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CGPSC घोटाला पर EOW में FIR: आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सोनवानी समेत नेताओं की बढ़ी मुश्किल, जानिए घोटाले की कहानी ?

FIR against Taman Sonwani in EOW in CGPSC scam: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले में फंसे पूर्व अध्यक्ष टामन सोनवानी और अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने बुधवार को एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि कांग्रेस शासनकाल में चेयरमैन पद पर रहते हुए सोनवानी ने अपने बेटे समेत परिवार के कई सदस्यों को बड़े पदों पर चयनित करवाया था।

FIR against Taman Sonwani in EOW in CGPSC scam: बीजेपी ने इस मामले को चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था। साथ ही कहा कि सरकार आई तो बड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद बीजेपी ने इसे अपनी चार्जशीट में शामिल किया। यह पहली बार था जब पीएससी भर्ती विधानसभा चुनाव में मुद्दा बन गई थी।

सीजीपीएससी चयन सूची 2021-22 विवादों में

सीजीपीएससी 2021-22 की चयन सूची विवादों से घिरी हुई है। आरोप है कि भर्ती में धोखाधड़ी और भाई-भतीजावाद हुआ है। जनहित याचिका दायर होने के बाद हाई कोर्ट ने 13 नियुक्तियों पर रोक भी लगा दी थी।

FIR against Taman Sonwani in EOW in CGPSC scam: हालाँकि, कुछ तथ्यों को लेकर मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने राज्य सरकार और पीएससी को याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत सूची में तथ्यों की प्रामाणिकता की जाँच करने का निर्देश दिया था।

FIR against Taman Sonwani in EOW in CGPSC scam: यह भी बड़ा मुद्दा था, वहीं पूर्व गृह मंत्री और रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने पीएससी में चयनित अफसरों के रिश्तेदारों की सूची दी है।

डिटेल में पढ़िए कहानी

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित पीएससी घोटाले (CGPSC scam of Chhattisgarh) में आज EOW ने केस दर्ज कर लिया है. तत्कालीन (PSC Chairman Taman Singh Sonwani) पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक जीवन किशोर ध्रुव, पीएससी से जुड़े कुछ अन्य अधिकारियों के अलावा राजनीति से जुड़े कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (CGPSC scam of Chhattisgarh) ने प्रदेश की जनता से पीएससी घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराने का वादा किया था। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) राज्य में विभिन्न विभागों में भर्ती के लिए जिम्मेदार है। इनमें से एक भर्ती राज्य सरकार में प्रशासनिक पदों पर बैठे लोगों के लिए आयोजित की जाती है।

CGPSC scam of Chhattisgarh: इसके तहत डीएसपी, डिस्ट्रिक्ट एक्साइज ऑफिसर, ट्रांसपोर्ट सब-इंस्पेक्टर, एक्साइज सब-इंस्पेक्टर (CGPSC scam of Chhattisgarh) जैसे पदों पर भर्ती की जाती है। सीजीपीएससी की ऐसी ही एक भर्ती में घोटाले का आरोप लगा है. परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया गया है।18 अभ्यर्थियों के चयन पर सवाल उठे हैं।

CGPSC scam of Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के इस बहुचर्चित घोटाले को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तत्कालीन (CG PSC Chairman Taman Singh Sonwani) सीजी पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन राजभवन सचिव अमृत खलको और कई अन्य अधिकारियों पर बेटे, बेटियों और करीबी रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे पदों पर नियुक्त करने का आरोप है। मामले को लेकर पूर्व बीजेपी नेता ननकी राम कंवर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

171 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी.

CGPSC scam of Chhattisgarh:सीजी पीएससी परीक्षा का नोटिफिकेशन साल 2021 में जारी किया गया था। भर्ती के लिए कुल पद 171 थे। प्री-परीक्षा 13 फरवरी 2022 को आयोजित की गई थी। जिसमें कुल 2 हजार 565 पास हुए। इसके बाद बारी आई मुख्य परीक्षा की.

CGPSC scam of Chhattisgarh: मुख्य परीक्षा 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को आयोजित की गई थी, जिसमें कुल 509 उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए। उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया. जिसके बाद परीक्षा का अंतिम परिणाम 11 मई 2023 को जारी किया गया। 170 उम्मीदवारों का अंतिम चयन हुआ।

बड़े पदों पर रिश्तेदारों को नियुक्त करने का आरोप

हाईकोर्ट में दायर याचिका में पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के पांच करीबियों की नियुक्ति की बात कही गई है. उनकी सूची जमा कर दी गयी है. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, सोनवानी के अपने परिवार और उनके करीबी रिश्तेदारों के बच्चों का चयन डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे बड़े और ताकतवर पदों पर हो चुका है। वहीं, छत्तीसगढ़ के कुछ बड़े अधिकारियों के बच्चों को भी आबकारी और श्रम विभाग में उच्च पदों पर नियुक्त किया गया।

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