

प्रांतीय कलार महोत्सव में संबोधित करते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में महुआ बोर्ड के गठन की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि महुआ संग्रहण के लिए तकनीकी अपनाई जा रही है। जिससे उसे जमीन पर गिरने से पहले ही प्राप्त किया जा सके। इसका निर्यात विदेशों में भी किया जाएगा। वहीं उन्होंने मां बहादुर कलारिन के नाम से वीरता पुरस्कार प्रदान करने की भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री बघेल रविवार को बालोद में आयोजित प्रांतीय कलार महोत्सव में पहुंचे हुए थे।
समाज स्तर पर कई परंपराओं को खत्म करना चाहिए
ग्राम कलंगपुर में युवा मंच-महिला मंच की ओर से आयोजित महोत्सव में मुख्यमंत्री ने कहा कि, समाज स्तर पर कई परंपराओं को खत्म करना चाहिए, जैसे विधवा औरत को अपने बेटे के सेहरा सजाने का अधिकार हो। सबको समान अधिकार होता है। कहा कि, कलार समाज बहुत मेहनती है। पहले शराब का धंधा करते थे, अब खेती-किसानी करते हैं। समाज की ओर से महुआ बोर्ड की बात सामने आई है। इसे मंत्रिमंडल में रखेंगे।
किसानों के लिए हम करते हैं तो ये रेवड़ी
मुख्यमंत्री ने कहा कि, 15 दिन धान खरीदी शेष है। अभी तक 96 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो रही है। इस वर्ष एक करोड़ मीट्रिक टन से आगे जाने की बात उन्होंने कही। साथ ही 21 मार्च को चौथी किश्त देने की घोषणा की। उन्होंने केंद्र और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, जब हम किसानों के लिए करते हैं, तो इसे रेवड़ी कहते हैं। ये रेवड़ी नहीं छत्तीसगढ़ की रबड़ी है। किसानों के लिए इतना तो करना ही चाहिए।
समाज ही सार्थक, समाज की विकास
संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि को समाज ही सत्य है, समाज ही सार्थक है। हम कितने भी बड़े पद में हों, यदि समाज में न हो तो कोई काम का नहीं है। समाज के लिए प्रत्येक व्यक्ति बढ़ चढ़कर आगे आ रहे हैं। समाज का ताना-बाना मिलकर आज प्रदेश को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से परसाही के पूर्व माध्यमिक शाला को हाईस्कूल और ग्राम सिकोसा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उप स्वास्थ्य केंद्र बनाने की मांग की।