डिंडौरी में CEO के निर्देश को ठेंगा दिखा रहे इंजीनियर: अमृत सरोवर से पानी भगाने कांड पर नोटिस, भूल गए अधिकारी या लापरवाह को बचाने में जुटे अफसर ?
गणेश मरावी, डिंडौरी। मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में अमृत सरोवर योजना के तहत कराए जा रहे तालाबों की निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उपयंत्री अपने चहेते ठेकेदार से तालाबों का गुणवत्ताविहीन निर्माण करा लाखों रुपए का बंदरबाट किया जा रहा है। अमृत सरोवर योजना उपयंत्री और सप्लायरों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। यहां पर अमृत सरोवरों के निर्माण कार्यों पर जमकर लापरवाही बरती जा रही है।
तालाबों की गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य को लेकर समाचार के माध्यम से उच्चाधिकारियों को लगातार अवगत करा रहे हैं, जिस पर जिम्मेदारों के द्वारा नोटिस भी जारी की जाती है, जिसमें जवाब तलब के लिए समय सीमा दी जाती है, लेकिन नोटिस जारी कर अधिकारी ही भूल जाते हैं। किसी को नोटिस जारी किए थे, जिस पर समय के अंदर ही जवाब तलब की जानी है।
ये है पूरा मामला
जनपद पंचायत डिंडौरी के ग्राम पंचायत देवरा में लगभग 59 लाख रू की लागत से तालाब निर्माण कराया गया है. जहां से लगातार पानी रिसाव हो रहा है. मामले को लेकर उपयंत्री गिरवर डेहरिया से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा था कि अमृत सरोवर का निर्माण पानी रोकने नहीं, बल्कि पानी भगाने के लिए बनाया गया है। उक्त मामले पर सीईओ के द्वारा उपयंत्री गिरवर डेहरिया को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिये थे, लेकिन उपयंत्री गिरवर डेहरिया के द्वारा अभी तक जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है।
सीईओ के द्वारा उपयंत्री गिरवर डेहरिया को 3 जनवरी 2024 को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिये थे, लेकिन उपयंत्री के द्वारा समय से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है। उक्त मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारी भी ध्यान नही दे रहे हैं या फिर यूं कहा जाये कि लापरवाह उपयंत्री पर कार्रवाई न करने की ठान ली है।
मामले पर अधिकारी भी ध्यान नही दे रहें है, जबकि जारी किये गये नोटिस में समय सीमा के भीतर जवाब नही देने पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराने की लेख किया गया है, लेकिन सीईओ के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत नही कराया गया है।
मामले को लेकर डिंडौरी मुख्यकार्यपालन अधिकरी कशिश ने कहा कि मामले की जानकारी नही है,अभी चार्ज मिली है। अमृत सरोवर के तहत कराये जा रहे निर्माण कार्य आरईएस विभाग का काम है।
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