![Chhattisgarh: चक्रवात के असर से उत्तरी छत्तीसगढ़ में भी हुई बारिश, सूरजपुर में ओले गिरे Chhattisgarh: चक्रवात के असर से उत्तरी छत्तीसगढ़ में भी हुई बारिश, सूरजपुर में ओले गिरे](https://i0.wp.com/staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/03/17/750x506/jarathara-brasha-ka-satha-paugdhata-ol_1679070595.jpeg?fit=%2C&ssl=1)
![Chhattisgarh: चक्रवात के असर से उत्तरी छत्तीसगढ़ में भी हुई बारिश, सूरजपुर में ओले गिरे जोरदार बारिश के साथ पड़ते ओले](https://i0.wp.com/staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/03/17/750x506/jarathara-brasha-ka-satha-paugdhata-ol_1679070595.jpeg?resize=414%2C233&ssl=1)
जोरदार बारिश के साथ पड़ते ओले
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
चक्रवात के असर से उत्तरी छत्तीसगढ़ में भी शुक्रवार शाम कई स्थानों पर बारिश हुई और कुछ जगहों पर ओले भी पड़े। शाम को सूरजपुर जिले के चांदनी बिहारपुर इलाके में जमकर ओले गिरे। संभाग मुख्यालय में रात करीब 8.30 बजे बारिश हुई। चक्रवात के असर से उत्तरी छत्तीसगढ़ में पिछले दो दिनों से बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात का असर अगले दो दिनों तक रहेगा और अंधड़ के साथ बारिश हो सकती है व ओले भी पड़ सकते हैं।
चक्रवात के असर से पिछले दो दिनों से छाए बादल आज उत्तरी छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर बरसे व ओलावृष्टि भी हुई। सूरजपुर जिले के चांदनी-बिहारपुर क्षेत्र में शुक्रवार शाम ओलावृष्टि हुई। यह मध्यप्रदेश से लगा सरहदी इलाका है। ओलावृष्टि के कारण आम एवं अन्य फसलों को नुकसान हुआ है। वहीं, संभाग मुख्यालय अंबिकापुर सहित सरगुजा, बलरामपुर एवं सूरजपुर के कई स्थानों पर देर शाम एवं रात को छिटपुट बारिश हुई। अंबिकापुर में 8.30 से बारिश शुरू हुई जो करीब आधे घंटे से अधिक समय तक जारी रही।
फसलों को नुकसान की आशंका
चक्रवात के कारण मौसम का मिजाज बदलने से जहां अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है, वहीं, आंधी व ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान की आशंका है। पिछले दो दिनों से बादल छाए रहने के कारण अधिकतम तापमान 32 डिग्री से गिरकर 26 डिग्री पहुंच गया है। वहीं, न्यूनतम तापमान भी गिरकर 14 डिग्री पहुंच गया है। मौसम वैज्ञानिक एएम भट्ट ने बताया कि अगले दो दिनों तक बादल छाए रहेंगे व बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है। ओलावृष्टि एवं आंधी से किसानों की चिंता बढ़ सकती है। इससे सब्जी की फसलों, गेंहू एवं आम को खासा नुकसान हो सकता है। आम के बौर पानी नहीं गिरने के कारण सूख रहे थे। वहीं अब बौर में जो फल लगे हैं, उनपर आंधी एवं ओलावृष्टि का खतरा मंडरा रहा है।