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MP विधानसभा में गूंजा 11 मौत का मुद्दा: हरदा विस्फोट पर बिफरा विपक्ष, जानिए CM Mohan Yadav और किसने क्या कहा ?

Harda In Vidhansabha: मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र का आज दूसरा दिन था. हरदा हादसे को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ. इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ-साथ नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघा का भी बयान सामने आया है. इस मुद्दे पर सदन में करीब 1.30 मिनट तक चर्चा हुई.

इसके बाद विपक्ष ने हादसे को लेकर वॉकआउट कर दिया. क्योंकि वह इस पर स्थगन प्रस्ताव लेकर आये हैं. इस दौरान उमंग सिंघार ने कानून ओपन कोर्ट या न्यायिक जांच की मांग की. आइए जानते हैं इस मुद्दे को लेकर सदन और विधानसभा परिसर में क्या हुआ और किसने क्या कहा..?

विपक्ष ने वॉकआउट किया

उमंग सिंघार मामले की न्यायिक जांच की मांग पर अड़े हुए हैं. उन्होंने वॉकआउट के बाद आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने कानून ओपन कोर्ट या न्यायिक जांच की मांग की है. लेकिन, मुख्यमंत्री ने इस पर कोई बात नहीं की.

सीएम मोहन यादव ने क्या कहा ?

हरदा मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सदन को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि प्रशासन की टीम ने बैरागढ़ के घरों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. इसके साथ ही प्रदेश भर में कार्रवाई जारी है. उन्होंने कहा कि जैसे ही मुझे कैबिनेट के अंदर की घटना की जानकारी मिली, हमने तुरंत कैबिनेट बंद कर दी, एक टीम बनाई और राव उदय प्रताप के साथ दो जिम्मेदार अधिकारियों को भेजा.

सीएम मोहन यादव ने कहा कि 50 मिनट के अंदर हमने आपात बैठक बुलाई. हमने गृह मंत्री को एनडीआरएफ और हेलीकॉप्टर के बारे में बताया कि कोई आतंकवादी घटना नहीं हुई है. इसे ध्यान में रखते हुए भारत सरकार को भी सूचित किया गया. ग्रीन कॉरिडोर, बर्न यूनिट बनाई गई। राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों में बर्न यूनिटों को और दुरुस्त करना होगा. तुरंत 100 फायर ब्रिगेड और 50 एम्बुलेंस तैनात की गईं।

सुतली बम पहनकर पहुंचे विधायक

धमाके के विरोध में हरदा विधायक सुतली का जूड़ा पहनकर परिसर में पहुंचे. हालांकि, सुरक्षा गार्डों ने उन्हें रोक दिया और बम को बाहर रख दिया गया। रामकिशोर दोगने ने कमेटी बनाकर हादसे की जांच कराने की मांग की है. उन्होंने पटाखा फैक्ट्री के मलबे में और लोगों के फंसे होने की आशंका जताई है. उन्होंने जांच टीम में विधायकों, प्रशासनिक अधिकारियों और पत्रकारों को भी शामिल करने की मांग की है.

हरदा विधायक आरके दोगने ने कहा कि सरकार को अपनी गलती स्वीकार कर मृतकों को मुआवजा देना चाहिए. प्रत्येक मृतक के परिवार को 25-25 लाख रु. परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाए। प्रशासन जांच नहीं कर सका. कांग्रेस ने न्यायिक जांच की मांग की है. विस्फोट अधिनियम और अग्नि सुरक्षा अधिनियम का पालन क्यों नहीं किया गया?

सीएम से मिले कमलनाथ

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने विधानसभा में सीएम मोहन यादव से मुलाकात की. इसके बाद जब मीडिया ने उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि वे छिंदवाड़ा के बारे में बात करने आए थे. मैं छिंदवाड़ा सीमा के बाहर की कोई बात नहीं करता। वहां सिर्फ विकास की बात करने गये थे.

उन्होंने हरदा में मौत के आंकड़ों पर कहा, कुछ भी ठीक नहीं हो रहा है. ये सबसे बड़ा उदाहरण है कि कोई शख्स 3 साल तक जेल में रहा, यहीं नौकरी करता रहा और प्रशासन देखता रहा. कमल नाथ ने कहा कि हरदा की घटना एक बड़ी दुर्घटना है. लापरवाही और भ्रष्टाचार है.

पीएम मोदी के डर से दबाए जा रहे हैं आंकड़े- हेमंत कटारे

हरदा हादसे पर उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे विश्व युद्ध के दौरान देखा गया हो. ठीक वैसा ही इस धमाके में भी देखने को मिला. दुखद बात यह है कि इस घटना में लोगों की मौत हो गई लेकिन उनके पास अंतिम संस्कार करने के लिए शव नहीं हैं। घायलों ने बताया कि वेतन वसूली का दिन था और जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त कई लोग मौजूद थे. मरने वालों की संख्या को दबाने की कोशिश की जा रही है. क्योंकि प्रधानमंत्री घटना पर नजर बनाए हुए हैं.

बम से विस्फोट हुआ है- फूल सिंह बरैया

हरदा हादसे पर फूल सिंह बरैया ने कहा- ऐसा हादसा हुआ कि धरती हिल गई और लोगों के शरीर के चीथड़े उड़ गए. जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाए। सबसे पहले तो सरकार ही जिम्मेदार है. पटाखा फैक्ट्री को दिया लाइसेंस. लेकिन, फैक्ट्री के अंदर बम बनने लगे. इतना बड़ा विस्फोट पटाखे के बारूद से नहीं हो सकता, यह बम से हुआ है.

स्टे के बाद चल रही थी फैक्ट्री- रामनिवास रावत

कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि जब कमिश्नर ने एक महीने का स्टे दे दिया है तो फिर फैक्ट्री क्यों चल रही है. कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटाना ही काफी नहीं है. इसकी गहनता से जांच होनी चाहिए. चाहे यह राजनीतिक संरक्षण हो या स्थानीय स्तर पर संरक्षण, यह बात सामने आ रही है। बिना पुलिस सुरक्षा के कोई भी गैरकानूनी काम नहीं हो सकता. यही स्थिति पेटलावद में भी हुई।

मंत्री राव उदय प्रताप का बयान

हरदा हादसे को लेकर विपक्ष के वॉकआउट पर मंत्री राव उदय प्रताप का बयान सामने आया है. मंत्री उदय प्रताप ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन के अंदर कहा है कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, किसी को बख्शा नहीं जाएगा. सरकार ने मामले पर तुरंत एक्शन लिया है. विपक्ष को वॉकआउट करना पड़ा. हम स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सहमत हुए।

रामकिशोर दोगने पर अलग-अलग बयान

कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने रामकिशोर दोगने के बंब की माला पहनकर पहुंचने अशोभनीय बताया है. सदन की मर्यादा के विपरीत विधायक का काम है. कांग्रेस की वरिष्ठ नेताओं को समझना चाहिए कि संवेदनशील मुद्दे पर इस तरह का बर्ताव अशोभनीय है.

बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस वैसे ही बम की माला पहनकर घूम रही है. कांग्रेस तमाशा न करे. मानवीय आधार पर सरकार की कार्रवाई में सहयोग करे. बम की माला पहनने का लोकतंत्र के जनप्रतिनिधियों को शोभा नहीं देता.

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