Chhattisgarh Kanker Naxal area opposition to removal of police camp: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के नक्सल क्षेत्र कांकेर में पुलिस कैंप हटाए जाने के विरोध में पहली बार ग्रामीण सड़कों पर उतरे हैं। इससे पहले भी कैंप खोले जाने का विरोध हो चुका है। बताया जा रहा है कि सीएसबी कैंप को कहीं और शिफ्ट किया जा रहा है। लेकिन ग्रामीण चाहते हैं कि कैंप बंद न हो। मामला लोहत्तर थाना क्षेत्र के दुर्गकांडल ब्लॉक के जाड़ेकुर्से गांव का है।
ग्रामीणों का कहना है कि कैंप हटाए जाने से गांव में फिर से नक्सली हावी हो सकते हैं। इससे गांव का विकास फिर से रुक जाएगा। उत्तर बस्तर कांकेर के जाड़ेकुर्से के ग्रामीणों ने सुरक्षा बलों से कैंप न हटाने की मांग की है। करीब 12 गांव के ग्रामीण कैंप हटाए जाने के विरोध में धरने पर बैठे हैं।
लेकिन आईजी और पुलिस प्रशासन के आश्वासन के बाद सभी वापस लौट गए। शनिवार को सुरक्षा बल जाने की तैयारी में ट्रकों में सामान लोड कर रहे थे। यह देख ग्रामीण जवानों को रोकने के लिए फिर से धरने पर बैठ गए। ग्रामीण रातभर ठंड में अलाव जलाकर धरने पर बैठे रहे।
जवान कैंप हटाने के लिए जेसीबी लाने की तैयारी कर रहे थे
ग्रामीण संतोष जैन ने बताया कि शनिवार शाम को कैंप हटाने के लिए जेसीबी लाई जा रही थी। सूचना मिलते ही ग्रामीण फिर से धरने पर बैठ गए। जब तक लिखित आदेश नहीं मिल जाता, तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे। क्योंकि, नक्सलियों से अभी भी खतरा बना हुआ है। नक्सली अंदर के गांवों में आते हैं। कैंप हटते ही नक्सली फिर से घुस आएंगे।
4 साल पहले गायब हुआ कांस्टेबल नहीं मिला
ग्रामीणों का कहना है कि 4 साल पहले इलाके से एक सहायक कांस्टेबल गायब हो गया था। अब तक उसका पता नहीं चल पाया है। ग्रामीणों को शक है कि नक्सली उसे उठा ले गए हैं। पहले नक्सली जन अदालत लगाकर लोगों से मारपीट करते थे।
अगर कैंप शिफ्ट हुआ तो हमें दिक्कत होगी
हालांकि, कैंप लगने के बाद ग्रामीण शांति से रहने लगे हैं। ग्रामीणों के बच्चे भी पढ़ाई करने लगे हैं। अब हर घर से कोई न कोई 12वीं पास हो गया है। ग्रामीणों को इलाके में सड़क, पुल समेत मूलभूत सुविधाएं मिल रही हैं। अगर कैंप शिफ्ट हुआ तो हमें दिक्कत होगी।
2008 में खुला था सीएसबी कैंप
कांकेर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र दुर्गूकंदल में 2008 में सीएसबी कैंप खोला गया था। इस इलाके में नक्सलियों ने कई वारदातों को अंजाम दिया है। इसलिए सरकार ने छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल का कैंप बनाया था। कैंप बनने के बाद नक्सली घटनाओं में कमी आई। जिसे देखते हुए अब कैंप को हटाकर दूसरे इलाके में शिफ्ट किया जा रहा है।
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