व के इतिहास में ही पहली बार एयरवे बिल जारी होने के बाद किसी भी फ्लाइट में ऐसी दुखद घटना हुयी है एयरवे बिल जारी होने के बाद किसी भी व्यक्ति की दिवंगत देह को निर्धारित स्थान तक प्राथमिकता से पहुंचाना अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार संबंधित एयरलाइन की जिम्मेदारी होती है। फ्लाइट में चढ़ाने के बाद वापस उतारने का तो सवाल ही नहीं उठता है।

राष्ट्रपति सचिवालय में दायर की थी याचिका

शर्मा ने इस मामले में 8 मार्च को राष्ट्रपति सचिवालय में दिवंगत भारतीय छात्र मोहित जैन को तत्काल सम्मानजनक अंतिम संस्कार के लिए भारत लाने के लिए याचिका दायर की थी वहीं विदेश मंत्रालय में भी अधिकृत शिकायत दर्ज करवाई थी। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, भारत सरकार के विदेश सचिव विनय क्वात्रा और आर्मेनिया में भारतीय राजदूत केडी देओल को मेल भेजकर कार्रवाई की मांग की थी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कार्यालय के द्वारा भी मृत भारतीय छात्र के मामले में कार्रवाई के लिए शर्मा के मेल को विदेश मंत्रालय को फॉरवर्ड किया गया था। साथ ही राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में भी शिकायत दर्ज की गयी थी।

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