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Ujjain Weather: पश्चिमी विक्षोभ के असर से मौसम बदला, वेधशाला अधीक्षक ने पानी और ओले गिरने की चेतावनी दी

पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से मिल रही नमी के कारण शुक्रवार को शहर का मौसम बदल गया है, जिसका असर आज (शुक्रवार) और कल (शनिवार) दो दिनों तक देखने को मिलेगा। शासकीय जीवाजीराव वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से मिल रही नमी के कारण अचानक मौसम परिवर्तन हुआ है। जिसका असर उज्जैन सहित आसपास के जिलों में दिखाई दे रहा है। डॉ. गुप्त ने बताया कि शुक्रवार और शनिवार दो दिनों तक मौसम परिवर्तन का असर देखने को मिलेगा, जिसके कारण कहीं तेज बारिश होगी तो कहीं ओले गिरेंगे। इस दौरान कुछ क्षेत्र ऐसे भी रहेंगे जहां पर सामान्य बारिश के कारण यह मौसम आगे बढ़ जाएगा। आज अचानक मौसम बदलने से शहरवासियों को अब तक हो रही तेज गर्मी से राहत मिली है। आज सुबह शहर में रिमझिम बारिश का दौर जारी था, अचानक आई बारिश के कारण शहरवासियों को इससे बचाव के लिए छतरी और रेनकोट का सहारा लेना पड़ा। सुबह शहरवासी रेनकोट और छतरी ले कर अपने जरूरी काम करते नजर आए। 

 



किसानों पर फिर आया संकट

क्षेत्र में इन दिनों गेहूं की फसल कटने को तैयार है, लेकिन अचानक बदले मौसम के कारण किसानों को इस बात का डर है कि यदि इस समय तेज बारिश और आंधी तूफान आता है तो उन्हें बड़ा नुकसान पहुंचेगा। सारोला गांव के कृषक अशोक प्रजापत ने बताया कि आंधी तूफान के कारण जहां फसलें एक और झुककर खराब हो जाती हैं तो ओलावृष्टि और तेज बारिश के कारण भी फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचता है। कृषक अशोक प्रजापत ने बताया कि यदि इस समय बारिश होती है तो क्षेत्र में किसानों की गेहूं की फसल बर्बाद हो जाएगी।

 


खराब मौसम से बचकर रहें – डॉ. सोनानिया

इन दिनों सर्दी, खांसी और बुखार के वायरल के कारण काफी लोग बीमार हैं, बदलते मौसम में लोगों को अपना ध्यान रखना होगा, क्योंकि यदि ऐसे समय में कोई असमय हो रही बारिश में भीगता है तो वह वायरल की चपेट में आ सकता है। यह जानकारी एमडी मेडिसिन डॉ. एचपी सोनानिया ने देते हुए बताया कि यह मौसम उन लोगों के लिए घातक है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है। ऐसे लोग तुरंत वायरल की चपेट में आ जाते हैं। इसलिए उन्हें भीड़ भरे स्थानों पर जाने से बचना चाहिए और मास्क का प्रयोग करना चाहिए, साथ ही उन्हें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के प्रयास भी करना चाहिए। ऐसा उन्होंने इसलिए भी कहा है क्योंकि मध्यप्रदेश में H3N2 इनफ्लुएंजा का पहला मरीज भोपाल में पाया गया है, उसे भी केवल सर्दी, जुकाम जैसी दिक्कतें थी लेकिन जैसे ही उसका टेस्ट कराया गया तो वह इस वायरस से संक्रमित पाया गया। इसलिए सुरक्षित रहना और खुद का बचाव करना अति आवश्यक है।


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