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गायें सड़कों पर मरने को क्यों मजबूर हैं ? अनूपपुर में कंप्यूटर बाबा बोले- गाय वोट नहीं देतीं, इसलिए वो सड़कों पर मर रही

षटदर्शन संत समिति मध्य प्रदेश के अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा गो माता बचाओ यात्रा लेकर शुक्रवार को अनूपपुर पहुंचे। यह यात्रा 26 सितंबर को चित्रकूट से शुरू हुई थी। इसका समापन 10 अक्टूबर को उज्जैन में होगा। कंप्यूटर बाबा ने जिले में पदयात्रा कर गौमाता को बचाने की अपील की। कंप्यूटर बाबा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार को अपवित्र बताया और कहा कि गायें वोट नहीं देतीं, इसलिए वो सड़कों पर मर रही हैं।

कंप्यूटर बाबा ने कहा कि गौहत्या बंद हो गई है, सिर्फ कागजों में अब भी अनाधिकृत रूप से गायों की हत्या हो रही है। जिस भी सड़क पर जाओ, वहां गायों की लाशें पड़ी रहती हैं। उन्होंने कहा कि गायें सड़कों पर मरने को क्यों मजबूर हैं ? गौशालाएं गायों के लिए बनाई गई हैं वह बंद था। चारा-भूसा उपलब्ध कराने का जो भी प्रावधान था, वह बंद कर दिया गया।

यहां तक कि वहां काम करने वाले कर्मचारियों को भी नौकरी से निकाल दिया गया। गौशालाएं क्यों बंद की गईं? गौशालाएं बंद करके कौन सी मुफ्त रेवड़ी बांटी गई? हम इन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं और जनता के माध्यम से सरकार को चेतावनी भी दे रहे हैं कि अगर वह गाय की रक्षा नहीं कर सकती तो जनता के हितों की रक्षा कैसे करेगी?

सरकार ने गौशाला बंद कर दी

कंप्यूटर बाबा ने कहा कि घोषणाओं की बारिश हो रही है, छाते, चप्पल-जूते की घोषणा हुई, लेकिन गौ माता के लिए कोई घोषणा नहीं हुई. उन्होंने कहा कि गायें वोट नहीं देतीं, इसलिए चुनाव के समय उनके लिए कोई घोषणा नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि खुद को सनातन धर्म का सेवक कहने वाली शिवराज सरकार के दौर में सड़क पर हादसों में गायें मर रही हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार सनातन विरोधी है और हम सब मिलकर सनातन को मानने वालों को एक साथ लेकर आये। जब उनसे सनातन धर्म को डेंगू और मलेरिया कहने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर कोई नेता सनातन के बारे में बोलता है तो साधु-संत उसकी निंदा करते हैं।

ग्रामोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष को कठपुतली कहा गया

कंप्यूटर बाबा ने गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष को कठपुतली बताया और कहा कि महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि को सरकार ने कठपुतली के रूप में स्थापित किया है। जो भी करना है, मुख्यमंत्री शिवराज ही करते हैं। अगर राष्ट्रपति ने कुछ किया होता तो सड़कों पर गायें नहीं मरतीं।

आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमने स्पीकर से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि मेरे हाथ में कुछ नहीं है। अध्यक्ष ने कहा कि मेरे पास कोई बजट नहीं है। मैंने कई बार सरकार से कहा कि अगर कुछ नहीं किया गया तो पुरानी गौशालाओं को चालू कर दिया जाए, लेकिन सरकार मेरी बात अनसुनी कर देती है।

बीजेपी प्रायोजित तरीके से भ्रम फैलाती है

तमिलनाडु की घटना पर संत ने एक बार फिर कहा कि यह घटना तमिलनाडु की है, लेकिन बीजेपी सरकार ने इसे प्रायोजित कर हिंदी बेल्ट में फैलाया है, जबकि यह घटना हिंदी बेल्ट की नहीं है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा था कि मैं गोमांस खाता हूं तो क्या बीजेपी ने इसे प्रायोजित तरीके से फैलाया। ऐसे मुद्दों का इस्तेमाल लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए किया जाता है।

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