गिरीश जगत, गरियाबंद: कंडम गाड़ियां गरियाबंद की सड़कों पर यमदूत बनकर दौड़ रही हैं. जिले में हजारों गाड़ियां हैं, जो 30 प्रतिशत कंडम हो चुकी हैं, लेकिन मजाल है कि विभाग इस ओर ध्यान दे. हाल ही में इस कोताही ने 30 बच्चों की जान को दांव में लगा दिया. लापरवाह स्कूल प्रबंधन और RTO की कोताही साफ नजर आई. परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार बहुत से वाहनों के दस्तावेज नहीं हैं, फिर भी दौड़ रहे हैं.
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, आज बड़ा हादसा हो गया, लेकिन अच्छी बात ये है कि कोई अनहोनी नहीं हुई. दोपहर डोहेल ग्राम स्थित BHN स्कूल की बस 30 बच्चों को बिठाकर घर छोड़ने ले जा रही थी. बस देवभोग गिरसूल होते हुए सीनापाली की ओर जा रही थी, तभी गिरसूल के पास मोड में अचानक पलट गई.
थाना प्रभारी गौतम गावड़े ने बताया कि चालक महेंद्र सोम उम्र 25 वर्ष के खिलाफ आईपीसी की धारा 279,337 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है. चालक ने ब्रेक फेल होने के कारण अनियंत्रित होना बताया है. अब तक बस से जुड़ी अनिवार्य कोई भी दस्तावेज नहीं दिखाया गया है. मामूली 4 घायल बच्चो का परिजनों ने इलाज करवा लिया है. विवेचना की जा रही है.
खिड़की के सहारे बच्चों को निकला
बस के पलटते ही चीख-पुकार मच गई, लेकिन सभी बच्चे बाल बाल बच गए. बताया जाता है कि यह बस पिछले कई महीनों से खराब चल रही थी. पालकों ने इसके मेंटेनेंस की मांग भी की थी, लेकिन प्रबंधन ने इसे ध्यान नहीं दिया.
आज हुए हादसे में ब्रेक फेल को वजह माना जा रहा है. हादसे के बाद गिरशूल के ग्रामीण मौके पर पहुंचे. पलटे हुए बस के भीतर से बच्चों को बाहर निकाल इनमें चार बच्चों को मामूली चोटें आई हुई है.
परिजनों का फूटा गुस्सा
घटना के बाद अभिभावकों में जबरदस्त आक्रोश देखा गया. मौके पर पहुंचे प्रबंधन और चालक पर भीड़ ने अपना गुस्सा भी उतारा. इस घटना के बाद अब सभी बसों के फिटनेस जांच की मांग उठ रही है. अलग अलग स्कूलों से रोजाना 20 से भी ज्यादा बसे चल रही हैं.
पालकों का आरोप है कि कुछ चालक नशे के हालत में निर्धारित स्पीड से ज्यादा स्पीड में वाहन चलाते हैं. बच्चों के भविष्य को देखते हुए इस मामले में सख्ती बरतने की मांग की जा रही है.
Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanistan Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS