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Chhattisgarh ED Raid: धमतरी और बलरामपुर के खनिज विभाग दफ्तर में छापा, अफसरों से घंटों पूछताछ

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छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने छापा मारा है। इस बार टीम सोमवार सुबह धमतरी और बलरामपुर स्थित खनिज विभाग के दफ्तर पहुंची है। यहां पर अफसरों से पूछताछ की जा रही है। ED अफसरों का कहना है कि रेड की कार्रवाई पूरी होने के बाद ही ज्यादा जानकारी दे सकेंगे। 

जानकारी के मुताबिक, ED की टीम सुबह करीब 11.30 बजे धमतरी कलेक्ट्रेट पहुंची। वहां ED की पांच सदस्यीय टीम खनिज विभाग के दफ्तर में कार्रवाई कर रही है। बताया जा रहा है कि सहायक खनिज अधिकारी बजरंग पैकरा से अफसरों ने घंटों पूछताछ की है। हालांकि इसमें क्या निकला है, यह अभी तक नहीं बताया गया है। 

इससे पहले बजरंग पैकरा के सरगुजा स्थित निवास में इनकम टैक्स ने भी दबिश दी थी। ऐसे में इस केस को भी उससे जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं दुर्ग, कवर्धा, जगदलपुर, महासमुंद समेत कुछ और जिलों में भी ईडी के जाने की खबर है। मगर इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। एक महीने में दूसरी बार है, जब ईडी की टीम ने ऐसे दबिश दी है।

बलरामपुर में भी सहायक खनिज अधिकारी से पूछताछ
ईडी की तीन सदस्यीय टीम बलरामपुर कलेक्ट्रेट स्थित खनिज शाखा भी पहुंची। वहां बंद कमरे में सहायक खनिज अधिकारी अवधेश बारीक से पूछताछ शुरू की। इस दौरान किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं थी। बलरामपुर के पूर्व अवधेश बारीक रायगढ़ में सहायक खनिज अधिकारी के पद पर पदस्थ थे। वे कुछ माह पूर्व ही रायगढ़ से स्थानांतरित होकर बलरामपुर आए हैं। कोयला के कारोबार में अवैध वसूली के मामले में ईडी की टीम ने उनके ठिकानों पर पूर्व में भी दबिश दी थी और उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब भी किया था।

रायगढ कलेक्टर भी निशाने पर
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रायगढ से जुड़े अधिकारियों पर सख्ती से कार्रवाई कर रहा है। रायगढ़ की कलेक्टर रानू साहू के दफ्तर निवास पर ईडी की टीम ने छापेमारी की थी और खनिज शाखा पहुंचकर दस्तावेज भी जब्त किया था। 18 अक्तूबर को ईडी की टीम ने रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के मायके गरियाबंद के पाण्डुका में उनकी मां जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू व चचेरे भाई शैलेंद्र साहू के घर छापा मारा था और चिप्स के दफ्तर में भी दबिश दी थी। साथ ही रानू साहू की करीब अधिकारी माया वारियर के ठिकानों पर भी दबिश दी गई थी।

यह है मामला
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने 11 अक्तूबर छत्तीसगढ़ में एक साथ कोयले की अवैध वसूली को लेकर एक साथ कई स्थानों पर छापेमारी की थी। 14 अक्तूबर को वसूली रैकेट का खुलासा करते हुए ईडी ने बताया था कि जांच में राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली की जा रही है।  इस घोटाले में मुख्य सरगना सूर्यकांत तिवारी को बताया गया। ईडी ने आईएएस समीर विश्नोई के मकान से चार किलो सोना, हीरा और कैश बरामद किया था। टीम ने इस कार्रवाई में 6.5 करोड़ से अधिक की संपत्ति बरामद की थी।

इस मामले में सूर्यकांत तिवारी को भी ईडी ने आत्मसमर्पण की कोशिश के दौरान गिरफ्तार किया था। ईडी के अनुसार यह अवैध वसूली खनिज शाखाओं से कोयले का डिस्पेच आर्डर जारी करने के दौरान की गई थी। पहले ऑनलाइन डीओ के प्रावधान को हटाते हुए प्रदेश में खनिज अधिकारियों के भौतिक सत्यापन के बाद ही मैनुवल डीओ जारी करने का प्रावधान बना दिया गया। इसके द्वारा ही अवैध वसूली की जा रही थी। इसमें रायगढ़, कोरबा के साथ सूरजपुर जिले में डीओ जारी करने वाले अधिकारियों की जांच हो रही है।

