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कांग्रेस नेताओं पर गिरी गाज: विधायक के खिलाफ बोलना पड़ा मंहगा, पार्षद को नोटिस, इधर एक और नेता को पार्टी से निकाला

 

चुनाव में कुछ महीने ही बचे हैं और इससे पहले कांग्रेस में नेताओं के बगावती तेवर सामने आ रहे हैं। बगावत के बावल से बचने के लिए कांग्रेस पार्टी ने ऐसे नेताओं पर कार्यवाही की रणनीति तैयार की है। रायपुर के एक पार्षद को इसी वजह से कारण बताओं नोटिस थमा दी गई। बेमेतरा में तो एक पुराने कांग्रेस नेता को पार्टी से निकाल दिया गया।

नागभूषण राव को नोटिस दिया गया है।
नागभूषण राव को नोटिस दिया गया है।

 

पहला मामला रायपुर का है कांग्रेस पार्षद नागभूषण राव को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। नाभूषण राव ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर विधायक सतनारायण शर्मा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर दिया था। मामला कुछ दिन पहले का है, अपने क्षेत्र में पट्टा देने वाली सर्वे लिस्ट से सैकड़ों गरीब परिवारों का नाम हट जाने का विरोध करते हुए राव ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया था।

पार्षद को जारी नोटिस।
पार्षद को जारी नोटिस।

 

नोटिस में ये लिखा है
कांग्रेस पार्टी के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैंदु ने यह नोटिस जारी किया है । नोटिस में लिखा है कि राव ने रायपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के विधायक और वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा के विरुध्द अनर्गल टिप्पणी किये जाने की जानकारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संज्ञान में आया है, जिसे छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने गंभीरता से लिया है। वरिष्ठ विधायक के विरूध्द की गयी टिप्पणी अनुशासनहीनता की परीधि में आता है। प्रदेशाध्यक्ष के निर्देशानुसार कारण बताओं नोटिस जारी किया जाता है। जारी नोटिस का लिखित जवाब / स्पष्टीकरण पत्र प्राप्ति के 3 दिवस के भीतर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को देनी होगी ।

कार्रवाई का डंडा मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के इशारे पर चला है।
कार्रवाई का डंडा मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के इशारे पर चला है।

 

मैंने विधायक पर नहीं की कोई टिप्पणी
नोटिस मिलने के बाद दैनिक भास्कर से बात करते हुए कांग्रेस पार्षद नागभूषण राव का कहना है कि मैंने कोई भी टिप्पणी अपने विधायक के खिलाफ नहीं की। मुझे कारण बताओं नोटिस मिला है 3 दिन के अंदर में इसका स्पष्टीकरण अपनी पार्टी को सौंपुंगा। पार्टी की ओर से जो पत्र प्राप्त हुआ है उसमें वरिष्ठ विधायक पर टिप्पणी का जिक्र है मैंने अपना विधायक के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है। सकारात्मक रूप से इस पूरी घटना की जानकारी अपनी पार्टी को दूंगा । वो पूरा मुद्दा जनता की मुद्दा था मैं ऐसे ही मुद्दे अपने क्षेत्र में लगातार उठाता रहूंगा ।

पंकज शर्मा को टिकट देने की चर्चा के बीच इनका भी भीतरी तौर पर हो रहा है।
पंकज शर्मा को टिकट देने की चर्चा के बीच इनका भी भीतरी तौर पर हो रहा है।

 

रायपुर ग्रामीण पंकज शर्मा का विरोध
दरअसल इस बार कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है रायपुर ग्रामीण सत्यनारायण शर्मा की सीट मानी जाती है यानी कि कांग्रेस का गढ़ माना जाता है ऐसे में सत्यनारायण शर्मा ने अपने बड़े बेटे पंकज शर्मा को टिकट दिया जाए इसकी मांग की है । पंकज शर्मा के नाम को लेकर लगातार रायपुर ग्रामीण के नेता विरोध कर रहे हैं । रायपुर ग्रामीण सीट पर लंबे समय तक राजनीति करने वाले कई वरिष्ठ नेता हैं जो पंकज शर्मा के नाम के खिलाफ हैं नागभूषण राव भी उन्हीं में से एक माने जाते हैं

कांग्रेस नेत्री और जिला पंचायत सदस्य हैं प्रज्ञा, इनके पति भी पार्टी में पदाधिकारी थे अब निकाल दिए गए हैं।
कांग्रेस नेत्री और जिला पंचायत सदस्य हैं प्रज्ञा, इनके पति भी पार्टी में पदाधिकारी थे अब निकाल दिए गए हैं।

बेमेतरा के निर्वाणी को निकाल दिया

असंगठित कामगार-कर्मचारी कांग्रेस (KKC) में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य बेमेतरा के सौरभ निर्वाणी को कांग्रेस ने निकाल दिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री मलकीत गेंदु द्वारा इसका रविवार को आदेश जारी कर दिया गया है। निर्वाणी को एक साल के लिए पार्टी से निष्काषित किया गया है। पार्टी की ओर से बताया गया कि निर्वाणी प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के सामने बेमेतरा विधायक आशीष छाबड़ा के ऊपर अनर्गल आरोप लगाने, नारेबाजी करने में शामिल थे।

हमसे भाजपा वाले संपर्क में
इस कार्रवाई को बेमेतरा के कांग्रेस नेता निर्वाणी ने हतप्रभ करने वाला बताया। निर्वाणी की पत्नी प्रज्ञा बेमेतरा जिला पंचायक सदस्य हैं। बेमेतरा सीट से विधायकी का दावा कर रही हैं, जहां से इस समय आशीष छाबड़ा कांग्रेस विधायक हैं। सौरभ ने बताया कि हमे जब नोटिस मिला तो हमने जवाब दे दिया, छोटी सी बात के लिए पार्टी से निकालना हैरान कने वाला है, आम आदमी पार्टी और भाजपा के लोग संपर्क में हैं जो उचित होगा हम फैसला करेंगे।

खबर है कि निर्वाणी और क्षेत्र के कुछ लोग दीपक बैज से मिलने पहुंचे थे। ये सभी मांग कर रहे थे कि इस बार टिकट निर्वाणी की पत्नी प्रज्ञा को दिया जाए। इसी बात को लेकर कुछ लोगों प्रदेश अध्यक्ष के सामने नारेबाजी और हंगामा कर दिया। इस तरह की हरकत से नेता नाराज हुए और कार्रवाई की गई, निर्वाणी ने दैनिक भास्कर से कहा कि मुझे लगता है कि इसके पीछे कुछ ताकतवर लोगों का हाथ है ताकि हमें दावेदारी की रेस से बाहर ही कर दिया जाए।

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