छत्तीसगढ़
आत्मानंद स्कूलों की बागडोर संभालेगा शिक्षा विभाग: मंत्री बृजमोहन से मिलकर शालेय शिक्षक संघ ने जताया आभार, लंबित DA भी जल्द देगी सरकार
रायपुर। प्रदेश मे नई सरकार बनते ही प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे के नेतृत्व मे प्रदेश के शिक्षक संवर्ग का एक बड़ा संगठन शालेय शिक्षक संघ, अपने प्रांतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ राजधानी में नवपदस्थ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री गृहमंत्री विजय शर्मा, उपमुख्यमंत्री विधि मंत्री अरुण साव, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, वित्त मंत्री ओ पी चौधरी साहित समस्त मंत्रियों से मिलकर जीत पर बधाई दी। प्रदेश के समस्त शिक्षकों की ओर से अभिनंदन किया गया। शिक्षकों व कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया गया। नई सरकार से शिक्षकों व कर्मचारियों की समस्याओं के शीघ्र निराकरण करने का आग्रह किया गया।
छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ ने नये सरकार के गठन पर बधाई देते हुए मांग किया था कि पिछले पांच सालों मे प्रदेश की शिक्षा विभाग और शिक्षा व्यवस्था की बागडोर एक उत्तरदायित्वविहीन संविदा अधिकारी के हाथों मे रही, जिनकी कार्यप्रणालियों से प्रदेश के समस्त शिक्षक व समुचा शिक्षा विभाग त्रस्त रहा। शिक्षा विभाग मे उटपटांग नवाचार के नाम पर प्ररिणाम विहीन योजनाएं लागू की गई ,जो केवल भ्रष्ट्राचार करने का साधन मात्र बनकर रह गई थी।
उक्त अधिकारी के द्वारा शिक्षा विभाग की मौलिकता को नष्ट करने मे कोई कसर बाकि नहीं रखी गई, निजी पत्रिका को जबरदस्ती प्रदेश के स्कूलों को क्रय करने के लिए बाध्य किया गया, शिक्षकों को लगातार परेशान किया,तथा उनकी समस्याओ के समाधान हेतु कोई प्रयास भी नही किया गया,अपितु केवल कमेटियों के ऊपर कमिटियां बनाकर अटकाने भटकाने का काम किया, यहाँ तक कि कोर्ट के निर्णय की भी गलत व्याख्या कर संशोधित शिक्षकों को प्रताड़ित किया।
ऐसे संविदा अधिकारी से अब शिक्षा विभाग मुक्त हो गया है,उनके आतंक से त्रस्त शिक्षकों को अब नई सरकार से बड़ी उम्मीदें हैँ, कि वे शिक्षा विभाग को भेदभाव और भ्रष्ट्राचार से ग्रस्त शिक्षा विभाग को पुनः पटरी पर लाने का कार्य करेंगे व शिक्षकों की समस्याओं का भी उचित समाधान किया जायेगा, तथा शिक्षा विभाग को बदहाल बनाने वाले संविदा अधिकारी की निष्पक्ष जाँच कराना चाहिए।
संशोधन निरस्त कर की गई प्रताड़ना से मुक्ति
संशोधन समस्त विभाग की होने वाली नियमित प्रक्रिया के बावजूद प्रदेश के लगभग 4000 शिक्षकों व उनके परिवार जनों को संशोधन निरस्तीकरण के नाम पर प्रताड़ित किया गया,यहाँ तक कि हाईकोर्ट की गलत व्याख्या करके इन शिक्षकों को विगत चार माह से वेतन प्रदाय न करना तथा संशोधित शाला ने ज्वाईन्. करने से रोका गया, इन्हे जबरदस्ती न्याय से वँचित कर आर्थिक,मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना दी गई।
समस्त प्रभावित शिक्षकों को उनके संशोधित शाला मे कार्यभार ग्रहण कराकर उनका लंबित वेतन तत्काल जारी किये जावे इस मांग पर अभी उन सभी शिक्षकों को उनके कोर्ट के आदेश पर संशोधित शाला मे ज्वाइन कराया जा चुका है परन्तु उनका पिछले चार माह का लंबित वेतन अभी शेष है, जिसे शीघ्र प्रदाय किया जाना चाहिए।
DA /HRA को देय तिथि से न देने पर लाखों का नुकसान
केंद्र के बराबर DA देने की बाध्यता के बावजूद पिछली सरकार द्वारा समस्त कर्मचारियों को उनके मौलिक अधिकार से वँचित रखा गया, जिससे प्रत्येक कर्मचारियों लाखों का आर्थिक नुकसान हुआ। अतः केंद्र के बराबर,देय् तिथि से ही DA / HRA प्रदान किया जावे,तथा पूर्व सरकार द्वारा दबाई गई एरियर्स राशि प्रदान किया जावे।