विस्तार

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने छापा मारा है। इस बार टीम सोमवार सुबह धमतरी और बलरामपुर स्थित खनिज विभाग के दफ्तर पहुंची है। यहां पर अफसरों से पूछताछ की जा रही है। ED अफसरों का कहना है कि रेड की कार्रवाई पूरी होने के बाद ही ज्यादा जानकारी दे सकेंगे। 

जानकारी के मुताबिक, ED की टीम सुबह करीब 11.30 बजे धमतरी कलेक्ट्रेट पहुंची। वहां ED की पांच सदस्यीय टीम खनिज विभाग के दफ्तर में कार्रवाई कर रही है। बताया जा रहा है कि सहायक खनिज अधिकारी बजरंग पैकरा से अफसरों ने घंटों पूछताछ की है। हालांकि इसमें क्या निकला है, यह अभी तक नहीं बताया गया है। 

इससे पहले बजरंग पैकरा के सरगुजा स्थित निवास में इनकम टैक्स ने भी दबिश दी थी। ऐसे में इस केस को भी उससे जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं दुर्ग, कवर्धा, जगदलपुर, महासमुंद समेत कुछ और जिलों में भी ईडी के जाने की खबर है। मगर इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। एक महीने में दूसरी बार है, जब ईडी की टीम ने ऐसे दबिश दी है।

बलरामपुर में भी सहायक खनिज अधिकारी से पूछताछ

ईडी की तीन सदस्यीय टीम बलरामपुर कलेक्ट्रेट स्थित खनिज शाखा भी पहुंची। वहां बंद कमरे में सहायक खनिज अधिकारी अवधेश बारीक से पूछताछ शुरू की। इस दौरान किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं थी। बलरामपुर के पूर्व अवधेश बारीक रायगढ़ में सहायक खनिज अधिकारी के पद पर पदस्थ थे। वे कुछ माह पूर्व ही रायगढ़ से स्थानांतरित होकर बलरामपुर आए हैं। कोयला के कारोबार में अवैध वसूली के मामले में ईडी की टीम ने उनके ठिकानों पर पूर्व में भी दबिश दी थी और उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब भी किया था।

रायगढ कलेक्टर भी निशाने पर

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रायगढ से जुड़े अधिकारियों पर सख्ती से कार्रवाई कर रहा है। रायगढ़ की कलेक्टर रानू साहू के दफ्तर निवास पर ईडी की टीम ने छापेमारी की थी और खनिज शाखा पहुंचकर दस्तावेज भी जब्त किया था। 18 अक्तूबर को ईडी की टीम ने रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के मायके गरियाबंद के पाण्डुका में उनकी मां जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू व चचेरे भाई शैलेंद्र साहू के घर छापा मारा था और चिप्स के दफ्तर में भी दबिश दी थी। साथ ही रानू साहू की करीब अधिकारी माया वारियर के ठिकानों पर भी दबिश दी गई थी।

यह है मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने 11 अक्तूबर छत्तीसगढ़ में एक साथ कोयले की अवैध वसूली को लेकर एक साथ कई स्थानों पर छापेमारी की थी। 14 अक्तूबर को वसूली रैकेट का खुलासा करते हुए ईडी ने बताया था कि जांच में राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली की जा रही है।  इस घोटाले में मुख्य सरगना सूर्यकांत तिवारी को बताया गया। ईडी ने आईएएस समीर विश्नोई के मकान से चार किलो सोना, हीरा और कैश बरामद किया था। टीम ने इस कार्रवाई में 6.5 करोड़ से अधिक की संपत्ति बरामद की थी।

इस मामले में सूर्यकांत तिवारी को भी ईडी ने आत्मसमर्पण की कोशिश के दौरान गिरफ्तार किया था। ईडी के अनुसार यह अवैध वसूली खनिज शाखाओं से कोयले का डिस्पेच आर्डर जारी करने के दौरान की गई थी। पहले ऑनलाइन डीओ के प्रावधान को हटाते हुए प्रदेश में खनिज अधिकारियों के भौतिक सत्यापन के बाद ही मैनुवल डीओ जारी करने का प्रावधान बना दिया गया। इसके द्वारा ही अवैध वसूली की जा रही थी। इसमें रायगढ़, कोरबा के साथ सूरजपुर जिले में डीओ जारी करने वाले अधिकारियों की जांच हो रही है।

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