पारदर्शी व समयबद्ध पदोन्नति के अभाव से अधिसंख्य शिक्षक पदोन्नति से वँचित-
वर्षो से एक ही पद पर कार्य कर रहे शिक्षक संवर्ग के लिए पदोन्नति ही एकमात्र माध्यम है जिससे उनके पद और वेतन दोनो मे उत्तरोत्तर वृद्धि होती है किन्तु विभाग द्वारा समयबद्ध तथा पारदर्शी प्रक्रिया न अपनाये जाने से विवाद की स्थिति बनी तथा भ्रष्ट्राचार की शिकायतें मिलती रही,जिससे अपेक्षानुरूप पदोन्नति नही हो पाई।
प्राचार्य /व्याख्याता/मिडिल प्रधान पाठक/शिक्षक/प्राथमिक प्रधान पाठक के हजारों पद अभी भी रिक्त पड़े है जिन पर पदोन्नति नही हो पाई। अतः गैर जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर उचित कार्यवाही कर पारदर्शी अविलम्ब पदोन्नति प्रदान किया जावे।
स्कूलों का अव्यवहारिक टाइमिंग, नवाचार के नाम पर उटपटांग असफल योजनाएं
शाला आरम्भ को सुबह् 10 बजे की जगह अव्यवहारिक रूप से 9:45 से करने की वजह से कई शिक्षकों को हड़बड़ी मे दुर्घटना होने के कारण जान से हाथ धोना पड़ा है, तरह तरह उटपटांग योजनाये लागू करने से स्कूलों की पढ़ाई का स्तर बढ़ने के बजाय और घटा है। इसी तरह शिक्षकों से कई गैर शैक्षणिक कार्य लगातार कराये जाते है जिससे उनका अध्यापन कार्य प्रभावित होता है।जिसे बंद करने की आवश्यकता है।
आत्मानंद स्कूल स्थानीय समिति के बजाय शिक्षा विभाग का नियंत्रण हो
पिछली सरकार मे आत्मानंद स्कूलों के कारण प्रदेश के शासकीय स्कूलों मे पढ़ने वाले बच्चों के साथ भेदभाव हो रहा था, स्कूल के शासकीय पद समाप्त कर दिये गये,नियुक्ति संविदा अथवा प्रतिनियुक्ति पर की गई, शासकीय कोषालय की जगह DMF जैसे फंड से स्कूल का संचालन किया गया,जिसमें काफी अनियमित्ताओं की शिकायते आती रही रही।
इसकी समीक्षा की जानी चाहिए और बच्चो से भेदभाव करने वाली व्यवस्था को समाप्त करना चाहिए तथा उन स्कूलों मे शासकीय पदों का पद समाप्त न किया जाये इस मांग पर आज शिक्षामंत्री बृजमोहन अग्रवाल जी ने सदन मे घोषणा की अब इन स्कूलों का संचालन शिक्षा विभाग करेगा, इस निर्णय का शालेय शिक्षक संघ ने स्वागत किया है व शिक्षामंत्री जी को धन्यवाद प्रेषित किया।
सेवा अवधि की गणना करते हुए पुरानी पेंशन, क्रमोन्नति व वेतन निर्धारण किया जाए
छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी तथा प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि पिछली सरकार द्वारा उपरोक्त समस्याओ का उचित समाधान न करना ही शिक्षकों व कर्मचारियों के आक्रोश का प्रमुख कारण रहा है
अब नई सरकार से बड़ी उम्मीदें प्रदेश के शिक्षकों व कर्मचारियों को है। नई सरकार ने कर्मचारियों के लिए बहुत सी घोषणाए भी अपने मोदी की गारंटी भी शामिल की गई है,जिनको यथाशीघ्र पूर्ण कर शिक्षकों और कर्मचारियों की अपेक्षाओ पर खरा उतरा जा सकता है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को शुभकामनाएं दी गई
शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी सुनील सिंह,विष्णु शर्मा,डॉ सांत्वना ठाकुर,सत्येंद्र सिंह,विवेक शर्मा,गजराज सिंह,राजेश शर्मा,शैलेन्द्र सिंह,प्रह्लाद जैन,सन्तोष मिश्रा,सन्तोष शुक्ला,शिवेंद्र चंद्रवंशी,दीपक वेंताल,यादवेंद्र दुबे,सर्वजीत पाठक,मंटू खैरवार,पवन दुबे,भोजराम पटेल,विनय सिंह,आशुतोष सिंह,भानु डहरिया,रवि मिश्रा,जितेंद्र गजेंद्र,अजय वर्मा,कृष्णराज पांडेय,घनश्याम पटेल,बुध्दहेश्वर शर्मा,प्रदीप पांडेय,जोगेंद्र यादव,देवव्रत शर्मा,अब्दुल आसिफ खान, कैलाश रामटेके,अमित सिन्हा, विक्रम राजपूत,सुशील शर्मा, विजय बेलचंदन, अशोक देशमुख,तिलक सेन आदि पदाधिकारियो ने सरकार से उपरोक्त मांगो पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की है।
Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanistan Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS